कार्डियक अरेस्ट क्या है। Cardiac Arrest in Hindi

जुलाई 6, 2019 Heart Diseases 14978 Views

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Cardiac Arrest Meaning in Hindi.

कार्डियक अरेस्ट एक ऐसी स्थिति होती है। जिसमे अचानक से हृदय की गति रुक जाती है। इसका अर्थ दिल का धड़कना बंद हो जाता है। ऐसी परिस्तिथि को सडन कार्डियक डेथ (Sudden Cardiac Death) यानि मनुष्य की मृत्यु भी हो जाती है। दिल के भीतर एक विद्दुत प्रणाली होती है। जो दिल के धड़कनो के लय को नियंत्रित करता है। इसमें मनुष्य का अचानक हृदय की गति बंद हो जाती है। इसके अलावा सांस लेने में कठिनाई एव होश गुम हो जाते है। अचानक कार्डियक अरेस्ट विद्दुत के
अशांति होने के कारण होता है। जो दिल के Pumping कार्य में बाधा उत्पन्न करती है। शरीर के अंगो में रक्त प्रवाह होना रुक जाता है। इसके कई कारण हो सकते है। आइए Cardiac Arrest के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्राप्त करते है।

  •  कार्डियक अरेस्ट क्या है ? (What is Cardiac Arrest in Hindi)
  • कार्डियक अरेस्ट के कारण क्या है ? (What are the Causes of Cardiac Arrest in Hindi)
  • कार्डियक अरेस्ट के लक्षण क्या है ? (What are the Symptoms of Cardiac Arrest in Hindi)
  • कार्डियक अरेस्ट का इलाज क्या है ? (What are the Treatments of Cardiac Arrest in Hindi)
  • कार्डियक अरेस्ट से बचाव ? (Prevention of Cardiac Arrest in Hindi)

कार्डियक अरेस्ट क्या है ? (What is Cardiac Arrest in Hindi)

कार्डियक अरेस्ट एक ऐसी बीमारी है। जो बिना किसी संकेत के अचानक से आती है। यह एक तरह से दिल की बीमारी होती है। जो अचानक से काम करना बंद कर देती है। इसमें दिमाग व सभी अंगो में रक्त पहुंचना बंद हो जाता है। व्यक्ति की दम घुटने से मौत हो जाती है। कार्डियक अरेस्ट दिल के दौरे से पूरी तरह विपरीत होता है। कार्डियक अरेस्ट होने का मुख्य कारण का पता नहीं लग पाया है। अधिकांशत: दिल में होने वाली विद्दुत गड़बड़ियों की वजह से धड़कन का तालमेल ठीक से नहीं बैठता है। ऐसी स्थिति में दिल के पंपिंग पर असर पड़ता है। पंप ना ओने के वजह से रक्त दिमाग व बाकि अंग तक पहुंच नहीं पाता है। जिसके परिणामस्वरूप मनुष्य की मृत्यु हो जाती है।

कार्डियक अरेस्ट के कारण क्या है ? (What are the Causes of Cardiac Arrest in Hindi)

  • कार्डियक अरेस्ट का मुख्य कारण है। दिल में किसी प्रकार की असमानता होती है। जो हृदय में विद्दुत प्रणाली सम्बंधित समस्या के कारण भी होती है।
  • हृदय की लय में डिस्टब्रेस विभिन्न प्रकार की होती है।
  •  एसिटोल की स्तिथि में विद्दुत गतिविधि नहीं हो पाती है। दिल नहीं धड़कता है।
  • वेटिक्युलर फिब्रिलेशन की स्तिथि ऐसी होती है। जिसमे विद्दुत की गतिविधि असामान्य हो जाती है। दिल रक्त को पंप नहीं कर पाता है। जिससे दिल की धड़कने नहीं बनती है।
  •  हृदय पूरी तरह से बंद हो जाना यानि दिल की गति बहुत धीमे हो जाती है। जो मनुष्य को लंबे समय तक जीवित नहीं रख पाते है।
  • कार्डियक अरेस्ट के अन्य जोखिम कारक।
  • हाई बीपी।
  • हाई कोलेस्ट्रॉल।
  •  मोटापा। (और पढ़े – मोटापा होने के कारण क्या है)
  •  डायबिटीज।
  •  पहले कभी हार्ट अटैक आया हो।
  •  धूम्रपान का अधिक सेवन।
  • हृदय रोग सम्बंधित पारिवारिक समस्या।

कार्डियक अरेस्ट के लक्षण क्या है ? (What are the Symptoms of Cardiac Arrest in Hindi)

कार्डियक अरेस्ट के निम्नलिखित लक्षण होते जो बिना किसी संकेत के आते है।

  • अचानक से गिर जाना।
  •  सांस फूलना।
  •  बेहोश होना।
  •  चक्कर आना। (और पढ़े – चक्कर क्यों आते है)
  • घबराहट महसूस होना।
  •  चिपचिपा महसूस होना।
  •  बेचैनी।
  • छाती में दर्द।
  • सांस रुक जाना।
  • नाड़ी का न चलना।

कार्डियक अरेस्ट का इलाज क्या है ? (What are the Treatments of Cardiac Arrest in Hindi)

कार्डियक अरेस्ट अचानक से होने वाली स्तिथि होती है। जिसमे तत्काल कार्य करना चाहिए।

  •  अचानक से होने वाली स्तिथि में सीपीआर अधिक महवत्पूर्ण होता है। यह शरीर के अंगो में रक्त प्रवाह करने का कार्य नियंत्रण करता है। जबतक कोई अलग तकनीक उपलब्ध नहीं हो। तब तक शरीर को जीवन प्रदान करता है।
  • सीपीआर की जानकारी नहीं है। तो अगर को व्यक्ति अचानक गिर जाते है तो तुरंत एम्बुलेंस को कॉल करे। उपचार शुरू करवाले।
  • कार्डियक अरेस्ट आने पर व्यक्ति को तुरंत अस्पताल के एमेर्जेंसी वार्ड में उपचार शुरू कर देते है। जिसमे डॉक्टर डिफ्रिब्रिलेशन का उपयोग करती है। वेटिक्युलर डिफ्रिब्रिलेशन अच्छी देखभाल होती है।
  •  ठीक होने के बाद चिकिस्तक मरीज को कुछ दवाइयों की खुराक देते है। ताकि दोबारा कार्डियक अरेस्ट के लक्षण ना पैदा हो। अथवा उनके जोखिम कम हो।
  • कुछ मामलो में चिकिस्तक सर्जरी करने का सुझाव देते है। जैसे : करेक्टिव हार्ट सर्जरी, बाई पास सर्जरी, कोनोरेरी एंजियोप्लास्टिक, इत्यादि सर्जरी होते है।

कार्डियक अरेस्ट से बचाव ? (Prevention of Cardiac Arrest in Hindi)

  • कार्डियक अरेस्ट अचानक से आता है। इसलिए इसके लक्षणो को कम करने के लिए व्यक्ति को अपने हृदय का चेकअप हमेशा करवाते रहना चाहिए।
  • अपने स्वास्थ्य को स्वस्थ रखने के लिए सभी चीजों का पालन करना चाहिए।
  •  तनाव से दूर रहने की कोशिश करे।
  •  संतुलित आहार का सेवन करे।
  •  रोजाना व्यायाम करे।
  •  शरीर का वजन नियंत्रण में रखे।
  •  बीपी को नियंत्रण में रखे।
  •  रक्त में कोलेस्ट्रॉल को सामान्य बनाये रखे।
  •  डायबिटीज को नियंत्रण में रखना बहुत जरुरी होता है।

कार्डियक अरेस्ट के बारे में अधिक जानकारी एव इलाज के लिए तुरंत कार्डियोलॉजी डॉक्टर (Cardiologist) से संपर्क करे।


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