कुशिंग सिंड्रोम के कारण, लक्षण, उपचार व बचाव। Cushing’s Syndrome in Hindi.
अक्टूबर 10, 2020 Lifestyle Diseases 3150 ViewsCushing’s Syndrome Meaning in Hindi.
कुशिंग सिंड्रोम एक तरह की जटिल बीमारी है जो दुर्लभ स्तिथि बनाता है। ऐसा, तब होता है जब व्यक्ति की कोर्टीसोल नामक हार्मोन अधिक बढ़ जाता है और इसके बढ़ने से पुरे शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा व्यक्ति के लिए जटिल समस्या उपस्तिथ कर सकता है। इस बीमारी के लक्षण में त्वचा की मोटाई, त्वचा पर निशान पड़ना, निल त्वचा होना, बीपी हाई होना, अधिक कमजोरी का अनुभव करना, वजन बढ़ना यानि मोटापा होना, शुगर, चेहरे में सूजन, महिलाओं में मासिकधर्म में रुकावट इत्यादि। यह बीमारी उन लोगो को अधिक हो सकता होती है जो स्टेरॉयड दवा की खुराक लेते है। अस्थमा और पिट्यूटरी ग्रंथि ट्यूमर के लिए स्टेरॉइड दवा का सुझाव दिया जाता है। कुशिंग सिंड्रोम के उपचार में चिकिस्तक कोर्टिसोल के निर्माण को सामान्य करते है। जिससे,लक्षण में सुधार देखा जाता है। इसलिए, सही समय पर उपचार करवाना चाहिए। चलिए कुशिंग सिंड्रोम ( Cushing’s Syndrome in Hindi) के बारे में विस्तार से बताते हैं।
- कुशिंग सिंड्रोम के कारण क्या हैं ? (What are the Causes of Cushing’s Syndrome in Hindi)
- कुशिंग सिंड्रोम के लक्षण क्या हैं ? (What are the Symptoms of Cushing’s Syndrome in Hindi)
- कुशिंग सिंड्रोम का निदान क्या हैं ? (Diagnoses of Cushing’s Syndrome in Hindi)
- कुशिंग सिंड्रोम का उपचार क्या हैं ? (What are the Treatments for Cushing’s Syndrome in Hindi)
- कुशिंग सिंड्रोम से बचाव कैसे करें ? (Prevention of Cushing’s Syndrome in Hindi)
कुशिंग सिंड्रोम के कारण क्या हैं ? (What are the Causes of Cushing’s Syndrome in Hindi)
- कुशिंग सिंड्रोम का सामान्य कारण कर्टिकोस्टेरॉयड दवा का अधिक सेवन होता है जिसका अधिक समय तक उपयोग में लाने से प्रभाव पड़ता है। इन समस्या के बढ़ने से कुशिंग सिंड्रोम होता है। हालांकि अंदरूनी अंग प्रत्यारोपण को सुरक्षा प्रदान करने के लिए चिकिस्तक इन दवा का सुझाव दे सकते है। इन दवा का उपयोग अक्सर गठिया व सूजन में किया जाता है। इसके अलावा कमर में सूजन को कम करने के लिए स्टेरॉयड का इंजेक्शन लगा सकते है, जिसके कारण कुशिंग सिंड्रोम का जोखिम बन सकता है। इसलिए, स्टेरॉयड की कम खुराक लेना चाहिए जिससे कुशिंग सिंड्रोम का खतरा न हो।
- एंडोजीनस कुशिंग सिंड्रोम ( Cushing’s Syndrome in Hindi) शरीर में अत्यधिक कोर्टिसोल के अधिक बनने से होता है। इसके कुछ निम्न कारण हो सकते है। जैसे एंड्रीनल ग्रंथि का असामान्य होना, पिट्यूटरी ग्रंथि में अधिक ट्यूमर होना, थाइमस ग्रंथि में ट्यूमर का कारण होना इत्यादि। (और पढ़े – गठिया का उपचार क्या हैं)
कुशिंग सिंड्रोम के लक्षण क्या हैं ? (What are the Symptoms of Cushing’s Syndrome in Hindi)
कुशिंग सिंड्रोम के लक्षण व संकेत भिन्न हो सकते हैं।
- सामान्य लक्षण में मोटापा व त्वचा में बदलाव होता है।
- त्वचा का पतला होना।
- कीड़े काटने से संक्रमण की समस्या ठीक जल्दी न होना।
- मुंहासे की समस्या।
- चेहरे व कमर में ऊतक बढ़ना।
- पेट, जांधो पर गुलाबी हल्के स्ट्रेंज के निशान।
- कुशिंग रोग से ग्रस्त महिला में मासिकधर्म में रुकावट या अनियमित महामारी होना और चेहरे के बाल अधिक निकलना।
- कुशिंग रोग से ग्रस्त पुरुष में प्रजनन क्षमता में कमी होना, कामेच्छा में कमी, स्तंभन दोष आदि। (और पढ़े – कामेच्छा में कमी की समस्या)
कुशिंग सिंड्रोम का निदान क्या हैं ? (Diagnoses of Cushing’s Syndrome in Hindi)
कुशिंग सिंड्रोम भिन्न कारण से बढ़ते है। इसका निदान करने के लिए शरीर से कोर्टिसोल का स्तर के असामान्यता के आधार पर किया जाता है। निदान के लिए चिकिस्तक शारीरिक परीक्षण कर सकते है। इसके अलावा बीमारी के पहले के लक्षण के बारे में पूछते है ताकि सटीक निदान किया जा सके। कुछ लैब टेस्ट का सुझाव दे सकते है। जैसे मूत्र परीक्षण, रात के समय का लार में कोर्टिसोल मापना आदि। इन सब का परीक्षण करने के बाद कोर्टिसोल के निर्माण के कारण का पता लगाते रहते है। कुछ अन्य जांच भी कर सकते है, जिनमे शामिल है डेक्सामेथॉन उच्च खुराक टेस्ट, हार्मोन सिमुलेशन टेस्ट आदि। इसके अलावा सिटी स्कैन व एमआरआई स्कैन का सुझाव दे सकते है।
कुशिंग सिंड्रोम का उपचार क्या हैं ? (What are the Treatments for Cushing’s Syndrome in Hindi)
- कुशिंग सिंड्रोम ( Cushing’s Syndrome in Hindi) का मुख्य उपचार कोर्टिसोल के बढ़े स्तर को कम करना होता है। लेकिन उपचार कारण के आधार पर निर्भर होता है। जैसे अस्थमा व गठिया के उपचार में कोर्टीकोस्टेराइड का उपयोग करने से यह सिंड्रोम बढ़ने का खतरा होता है। ऐसे में चिकिस्तक इस दवा की खुराक कम कर देते है ताकि सिंड्रोम न हो सके। इसके अलावा बिना चिकिस्तक की अनुमति के दवा कम नहीं करना चाहिए नहीं तो स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। ट्यूमर की सर्जरी में इन दवा की जरूरत पड़ सकती है। पिट्यूटरी ग्रंथि को नाक के माध्यम से निकाला जाता है। एडिनल ग्रंथि व फेफड़ो में ट्यूमर को नियमित रूप से सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है।
- सर्जरी के बाद मरीज को कोर्टिसोल दवा की जरूरत पड़ सकती है। जबतक हार्मोन का उत्पादन सही न हो जाए। इसके अलावा ट्यूमर को बाहर निकालने के लिए रेडिएशन थेरेपी का उपयोग किया जाता है। ट्यूमर कैंसर से ग्रस्त है तो कीमोथेरेपी का उपयोग करते है।
- अगर ट्यूमर के कारण हार्मोन निर्माण में कमी आ रही है, चिकिस्तक हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी का सुझाव दे सकता है।
- यदि कोई उपचार काम नहीं कर पा रहा है, तो एडिनल ग्रंथि को सर्जरी के माध्यम से निकाल सकते है।
कुशिंग सिंड्रोम से बचाव कैसे करें ? (Prevention of Cushing’s Syndrome in Hindi)
कुशिंग सिंड्रोम से बचाव का कोई सटीक तरीका नहीं है, किंतु अपने आहार में पोषक तत्वों को शामिल कर अपने शरीर को स्वस्थ बना सकते है। वजन बढ़ने की समस्या तैलीय भोजन व जंक फ़ूड होता है। इसलिए इनके स्थान पर हरी सब्जिया व फलो का सेवन करे, जिनमे कैलोरी कम हो। वजन को नियंत्रित रखने से कोर्टिसोल का स्तर नहीं बढ़ता है।
अगर आपको कुशिंग सिंड्रोम (Cushing’s Syndrome in Hindi) के बारे में अधिक जानकारी व उपचार की आवश्कयता है, तो एंडोक्रोनोलिस्ट (Endocrinologists) से संपर्क कर सकते हैं।
हमारा उद्देश्य है आपको जानकारी प्रदान करना है। ना की किसी तरह के दवा, इलाज, घरेलु उपचार की सलाह दी जाती है। आपको चिकिस्तक अच्छी सलाह दे सकते है क्योंकि उनसे अच्छी सलाह कोई नहीं देता है।
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