पेलीजेअस – मेंर्जबैकर डिजीज क्या हैं । Pelizaeus-Merzbacher Disease in Hindi
मार्च 19, 2021 Brain Diseases 1152 Viewsपेलीजेअस – मेंर्जबैकर डिजीज का मतलब हिंदी में, (Pelizaeus-Merzbacher disease in Hindi)
पेलीजेअस – मेंर्जबैकर डिजीज क्या हैं ?
पेलीजेअस – मेंर्जबैकर डिजीज एक तरह विकार है जो मस्तिष्क व रीढ़ की हड्डियों को प्रभावित करता हैं। यह समूहों का रोग होता है जिसे ल्यूकोडिस्ट्रोफी के रूप में जाना जाता है। ऐसे विकार से प्रभावित व्यक्ति कोई कार्य ठीक से नहीं कर पाते है। इनमे कुछ भी सिखने व समझने में कठिनाई होने लगती है साथ ही कुछ ठीक से बोल नहीं पाते है। हालांकि सभी व्यक्तियों में लक्षण भिन्न-भिन्न हो सकते हैं। चलिए आज के लेख में आपको पेलीजेअस – मेंर्जबैकर डिजीज क्या हैं ? पेलीजेअस – मेंर्जबैकर डिजीज के कारण, लक्षण, निदान व उपचार के बारे में बताने वाले हैं।
- पेलीजेअस – मेंर्जबैकर डिजीज का कारण ? (Causes of Pelizaeus-Merzbacher disease in Hindi)
- पेलीजेअस – मेंर्जबैकर डिजीज के लक्षण व संकेत ? (Sigh and Symptoms of Pelizaeus-Merzbacher disease in Hindi)
- पेलीजेअस – मेंर्जबैकर डिजीज का निदान ? (Diagnosis of Pelizaeus-Merzbacher disease in Hindi)
- पेलीजेअस – मेंर्जबैकर डिजीज का इलाज ? (Treatments for Pelizaeus-Merzbacher disease in Hindi)
पेलीजेअस – मेंर्जबैकर डिजीज का कारण ? (Causes of Pelizaeus-Merzbacher disease in Hindi)
पेलीजेअस – मेंर्जबैकर डिजीज का मुख्य कारण पीएलपी 1 जीन की गड़बड़ी है। इस जीन में परिवर्तन होने से माइलिन बन नहीं पाता है। जैसा की आपको पता है माइलिन एक लेयर है जो तंत्रिका के चारो तरफ रहकर सुरक्षा प्रदान करते है। माइलिन के न होने से तंत्रिका अपना कार्य ठीक से करने में असमर्थ हो जाती है। कुछ रिसर्च के मुताबिक पेलीजेअस – मेंर्जबैकर डिजीज अधिकतर पुरुषो को प्रभावित करता है। PLP1 जीन उत्परिवर्तन हाइपोएमेलेनेशन, तंत्रिका फाइबर क्षति, और तंत्रिका तंत्र के कार्य की दुर्बलता पैदा करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप पेलिजेअस-मेरज़बैकर रोग के लक्षण और दिखाई देते हैं।
PLP1 जीन –
PLP 1 जीन प्रोटियोलिपिड प्रोटीन 1 और उस प्रोटीन के संशोधित संस्करण को DM20 नामक निर्देश प्रदान करता है। प्रोटीन प्रोटीन 1 मुख्य रूप से मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी (केंद्रीय तंत्रिका तंत्र) में नसों में पाया जाता है और DM20 मुख्य रूप से तंत्रिकाओं में उत्पन्न होता है जो मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को मांसपेशियों (परिधीय तंत्रिका तंत्र) से जोड़ते हैं। ये दो प्रोटीन तंत्रिका कोशिकाओं की कोशिका झिल्ली के भीतर पाए जाते हैं, जहां वे माइलिन का एक बड़ा हिस्सा बनाते हैं और माइलिन को कोशिकाओं के लंगर में रहने में मदद करते हैं। मायलिन फैटी कवरिंग है जो तंत्रिका तंतुओं को इन्सुलेट करता है और तंत्रिका आवेगों के तेजी से संचरण को बढ़ावा देता है।
पेलीजेअस – मेंर्जबैकर डिजीज के लक्षण व संकेत ? (Sigh and Symptoms of Pelizaeus-Merzbacher disease in Hindi)
पेलीजेअस – मेंर्जबैकर डिजीज के संकेत व लक्षण सभी में एक जैसे नहीं होते है बल्कि अलग -अलग नजर आ सकते है। चिकिस्तक के मुताबिक शिशु में 2 महीने होने पर इस विकार के शुरुवाती लक्षण होने लगते है। शिशु की आंखे व सिर की गतिविधिया सामान्य नहीं रह पाती है। इसके अलावा शिशु का विकास अन्य बच्चों की तुलना में बहुत धीमा होता है। हालांकि शिशु जैसे -जैसे बढ़ता है उसी तरह विकार के लक्षण बढ़ने लगते है और संकेत नजर आते हैं। इन लक्षण में शामिल हैं।
- गतिभंग होना।
- चेहरे का भाव भिन्न होना।
- कमजोरी रहना।
- ठीक से कोई कार्य न कर पाना।
- अनैच्छिक गतिविधियों होना।
- हाइपोटोनिया। (और पढ़े – मानसिक विकार के घरेलु उपचार)
पेलीजेअस – मेंर्जबैकर डिजीज का निदान ? (Diagnosis of Pelizaeus-Merzbacher disease in Hindi)
किसी भी बीमारी का उपचार करने के लिए परीक्षण करना जरुरी होता है। आमतौर चिकित्सक मरीज का पहले शारीरिक परीक्षण करते है जिसमे मरीज के पिछले इतिहास व लक्षण के बारे में पूछते है। जरूरत के आधार पर कुछ लैब टेस्ट व अन्य परीक्षण की सिफारिश करते है। जांच के परिणाम के आधार पर उपचार किया जा सकता हैं। यदि माइलिन की कमी होती है तो चिकिस्तक माइलिन की कमी का सटीक पता लगाने के लिए परीक्षण किया जाता है। ऐसे में मरीज के पुरानी बीमारी इतिहास के बारे में जानकारी लेते है। इसके अलावा मरीज एमआरआई करते है और पीएलपी 1 जिन की पुष्टि करने के लिए मॉलिक्युलर जेनेटिक टेस्टिंग किया जाता है। निदान के परिणामो के आधार चिकिस्तक निम्न उपचार कर सकते हैं। (और पढ़े – मस्तिष्क की चोट क्या हैं)
पेलीजेअस – मेंर्जबैकर डिजीज का इलाज ? (Treatments for Pelizaeus-Merzbacher disease in Hindi)
- पेलीजेअस – मेंर्जबैकर डिजीज का कोई विशेष उपचार उपलब्ध नहीं है। ऐसे स्तिथि में उपचार करने के लिए एक चिकिस्तक टीम की आवश्कयता होती है। इन विशेषज्ञों में न्यूरोलॉजिस्ट, ऑर्थोपेडिक्स, फिजिकल मेडिसिन, गैस्ट्रोएंटेरलॉजी शामिल होते है। पेलीजेअस – मेंर्जबैकर डिजीज के इलाज तो नहीं किया जा सकता है लेकिन लक्षण के प्रभाव को कम जरूर किया जा सकता है। कुछ लोगो में स्तिथि गभीर होने पर कुछ एंटीबायोटिक दवा की खुराक दिया जाता है।
- यदि मांसपेशियो में अकड़न या ऐंठन की समस्या होती है तो फिजिकल थेरेपी व व्यायाम की सहायता से इन समस्या को ठीक किया जा सकता है। कुछ निम्न मामलो में स्तिथि को सरल बनाने के लिए ओर्थपेडीक सर्जरी कर सकते है।
- जिन लोगों को शरीर के कुछ अंग पूरी तरीके से कार्य नहीं करते है तो उन्हें वीलचेयर का उपयोग करना सिखाया जाता है ताकि अपने कार्य को सरल बना सके। यदि फिजिकल थेरेपी की सहायता से समस्या हल नहीं होती तो अन्य विकल्प सर्जरी का ले सकते हैं।
- कुछ मामलों में थेरेपी यानी स्पीच थेरेपी की सहायता से मरीज को बोलने व बात करने की क्रिया को सरल बनाने में मदद कर सकते है। इसके अलावा समझने की कठिनाई को सुधार किया जा सके। (और पढ़े – स्पीच थेरेपी क्या हैं)
हमें आशा है की आपके प्रश्न पेलीजेअस – मेंर्जबैकर डिजीज क्या हैं ? का उत्तर इस लेख के माध्यम से दे पाएं।
अगर आपको पेलीजेअस – मेंर्जबैकर डिजीज के बारे में अधिक जानकारी व इलाज करवाना हो, तो Neurologist से संपर्क कर सकते हैं।
हमारा उद्देश्य केवल आपको लेख के माध्यम से जानकारी देना है। हम आपको किसी तरह दवा, उपचार की सलाह नहीं देते है। आपको अच्छी सलाह केवल एक चिकिस्तक ही दे सकता है।