पेट में जलन (एसिडिटी) होने के कारण क्या हैं Acidity Meaning in Hindi

अक्टूबर 8, 2020 Lifestyle Diseases 8424 Views

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Acidity Meaning in Hindi. 

आजकल पेट में एसिडिटी यानि (Acidity Meaning in Hindi)पेट में जलन की समस्या होना आम बात है। बहुत से लोग एसिडिटी की समस्या को नजरअंदाज कर देते है। जिसके कारण सीने में जलन और अधिक दर्द का सामना करना पड़ता है। इसलिए एसिडिटी की समस्या होने पर तुरंत उपचार के बारे में सोचना चाहिए, ताकि आगे चलकर स्वास्थ्य में कोई बड़ी समस्या न उत्पन्न हो। 

आपको बता दे, पेट में एक हाइड्रोलिक अम्ल होता है जो भोजन को टुकड़ो में अलग करने का काम करता है। इसके अलावा बैक्टीरिया से पेट की सुरक्षा करता है। पेट के भीतर एक शक्तिशाली परत होती है जो हाइड्रोक्लोरिक के प्रति होता है। लेकिन इसोफेगस की परत अनुकूल होती है जिस वजह से जलन का अनुभव होने लगता है। यदि बार-बार एसिड का सामना करना पड़ रहा है तो ऐसी समस्या को एसिड भाटा रोग (GERD) कहा जाता है। 

एसिड की समस्या होने का मुख्य कारण आपका गलत खान-पान होता है। जब से लोग घरो में काम करने लगे है तब से खाने का कोई सही समय नहीं रहता है। जिसके वजह से बहुत लोग पेट में जलन एसिड का सामना कर रहे है। यदि आपको दो हफ्तों से अधिक एसिड की समस्या हो रही है, तो तुरंत चिकिस्तक से संपर्क करना चाहिए। चलिए आज के लेख के माध्यम से लोगो को पेट में जलन व एसिडिटी (Acidity) की समस्या के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। 

  • पेट में जलन (एसिडिटी) क्या है ? (What is Acidity in Hindi)
  • पेट में जलन (एसिडिटी) के कारण क्या है ? (What are the Causes of Acidity in Hindi)
  • पेट में जलन (एसिडिटी) के लक्षण क्या है ? (What are the Symptoms of Acidity in Hindi)
  • पेट में जलन (एसिडिटी) का इलाज क्या है ? (What are the Treatments for Acidity in Hindi)
  • पेट में जलन (एसिडिटी) से बचाव कैसे करें ? (Prevention of Acidity in Hindi)

पेट में जलन (एसिडिटी) क्या है ? (What is Acidity in Hindi) 

पेट में जलन एक ऐसी समस्या है, जो एसिड की अतिरिक्त मात्रा बढ़ने के कारण होती है। पेट में एसिड की समस्या किसी को भी हो सकती है वो चाहे बच्चा, बूढ़ा या जवान इत्यादि। एसिड पेट की ग्रंथियों द्वारा उत्पादित होता है और पेट में जलन की समस्या उत्पन्न करता है। इसके अलावा पेट में सूजन, हार्ट में समस्या और अल्सर जैसे लक्षण को पैदा कर सकता है। जैसा की आपको पहले बताया यह समस्या केवल आपके गलत खान-पान और अधिक फ़ास्ट फ़ूड का सेवन करने से होता है। लोगो के शारीरिक गतिविधि नहीं करने से एसिडिटी की समस्या बढ़ती जाती है। इसलिए अपने आदतों में सुधार करना चाहिए, ताकि पेट जलन का सामना न करना पडे। 

पेट में जलन (एसिडिटी) के कारण क्या है ? (What are the Causes of Acidity in Hindi)

पेट में जलन (एसिडिटी) की समस्या होने के अनेक कारण हो सकते है। चलिए विस्तार से बताते है।

  • पेट में जलन या एसिडिटी  (Acidity Meaning in Hindi)की समस्या हर किसी को होती है क्योंकि यह खान-पान से जुडी होती है। 
  • गर्भवस्था के दौरान महिला के शरीर में एसिड रिफेक्स हो जाता है। क्योंकि भीतरी अंगो पर आंतरिक दबाव पड़ता है। इसके कारण अधिक एसिडिटी की समस्या होती है। 
  • अधिक तैलीय युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने से पेट में एसिडिटी की समस्या उत्पन्न हो जाती है।

 एसिडिटी के अन्य कारक भी शामिल होते है। 

  • जैसे : मोटापा। 
  • अधिक धूम्रपान। 
  • अत्यधिक तनाव होना। 
  • पेट के ट्यूमर। 
  • मांसाहारी भोजन व मसालेदार खाद्य पदार्थो का अधिक सेवन। (और पढ़े – मसालेदार भोजन के नुकसान)
  • शारीरिक गतिविधिया नहीं करना इत्यादि एसिडिटी के कारण हो सकते है। 

पेट में जलन (एसिडिटी) के लक्षण क्या है ? (What are the Symptoms of Acidity in Hindi)

पेट में जलन (एसिडिटी) का इलाज क्या है ? (What are the Treatments for Acidity in Hindi)

पेट में जलन की समस्या को ठीक करने के लिए चिकिस्तक रोजाना के जीवनशैली में बदलाव करने का सुझाव देते है। एसिडिटी के लक्षणो को कम करने के लिए कुछ दवाओं की खुराक भी देते है। निम्लिखित तरह से एसिडिटी का उपचार कर सकते है। 

  • एसिडिटी की दवाओं में सामान्य एंटी-एसिड, अम्ल यानि एसिड कम करने वाली दवाएं (प्रोटोन, पंप, इनहिबीटर), आदि होती है। 
  • इसोफेगस और पेट को खली करने के लिए पोर्किनेटिक एजेंट्स जैसी दवाओं का उपयोग किया जाता है। 
  • पेट में जलन नहीं उत्पन्न हो इसके लिए डॉक्टर म्यूकोसल प्रोटेक्टिव एजेंट्स जैसे दवाओं की खुराक देते है। 
  • कुछ मामलो में डॉक्टर सर्जरी करने की सलाह दे सकते है। या दवाएं लंबे समय तक नहीं लेना है तो भी सर्जरी का विकल्प डॉक्टर लेते है। 

पेट में जलन (एसिडिटी) से बचाव कैसे करें ? (Prevention of Acidity in Hindi)

  • पेट में जलन (एसिडिटी) की समस्या को कम करने के लिए कुछ निम्न उपाय अपना सकते है। चलिए आगे बताते हैं। 
  • रोजाना सुबह उठकर योगा या व्यायाम करना चाहिए। (और पढ़े – सुबह दौड़ने के फायदे)
  • शराब और धूम्रपान का सेवन करने से बचें। 
  • अपने आहार में कम मसाले का उपयोग करना चाहिए। 
  • अपने भोजन में अधिक मात्रा में हरी सब्जियों का सेवन करे। 
  • जितना हो सके जंक फ़ूड, प्रोटेस्ट फ़ूड का सेवन करने से बचें। 
  • अपने भोजन में जैतून का तेल व सूरज मुखी तेल का उपयोग करे। 

अगर आपको एसिडिटी यानि पेट (Acidity Meaning in Hindi) में जलन की समस्या हो रही है तो तुरंत सामान्य चिकिस्तक (General Physician) से संपर्क करें। 

हमारा उद्देश्य है आपको जानकारी प्रदान करना है। ना की किसी तरह के दवा, इलाज, घरेलु उपचार की सलाह दी जाती है। आपको चिकिस्तक अच्छी सलाह दे सकते है क्योंकि उनसे अच्छी सलाह कोई नहीं देता है।


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