दांत दर्द के आयुर्वेदिक उपचार । Ayurvedic Treatment for Toothache in Hindi
अप्रैल 22, 2021 Lifestyle Diseases 2099 Viewsदांत दर्द का मतलब हिंदी में, (Toothache Meaning in Hindi)
दांत दर्द के आयुर्वेदिक उपचार
दांत दर्द की समस्या किसी को भी हो सकती है। आयुर्वेद के अनुसार दांत में दर्द को दंतशूल कहा जाता है। दांत में दर्द कई कारण से हो सकता है हालांकि कई लोग सामान्य अनुभव करते है और कई कोई अधिक गंभीरता का अनुभव करते है। पुराने समय से दांत दर्द का उपचार आयुर्वेद विधि से किया जाता रहा है। आयुर्वेद के मुताबिक नीम के दातुन से दांत को साफ करने से बैक्टीरियल संक्रमण का खतरा नहीं रहता है। आयुर्वेद में कुछ ऐसी जड़ीबूटियां है जिनके माध्यम से दांत दर्द कम किया जाता है। इन जड़ी बूटी में शामिल है लौंग, नंदी, पुष्प, हिगु, नीम, तुलसी, चित्रक आदि है। चलिए आज के लेख में आपको दांत दर्द के आयुर्वेदिक उपचार के बारे में बताया गया हैं।
- दांत दर्द के आयुर्वेदिक उपचार क्या हैं ? (Ayurvedic Treatment for Toothache in Hindi)
- आयुर्वेद के अनुसार दांत दर्द में क्या करना चाहिए और क्या नहीं ? (According to Ayurveda what to do and not to do in Toothache in Hindi)
दांत दर्द के आयुर्वेदिक उपचार क्या हैं ? (Ayurvedic Treatment for Toothache in Hindi)
दांत दर्द के निम्नलिखित उपचार है। चलिए आगे विस्तार से बताते हैं।
- तुलसी – तुलसी एक बेहतरीन आयुर्वेदिक जड़ीबूटी है इसमें अच्छी मात्रा में एंटीबैक्टीरियल गुण होता है। यह दांत में किसी भी तरह के संक्रमण को कम करने में मदद करता है। दांत दर्द की समस्या होने पर तुलसी के पत्ते को चबाना चाहिए। ऐसा करने से दांत के दर्द कम होते हैं। (और पढ़े – तुलसी के फायदे और नुकसान)
- लौंग – दांत दर्द को दूर करने के लिए लौंग प्रभावी आयुर्वेदिक उपचार है। लौंग में एंटी बैक्टीरियल व एंटी जीवाणुरोधक गुण होता है जो संक्रमण को रोकने में मदद करता है। लौंग के तेल को रुई में लगाकर सड़न वाली जगह पर रखने से कीड़े के साथ दर्द से आराम मिलता है। (और पढ़े – लौंग के तेल के फायदे)
- चित्रक – चित्रक एक ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जिसका उपयोग दांत दर्द के लिए किया जाता है। चित्रक की छाल व फूल का उपयोग किया जाता है। छाल को पिसकर दांत के दर्द वाली जगह पर लगाने से दर्द से आराम मिलता है। (और पढ़े – दांत दर्द के घरेलु उपचार)
हींग – आयुर्वेद के अनुसार हींग स्वास्थ्य के लिए उपयोगी होता है। हींग में कीड़े मारने के गुण होते है, इसलिए हींग को एक बूंद पानी में मिलाकर दांत दर्द वाली जगह पर लगाने से दर्द से आराम मिलता है। यदि दांत में कीड़े की समस्या है तो ठीक होने लगता है। (और पढ़े – पैर दर्द के आयुर्वेदिक उपचार)
नीम – आयुर्वेदिक जड़ी बूटी में नीम प्रमुख होती है क्योंकि इसके पत्ते, फल जड़ सभी औषधि में उपयोग किये जाते है। दांत के दर्द व दांत में कीड़े की समस्या को दूर करने के लिए नीम फायदेमंद होता है। जैसा की आपको पता है इसमें एंटी बैक्टीरियल गुण है जिसका उपयोग दातुन की तरह करने से दांत साफ़ और कीड़े मुक्त रहते है। इसके अलावा मसूड़ों को मजबूत करता है। यदि दांत को मजबूत करना चाहते है तो नीम के दातुन का उपयोग करना चाहिए। (और पढ़े – नीम के फायदे और नुकसान)
नंदी पुष्प – नंदी पुष्प एक आयुर्वेदिक पौधा है जिसका उपयोग दांत दर्द को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। इस पौधे के जड़ का उपयोग दांत के संक्रमण रोकने के लिए किया जाता है। इसके अलावा यह जड़ीबूटी के फूल आंखो से जुडी समस्या में उपयोग किया जाता है। स्वास्थ्य के कई तरह रोगो में इसका उपयोग किया जाता है। (और पढ़े – मोतियाबिंद का इलाज क्या है)
औषधि
- खरीदारी वटी – आयुर्वेद औषधीय में खरीदारी वटी का उपयोग दांत दर्द के इलाज के लिए किया जाता है। यह टेबलेट के रूप में आयुर्वेदिक मेडिकल पर आसानी से मिल जाता है। मसूड़ों में दर्द, दांत में दर्द या खून आने पर इस औषधि की सिफारिश करते है। इस आयुर्वेदिक औषधि में कई जड़ीबूटी का मिश्रण होता है जैसे बबुल, जायफल, लौंग, कपूर, त्रिफला व मुलेठी अन्य जड़ी बूटी शामिल है। इस औषधि को पानी के साथ कुल्हा करना होता है। इसका उपयोग चिकिस्तक की सलाह से करें। (और पढ़े – मुलेठी के फायदे क्या हैं)
- दशन संस्कार चूर्ण – दांत दर्द के लिए हर्बल चिकिस्तक दशन संस्कार चूर्ण की सिफारिश करता है। इस चूर्ण में कई चीज का मिश्रण होता है जैसे इसमें सोंठ, हरड़, कपूर, काली मिर्च और लौंग आदि का चूर्ण एक साथ मिलाकर दशन संस्कार चूर्ण बनाया जाता है। यह एक तरह आयुर्वेदिक मंजन है जिससे दांत पर मलने से दांत के संक्रमण दूर होते है साथ ही दांत दर्द का जोखिम नहीं होता है। (और पढ़े – लाल मिर्च के फायदे)
आयुर्वेद के अनुसार दांत दर्द में क्या करना चाहिए और क्या नहीं ? (According to Ayurveda what to do and not to do in Toothache in Hindi)
आयुर्वेद के अनुसार दांत दर्द में क्या करना चाहिए –
- आहार में त्रिना, धान्य, मुंग दाल, कुलथी दाल, मेथी शामिल करें।
- सब्जियों में हरी सब्जी के अलावा मूली व करेला शामिल करें।
- दांत दर्द के लिए आहार में घी व पान के पत्ते ले सकते है।
आयुर्वेद के अनुसार दांत दर्द में क्या नहीं करना चाहिए –
- आहार में मांस व मछली न खाएं।
- दही, दूध, गुड़, चने न खाएं।
- आवला व बाकला न खाएं।
- दिन में नहीं सोना चाहिए।
- पेट के बल नहीं सोना चाहिए।
- अधिक सख्त पदार्थो को खाने से बचे जिनसे दांत में दर्द होता है। (और पढ़े – दांतो में सड़न क्यों होती हैं)
हमें आशा है की आपके प्रश्न दांत दर्द के आयुर्वेदिक उपचार ? का उत्तर इस लेख के माध्यम से दे पाएं।
हमारा उद्देश्य केवल आपको लेख के माध्यम से जानकारी देना है। हम आपको किसी तरह दवा,उपचार की सलाह नहीं देते है। आपको अच्छी सलाह केवल एक चिकिस्तक ही दे सकता है। क्योंकि उनसे अच्छा दूसरा कोई नहीं होता है।