ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक में क्या अंतर है? Difference Between Brain Stroke and Heart Attack in Hindi
नवम्बर 16, 2020 Brain Diseases 3601 Viewsब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक में अंतर का मतलब हिंदी में
ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक दोनों के लक्षण और प्रभाव समान हो सकते हैं लेकिन यह दोनों अलग-अलग चिकित्सा समस्याएं हैं। हार्ट अटैक को दिल का दौरा कहा जाता है। धमनिया दिल में रक्त प्रवाह करने का काम करती है यदि धमनियों में किसी प्लाक के कारण रक्त जम जाता है तो दिल में रक्त प्रवाह होना होना बंद हो जाता है इस कारण दिल की मांसपेशिया मरने लगती है और इस स्तिथि को हार्ट अटैक कहते है। यदि स्ट्रोक की बात करे तो यह मस्तिष्क से जुडी समस्या है। हमारा हृदय ऑक्सीजन वाले रक्त धमनियों के माध्यम से दिमाग तक पहुंचाने का काम करते है। हालांकि इन धमनियों में रक्त जमा यानि ब्लड क्लॉट हो और दिमाग तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाए तो दिमाग के उस भाग के सेल मरने लगते है। ऐसी स्तिथि को स्ट्रोक कहा जाता है। दोनों परेशानियो में दिल के प्रभावित भाग मरने लगते व स्ट्रोक में दिमाग के प्रभावित भाग के सेल मरने लगते है। दोनों ही समस्या बढ़ने पर आपातकालीन स्तिथि हो जाती है इसमें रोगी को तुरंत अस्पताल ले जाने की जरूरत होती है। ताकि चिकिस्तक रोगी का इलाज कर जान बचा सके। यदि ऐसी स्तिथि में रोगी को सही समय पर अस्पताल न ले जाया गया तो रोगी की मृत्यु तक हो जाती है। चलिए आज के लेख में हम आपको हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक के अंतर के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं।
- ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक के लक्षण क्या हैं ? (Symptoms of Heart attack and Brain stroke in Hindi)
- ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक के कारण क्या हैं ? (Causes of Heart attack and Brain stroke in Hindi)
- ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक की जटिलाएं ? (Risks of Heart attack and Brain stroke in Hindi)
- ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक का इलाज क्या हैं ? (Treatments for Heart attack and Brain stroke in Hindi)
ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक के लक्षण क्या हैं ? (Symptoms of Heart attack and Brain stroke in Hindi)
ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक के लक्षण भिन्न हो सकते है।
जैसे ब्रेन स्ट्रोक में –
- दृष्टि में असंतुलन होना।
- शरीर सुन्न पड़ जाना।
- एक हिस्से में कमजोरी महसूस करना।
- चेहरे के एक भाग पर लकवा मारना।
- बोलने में कठिनाई होना।
- किसी को समझने में परेशानी आना।
- बेहोश हो जाना।
हार्ट अटैक के लक्षण में –
- व्यक्ति को अत्यधिक पसीना आना।
- व्यक्ति को छाती में दर्द होना। (और पढ़े – छाती में दर्द के घरेलु उपचार)
- व्यक्ति की बाए बाजू में दर्द होना।
ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक के कारण क्या हैं ? (Causes of Heart attack and Brain stroke in Hindi)
ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक के कारण समान है, लेकिन कुछ अंतर भी है।
ब्रेन स्ट्रोक में –
- जैसे कि पारिवारिक इतिहास में स्ट्रोक से पीड़ित रहना।
- मोटापा होना।
- धूम्रपान करना।
- शारीरिक गतिविधि की कमी होना।
- उच्च रक्तचाप होना।
- उच्च कोलेस्ट्रॉल होना।
- मधुमेह और संवहनी रोग।
हार्ट अटैक में –
- कोरोनरी धमनी की बीमारी के कारण हार्ट अटैक आता है।
- दिल के दौरे के अन्य कारण कोरोनरी धमनी की ऐंठन है जो हृदय की मांसपेशियों के हिस्से में रक्त के प्रवाह को बंद कर देता है।
- उच्च कोलेस्ट्रॉल होना।
- मोटापा होना।
- तंबाकू और अवैध दवाओं, जैसे कोकीन का उपयोग करना, जीवन के लिए खतरा पैदा कर सकता है।
लिंग – पुरुषों में महिलाओं की तुलना में अधिक दिल के दौरे पड़ते हैं, और उन्हें पहले की उम्र में होता है। लेकिन महिलाओं की तुलना में अधिक पुरुषों में स्ट्रोक होते हैं, सभी आयु वर्ग की महिलाओं में स्ट्रोक से मरने की संभावना अधिक होती है।
ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक की जटिलाएं ? (Risks of Heart attack and Brain stroke in Hindi)
ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक दोनों अलग समस्याएं है, लेकिन इनके जोखिम कारक समान ही है।
- धूम्रपान।
- उच्च रक्तचाप।
- उच्च कोलेस्ट्रॉल।
- मधुमेह। (और पढ़े – डायबिटीज का इलाज क्या है)
- आसीन जीवन शैली।
- परिवार के इतिहास।
- आलिंद फिब्रिलेशन (असामान्य हृदय ताल)
ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक का इलाज क्या हैं ? (Treatments for Heart attack and Brain stroke in Hindi)
ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक की समस्या अलग है किंतु स्तिथि बिगडने पर तुरत आपातकालीन अस्पताल में ले जाने की जरूरत होती है। सही समय पर चिकिस्तक उपचार न मिलने पर व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है। आगे दोनों समस्या के उपचार के बारे में बताते है।
ब्रेन स्ट्रोक में –
- चिकिस्तक उपचार शुरू होने पर मरीज को सीधे लिटा दिया जाता है ताकि रक्त का प्रवाह सही बना रहे।
- यदि स्ट्रोक के वजह से नस फटने की स्तिथि है तो ऐसे में एस्प्रिन नहीं देना चाहिए इससे स्तिथि और गंभीर हो सकती है।
- आपातकालीन स्तिथि में अस्पताल ले जाने पर चिकिस्तक स्क्रिमिक स्ट्रोक होने पर मरीज को क्लॉट बस्टिंग इंजेक्शन देते है ताकि दिमाग की कार्य प्रणाली में सुधार किया जा सके।
- स्ट्रोक में मरीज को फिजियोथेरेपी, ऑक्यूपेशनल थेरेपी की जरूरत होती है। इसके अलावा कुछ मामलो में व्यक्ति को स्पीच थेरेपी की जरूरत पड़ सकती है। (और पढ़े – स्पीच थेरेपी क्या है)
हार्ट अटैक में –
- हार्ट अटैक के जोखिम को रोकने के लिए डायबिटीज की दवा, बीपी की दवा की खुराक देते है।
- हार्ट अटैक आने पर ईसीजी से दिल की गति का पता लगाकर उपचार किया जाता है।
- बहुत से मामलो में पेसकमेकर द्वारा हार्ट अटैक का इलाज किया जाता है। इसमें दिल की धड़कनो नियमित किया जाता है।
- बाईपास सर्जरी के माध्यम से भी हार्ट अटैक का इलाज किया जाता है। इसमें ब्लॉकेज को ठीक किया जाता है।
- यदि कोई इलाज काम नहीं करता है तो अंतिम विकल्प हृदय प्रत्यारोपण किया जाता है। इस प्रक्रिया से व्यक्ति को नया जीवन मिलता है।
हमें आशा है की आपके प्रश्न का ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक में अंतर ? का उत्तर इस लेख के माध्यम से दे पाएं।
ब्रेन स्ट्रोक के बारे में अधिक जानकारी व इलाज के लिए (Neurologist) से संपर्क कर सकते है। इसके अलावा हार्ट से जुडी समस्या के इलाज के लिए (Cardiologist) से संपर्क कर सकते है।
हमारा उद्देश्य केवल आपको लेख के माध्यम से जानकारी देना है। हम आपको किसी तरह दवा, उपचार की सलाह नहीं देते है। आपको अच्छी सलाह केवल एक चिकिस्तक ही दे सकता है। क्योंकि उनसे अच्छा दूसरा कोई नहीं होता है।
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