एथलीट फुट क्या है। Athlete’s Foot in Hindi

जनवरी 21, 2020 Lifestyle Diseases 9185 Views

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Athlete’s Foot Meaning in Hindi

पैरो में फंगल इन्फेक्शन की समस्या को अंगेजी में एथलीट फुट (Athlete’s Foot) के नाम से जाना जाता है। फंगल संक्रमण अक्सर पैरो के उंगलियों में होता है। जो लोग अपने साइज के जूते के बजाय छोटे जुते पहन लेते है, उनको पसीना अधिक होने लगता है और कवक संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है। इसमें त्वचा पर दाने निकल आते है। इसके अलावा त्वचा में कुछ आम लक्षण दिखाई देते है जैसे: खुजली होना, जलन महसूस होना, कुछ चुभना आदि शामिल है। अधिकतर गंदगी होने के कारण कवक संक्रमण शरीर को व पैरो की उंगलियों को प्रभावित करता है। एथलीट्स फुट अन्य कवक के कारण से भी हो सकता है। अधिक संक्रमण से त्वचा पर दाद, खाज, खुजली फैलने लगता है। इसका उपचार चिकिस्तक दवाओं और क्रीम के माध्यम से करते है। कुछ मामलो में संक्रमण फिर से भी हो सकता है इसलिए कुछ सुई लगाई जाती है। जिससे इन समस्याओं से बचा जा सके। आज इस लेख में पैरो में होने वाले संक्रमण यानि एथलीट फुट के बारे में विस्तार से बतायेंगे।

  • एथलीट फुट के कारण क्या है ? (What are the Causes of Athlete’s Foot in Hindi)
  • एथलीट फुट के लक्षण क्या है ? (What are the Symptoms of Athlete’s Foot in Hindi)
  • एथलीट फुट का उपचार क्या है ? (What are the Treatments for Athlete’s Foot in Hindi)
  • एथलीट फुट की जटिलता क्या है ? (What are the Complications and Risks for Athlete’s Foot in Hindi)
  • एथलीट फुट से बचाव कैसे करें ? (Prevention of Athlete’s Foot in Hindi)

एथलीट फुट के कारण क्या है ? (What are the Causes of Athlete’s Foot in Hindi)

एथलीट फुट होने का मुख्य कारण खाज-खुजली है। यह खासतौर पर गीले मौजे और गर्मी के मौसम में जूते पहनने से कवक संक्रमण का जोखिम बढ़ता है।

  • एथलीट संक्रमण फैलने वाला संक्रमण है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। इसके अलावा दूषित कपडा के पहनने, दूषित फर्श पर पैर रखने से यह आसानी से फ़ैल सकता है। इसके अलावा एक दूसरे से जूते साँझा करने से हो सकता है।
  • कुछ जोखिम कारक जो एथलीट फुट को बढ़ावा देते है।
  • जैसे की आप व्यक्ति हो।
  • आप एक ही जूते को लगातार पहनते है।
  • नरम मौजे को अधिक उपयोग करते है।
  • अगर आप स्विमिंग फूल, लॉकर रूम, वाटर पार्क में स्नान करना आदि जगह पर संक्रमण बढ़ने का जोखिम अधिक रहता है।
  • अगर किसी व्यक्ति के प्रभावित कपडे या चटाई का उपयोग करने से पहले गर्म पानी से धोकर उपयोग में लाना चाहिए।

एथलीट फुट के लक्षण क्या है ? (What are the Symptoms of Athlete’s Foot in Hindi)

एथलीट फुट के निम्नलिखित लक्षण नजर आ सकते है। लेकिन जरुरी नहीं है की सभी लक्षण एक ही व्यक्ति में नजर नहीं आते है। चलिए आपको कुछ लक्षण के बारे में बताते है।

  • एथलीट होने पर पैरो में संक्रमण होने लगता है और त्वचा पर लाल चक्क्ते नजर आने लगते है। त्वचा पर चक्क्ते अगुठे से शुरुवात होने लगते है।
  • पैरो से जूते या मोज़े निकालने पर खुजली की समस्या होने लगती है। इस समस्या अधिक लोग प्रभावित होते है।
  • एथलीट फुट छाले या उल्सर की समस्या और बढ़ा देते है। (और पढ़े – मुँह के छाले क्यों होता है)
  • एथलीट फुट आमतौर पर रूखेपन के पंजो में गीलेपन की वजह से होता है जो बाद में कवक संक्रमण को बढ़ाता है और खुजली उत्पन्न करता है। कुछ मामलो में एक्जिमा होने का जोखिम भी रहता है।
  • एथलीट की समस्या पैरो के अलावा हाथ को भी अपनी चपेट में ले सकता है। खुजली करने पर अन्य अंगो पर फैलने लगता है।
  • अगर आपके पैरो में अधिक चक्क्ते निकल आये है और खुजली प्रभावित अंगो की जगह बढ़ने लगी है तो चिकिस्तक से तुरंत संपर्क करना चाहिए। अगर आप डायबिटीज के मरीज है और पेरो में सूजन और खुजली की समस्या अधिक हो रही है तो तुरंत अपने चिकिस्तक से संपर्क करे। (और पढ़े – डायबिटीज का उपचार क्या है)

एथलीट फुट का उपचार क्या है ? (What are the Treatments for Athlete’s Foot in Hindi)

  • एथलीट फुट पैरो में संक्रमण होने की समस्या का उपचार करने के लिए चिकिस्तक ओवर दी काउंटर की दवाएं लेने की सलाह देते है। इसके अलावा मलहम, लोशन या क्रीम लिखकर देते है। इस बात का ध्यान रखे जबतक ठीक न हो तबतक दवा को रोकना नहीं चाहिए बल्कि दवा लगाना चाहिए नहीं तो ठीक नहीं हो पाता है।
  • कुछ गंभीर मामलो में दवाएं खाने के लिए कुछ खुराक दे सकते है। जिसका सही समय पर सेवन करे।

एथलीट फुट की जटिलता क्या है ? (What are the Complications and Risks for Athlete’s Foot in Hindi)

एथलीट फुट शरीर के किसी भी भाग में हो जाता है। आपको विस्तार से बताते है।

  • अगर व्यक्ति को हाथ में फंगल संक्रमण है तो उस जगह को छूने के बाद पैरो में भी हो सकता है।
  • आपके नाख़ून में संक्रमण है तो पैर या हाथ में फ़ैल सकता है।
  • जोक खुजली के कारण एथलीट की समस्या होती है। कवक गंदी तौलियो के उपयोग करने से फैलता है।

एथलीट फुट से बचाव कैसे करें ? (Prevention of Athlete’s Foot in Hindi)

एथलीट फुट से बचाव करने के निम्न उपाय अपना सकते है।

  • अपने जूतों को किसी साथ सांझा न करे, इससे कवक संक्रमण होने का जोखिम बढ़ जाता है। (और पढ़े – संक्रमण रोकने में नीम के फायदे)
  • पैरो में चोट लगने से बचाव करे और रोजाना पाउडर लगाकर रखे।
  • नंगे पैर से सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचे। इसके अलावा वाटर फ्रूफ चप्पल या सेंडल पहने स्विंग फूल या वाटर पार्क में चलने से पहले।
  • अपने पैरो में रोजाना एक ही जूते नहीं पहनना चाहिए बल्कि दो जोड़ी जूते रखे ताकि बदल बदल कर पहन सके।
  • मोज़े के लिए सामान्य प्रक्रिया रखे दो मोज़े रखे रोजाना बदलते रहे ताकि पैरो की उंगलियों में संक्रमण न हो।
  • हमेशा चुस्त जूते पहनने से बचे बल्कि हवादार जूते पहनना चाहिए। रबड़ या विनाइल के जूते न पहने।
  • पैरो को गीले होने से बचाव करे। पैरो में नमी होने से उंगलियों में संक्रमण होने लगता है इसलिए पैरो को सूखा कर रखना चाहिए।

अगर आपको पैरो में संक्रमण एथलीट फुट की समस्या से परेशान है, तो त्वचा विशेषज्ञ चिकिस्तक (Dermatologist) से संपर्क करें।

हमारा उद्देश्य आपको रोगो के प्रति जानकारी देना है हम आपको किसी तरह के दवा, उपचार, सर्जरी की सलाह नहीं देते है। आपको अच्छी सलाह केवल एक चिकिस्तक दे सकता है क्योंकि उनसे अच्छा दूसरा नहीं होता है। 


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