सांस फूलने की समस्या क्यों होती है। Shortness of Breath in Hindi
दिसम्बर 27, 2019 Chest Diseases 22871 ViewsShortness of Breath in Hindi
व्यक्ति अगर अधिक धुल-मिट्टी वाले मार्गो से गुजरता है तो स्वच्छ हवा न मिलने के कारण सांस फूलने की समस्या होती है। लेकिन कुछ लोगो को अधिक सीढ़ी चढ़ने या भागने में सांस फूलने लगती है हालांकि यह लोगो में होना आम बात है। सांस फूलना व्यक्ति के लिए बहुत बेचैनी वाली अवस्था होती है, क्योंकि फेफड़े में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन पहुंच नहीं पाता है। कुछ लोगो में सांस फूलने की समस्या कुछ समय के लिए रहती है और कुछ लोग में अधिक समय तक रह सकती है। इस दौरान लोग अलग तरह का अनुभव कर सकते है जैसे सीने में दर्द, अकड़न, वायु न देख पाना व डरजाना आदि फेफड़ो के लिए नुकसानदायक होता है। कुछ लोग तनाव में होते है तो उनमे सांस फूलना आम बात है। किंतु अचानक से आने वाली समस्या को चिकिस्तक स्थिति कह सकते है। चलिए इस लेख में सांस फूलने की समस्या के कारण, लक्षण, उपचार व बचाव के बारे विस्तार से बतायेंगे।
- सांस फूलने के कारण क्या है ? (What are the Causes of Shortness of Breath in Hindi)
- सांस फूलने के लक्षण क्या है ? (What are the Symptoms of Shortness of Breath in Hindi)
- सांस फूलने का परीक्षण ? (Diagnosis of Shortness of Breath in Hindi)
- सांस फूलने का इलाज क्या है ? (What are the Treatments for Shortness of Breath in Hindi)
- सांस फूलने से बचाव कैसे करे ? (Prevention of Shortness of Breath in Hindi)
सांस फूलने के कारण क्या है ? (What are the Causes of Shortness of Breath in Hindi)
सांस फूलने की समस्या कुछ लोगो होना आम बात है, लेकिन कुछ लोगो में अचानक सांस फूलने पर समस्या अपने आप ठीक हो जाती है और कुछ लोगो में समस्या बढ़ जाती है। कभी-कभी अन्य बीमारी के कारण सांस फूलने की समस्या का जोखिम रहता है। सांस फूलने की समस्या होने पर एक मेडिकल जांच जरूर करवाए। जिन लोगो को सांस फूलने की समस्या हरदम होती तो उसके कुछ निम्न कारण हो सकते है।
- अत्यधिक व्यायाम करना।
- अधिक तापमान बढ़ना।
- चिंता होना।
- वायु प्रदूषण होना।
- वजन अधिक होना।
- अगर रोजाना सांस फूलने की समस्या होती है तो यह गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। फेफड़ो में कुछ समस्या होना, दिल में ठीक से ऑक्सीजन पहुंच नहीं पाना आदि कारण हो सकता है।
- कुछ ऐसी समस्या है जो आपके फेफड़े से संबंधित हो सकती है।
- जैसे: एनीमिया, फेफड़ो का कैंसर, दिल के कार्यो में असामनता, फेफड़ो से संबंधित रोग, अस्थमा आदि। (और पढ़े – फेफड़े में खराबी होना )
सांस फूलने के लक्षण क्या है ? (What are the Symptoms of Shortness of Breath in Hindi)
सांस फूलने की समस्या होने पर फेफड़ो में सही मात्रा में ऑक्सीजन पास नहीं हो पाता है। इससे कुछ लक्षण जैसे सांस लेने में कठिनाई होना, छाती में जकड़न ,गहरी सांस न ले पाना नजर आते है।
- सांस फूलने की समस्या अचानक धीरे-धीरे बढ़ सकती है। कुछ लोगो में कुछ देर के लिए या अधिक देर तक विकसित हो सकती है। इसमें व्यक्ति को बुखार, चक्क्ते, खांसी आदि लक्षण साथ में हो सकते है।
- क्रोनिक समस्या के कारण सांस फूलने की समस्या हो सकती है।
- जिन लोगो को दिल या फेफड़ो से संबंधित समस्या है उनको सांस फूलने की समस्या हो सकती है।
- सांस फूलने की समस्या से पीड़ित व्यक्ति को अन्य लक्षण नजर आ सकते है।
- रात के समय पसीना होना। (और पढ़े – इंसोमेनिया नींद न आने की समस्या)
- आराम करने के दौरान सांस फूलना।
- दिल की धड़कन तेज होना।
- वजन कम होना। (और पढ़े – कुलथी दाल के फायदे)
- अगर आपकी अचानक से सांस फूलने की समस्या की स्थिति हो रही है तो ऐसे में आपको चिकिस्तक से संपर्क करना चाहिए।
सांस फूलने का परीक्षण ? (Diagnosis of Shortness of Breath in Hindi)
सांस फूलने की समस्या का निदान करने के लिए चिकिस्तक मरीज से उसके चिकिस्तक इतिहास व लक्षण के बारे में पूछते है ताकि अच्छे से निदान हो सके।
- कुछ मामलो में कुछ टेस्ट के माध्यम से बीमारी का पता लगाते है। जिनमे कुछ टेस्ट करने की सलाह चिकिस्तक दे सकते है।
- ब्लड टेस्ट इसमें रक्त की जांच की जाती है ताकि संक्रमण व एनीमिया जांच हो सके। इसके अलावा खून के थक्के व अन्य द्रव की जांच कर सकते है।
- निमोनिया या फेफड़े की जांच करने के लिए छाती का एक्स-रे या सिटी स्कैन करने की सलाह दे सकते है।
- दिल की गतिविधि की जांच करने के लिए ईसीजी करने की सलाह देते है। ताकि दिल से संबंधित जोखिम का पता लग सके।
- खून में ऑक्सीजन की मात्रा को मापने के लिए प्लस ओक्सिमेट्री उपकरण का उपयोग करते है। इसे कान पट्टी पर लगाकर मापते है।
सांस फूलने का इलाज क्या है ? (What are the Treatments for Shortness of Breath in Hindi)
सांस फूलने का उपचार उसके कारणों के आधार पर किया जाता है। जिन लोगो को खून में ऑक्सीज की कमी होती है उनको प्लास्टिक मास्क का उपयोग कर ऑक्सीजन दिया जाता है। इसके अलावा मरीज गंभीर स्थिति में होता है तो उसे वेल्टीलेटर पर रखा जाता है।
- कुछ अन्य तरीके से आप अपनी देखभाल कर सकते है।
- रोजाना व्यायाम करना।
- पंखे का उपयोग इस तरह करना जिससे आपको भरपूर मात्रा में हवा मिल सके।
- गहरी सांस लेना यह सांस फूलने की समस्या में सुधार करता है।
- लेटने या खड़े होने के पोजीसन को सही रखना यानि कुर्सी पर सीधे बैठना, दिवार पर टेका लगाकर सीधे बैठना, सोते समय सिर के निचे तकिया लगाना आदि।
- अदरक से बनी पेय पदार्थ का सेवन करने से शरीर में संक्रमण की समस्या में कमी होती है।
- वायु को अच्छे से प्राप्त करने के लिए भाप लेना चाहिए। अगर बलगम या जुखाम है तो भाप लेना बेहतर तरीका है।
सांस फूलने से बचाव कैसे करे ? (Prevention of Shortness of Breath in Hindi)
सांस फूलने की समस्या को आमतौर दवा, व्यायाम व ऑक्सीजन सप्लीमेंट द्वारा नियंत्रित किया जाता है। कुछ अन्य तरीको द्वारा सांस संबंधित समस्याओं को नियंत्रित कर सकते है।
- धूम्रपान करना छोड़ दे।
- घर के अंदर व बाहर प्रदूषित हवाओं के संपर्क में आने से बचाव करे।
- अगर आपका वजन अधिक है तो वजन कम करने की कोशिश करे।
- पंखे के सामने बैठकर चेहरे पर हवा ले।
- ऐसी चीजों से अपना बचाव करे जो अस्थमा के जोखिम को बढ़ावा देती है।
- सांस फूलने से जुडी चिंता व तनाव के बारे में चिकिस्तक से बात करे।
- अगर आप सांस फूलने की समस्या को ठीक रखने के लिए ऑक्सीजन युक्त साधन की जांच अच्छे से करले की यह उपकरण अपना कार्य सही से कर रहा है या नहीं।
- सांस को रोकने की कोशिश ना करे।
- साल में एक बार अपने स्वास्थ्य की जांच जरूर करवाए।
अगर आपको सांस फूलने की समस्या के बारे में अधिक जानकरी व उपचार करवाना हो तो Pulmonologist विशेषज्ञ से संपर्क करे।
हमारा उद्देश्य केवल आपको लेख के माध्यम से जानकारी देना है। हम आपको किसी तरह दवा, उपचार की सलाह नहीं देते है। आपको अच्छी सलाह केवल एक चिकिस्तक ही दे सकता है। क्योंकि उनसे अच्छा दूसरा कोई नहीं होता है।