बाइपोलर डिसऑर्डर क्या है। Bipolar Disorder in Hindi
जुलाई 25, 2019 Brain Diseases 9710 ViewsBipolar Disorder Meaning in Hindi.
बाइपोलर डिसऑर्डर एक तरह की मानसिक बीमारी होती है। इस बीमारी को दूसरे शब्दो में Manic Disorder कहा जाता है। इस बीमारी में लोगो का मूड हमेशा बदलते रहता है। इसमें व्यक्ति अचानक से खुश हो जाता है और कभी अधिक दुखी या डिप्रेशन में चला जाता है। कुछ लोगो में बात आत्महत्या करने तक आ जाती है। बाइपोलर डिसऑर्डर से पीड़ित लोग में आत्मविश्वास की कमी या कभी आत्मविश्वास उनमे अधिक हो जाता है। इसमें व्यक्ति को बुरे सपने भी आ सकते है। हालांकि
बाइपोलर डिसऑर्डर एक बुरी स्थिति होती है। जो दीर्धकालीन समय तक चलती है। इसके उपचार के लिए मनौवैज्ञानिक की आवश्कता होती है। चलिए बाइपोलर डिसऑर्डर (Bipolar Disorder) के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करते है।
- बाइपोलर डिसऑर्डर के प्रकार ? (Types of Bipolar Disorder in Hindi)
- बाइपोलर डिसऑर्डर के कारण क्या है ? (What are the Causes of Bipolar Disorder in Hindi)
- बाइपोलर डिसऑर्डर के लक्षण क्या है ? (What are the Symptoms of Bipolar Disorder in Hindi)
- बाइपोलर डिसऑर्डर का उपचार क्या है ? (What are the Treatments for Bipolar Disorder in Hindi)
- बाइपोलर डिसऑर्डर से बचाव कैसे करें ? (Prevention of Bipolar Disorder in Hindi)
बाइपोलर डिसऑर्डर के प्रकार ? (Types of Bipolar Disorder in Hindi)
बाइपोलर डिसऑर्डर के कई प्रकार होते है। इसमें मुख्य रूप से मैनिया व हाइपोमैनिया शामिल होते है। जो मूड में बदलाव के कारण बनते है। इसके परिणामस्वरूप मनुष्य को जीवन में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
- बाइपोलर डिसऑर्डर 1 :- इस प्रकार की बीमारी में पीड़ित व्यक्ति को एक बार अत्यधिक तेजी, अत्यधिक ऊर्जा, अत्यधिक उत्तेजना, बड़ी बड़ी बाते करने का दौरा आने लगता है। इस तरह की तेजी लगभग 3 से 4 महीनो तक रहता है। इस बीमारी का इलाज ना किया जाये तो। यह अपने आप ठीक हो जाता है। किंतु व्यक्ति डिप्रेशन में चला जाता है।
- बाइपोलर डिसऑर्डर 2 :- इस प्रकार की बीमारी में पीड़ित व्यक्ति को बार-बार उदासी या डिप्रेशन होने लगता है।
- रैपिड साइलिक :- इस प्रकार की बीमारी में पीड़ित व्यक्ति को साल में कम से कम चार बार उदासी या मैनिया का तेजी से असर होता है।
बाइपोलर डिसऑर्डर के कारण क्या है ? (What are the Causes of Bipolar Disorder in Hindi)
बाइपोलर डिसऑर्डर के कारण अभी ताल ज्ञात नहीं हो पाए है। किंतु कुछ अन्य कारक हो सकते है। जो इस बीमारी को बढ़ावा दे सकते है।
- जैसे की बायलॉजिकल भिन्नताएं होना।
- न्यूरोट्रांसमीटर,यानि मस्तिष्क के रसायनो का असंतुलन होना।
- अनुवांशिक लक्षण यानि पारिवारिक समस्या इत्यादि के कारण हो सकते है।
- बाइपोलर डिसऑर्डर के कुछ जोखिम कारक भी है।
- जैसे की बहुत अधिक तनाव में होना। (और पढ़े – माइग्रेन का कारण क्या है)
- शराब या नशे की लत होना।
- जीवन में किसी कारण से अत्यधिक दुख से गुजरना।
- घर में पहले से कोई सदस्य पीड़ित होना।
बाइपोलर डिसऑर्डर के लक्षण क्या है ? (What are the Symptoms of Bipolar Disorder in Hindi)
बाइपोलर डिसऑर्डर किसी भी उम्र के लोगो में हो सकता है। इसके लक्षण सभी में विभिन्न प्रकार से नजर आते है। किंतु समय के साथ लक्षण में बदलाव होते रहते है।
- तनाव महसूस करना। (और पढ़े – एंजायटी क्या है)
- कुछ ना सोचते रहना।
- अत्यधिक खुश होना।
- बिना कारण बाते करना।
- आत्मविश्वास में कमी आना।
- बहुत चिड़चिड़ापन आना।
- गतिविधि और ऊर्जा में वृद्धि होना।
- निर्णय लेने में कठिनाई होना।
- अधिक परेशान रहना।
- कुछ गंभीर मामलो में पीड़ित व्यक्ति खुदखुशी करने की कोशिश करते रहता है।
- नींद की कमी होना। (और पढ़े – अनिद्रा क्या है और अनिद्रा दूर करने का इलाज क्या है)
बाइपोलर डिसऑर्डर का उपचार क्या है ? (What are the Treatments for Bipolar Disorder in Hindi)
बाइपोलर डिसऑर्डर के उपचार के लिए मानसिक मनोचिकिस्तक के निर्देश की आवश्यता होती है।
- प्रारंभिक उपचार में मनुष्य के मूड को संतुलित रखने के लिए कुछ दवाइयों का सेवन करने दे सकते है। ताकि चिकिस्तक इस बीमारी के लक्षणो पर नियंत्रण पा सके।
- बाइपोलर डिसऑर्डर से ग्रस्त लोगो को जीवन भर उपचार की जरूरत पड़ सकती है। हालांकि ग्रस्त व्यक्ति को तभी अच्छा लगता है। जब अच्छी तरह से उसकी देखभाल की जाये।
- यदि व्यक्ति शराब व नशीले पदार्थो का सेवन करता है। तो ऐसे में बाइपोलर डिसऑर्डर का उपचार करना मुश्किल हो जाता है। इसलिए उपचार करवाते समय शराब का सेवन करने से परहेज करें।
- यदि इस रोग से पीड़ित व्यक्ति बहुत ख़तनारक व्यवहार करता है। तो उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती करवा देना चाहिए।
- बाइपोलर डिसऑर्डर में चिकिस्तक कुछ दवाईया जैसे मूड स्टॅब्लिज़ेर, एंटीसाइकोटिक, एंटीडिप्रेसेंट्स, एंटी – एंजायटी इत्यादि है। इस बात का ध्यान रखे बाजारों से लेकर ना खाये। केवल चिकिस्तक के कहने पर ही इन दवाओं का सेवन करे।
- बाइपोलर डिसऑर्डर के उपचार में कुछ थेरेपी भी की जाती है। जैसे (Congnitive Behavioral Therapy, Physcoeducation, Interpersonal and Social Rhythm Therapy आदि है।
बाइपोलर डिसऑर्डर से बचाव कैसे करें ? (Prevention of Bipolar Disorder in Hindi)
- बाइपोलर डिसऑर्डर का कोई निश्चित तरीका नहीं है। किंतु कुछ लक्षणो के आधार पर हम ध्यान दे सकते है।
- यदि आपके परिवार के किसी सदस्य या दोस्तों में स्वभाव में बदलाव नजर आने लगे तो। ऐसे में चिकिस्तक से जांच व इलाज करवाना चाहिए।
- शराब व अन्य दवाओं का अधिक सेवन ना करे।
- यदि आप मानसिक रोग का उपचार कर रहे है। तो इसका कोर्स पूरा करे और बिच में उपचार छोड़ने की गलती ना करे।
- बाइपोलर डिसऑर्डर की दवाओं का सेवन खुद से ना करे। केवल चिकिस्तक द्वारा दिए गए दवाओं का ही सेवन करे।
अगर आपको बाइपोलर डिसऑर्डर के बारे में अधिक जानकारी एव उपचार करवाना हो तो बिना किसी देरी साईकेट्री चिकिस्तक (Psychiatrist) से संपर्क करें।