बच्चों में डिप्रेशन क्यों होता है । Depression in Babies in Hindi
जनवरी 16, 2021 Lifestyle Diseases 1171 Viewsबच्चों में डिप्रेशन का मतलब हिंदी में, (Depression in Babies Meaning Hindi)
बच्चों में डिप्रेशन क्यों होता है ?
बहुत से माता-पिता को लगता उनका बच्चा डिप्रेशन से परेशान है और अपने कार्य ठीक से नहीं कर पा रहा है। बच्चों में डिप्रेशन की समस्या आम हो सकती है लेकिन अगर ध्यान न दिया तो समस्या और बढ़ सकती है। यह कहना कठिन हो सकता है की बच्चों में डिप्रेशन की पहचान हो सके। डिप्रेशन से आजकल बड़े व बच्चे दोनों ही ग्रस्त होते जा रहे है क्योकि निराश रहना अलग बात है व डिप्रेशन गंभीर समस्या है। यदि आपका बच्चा कई दिनों से डिप्रेशन से ग्रस्त है तो उचित समय पर उपचार करना चाहिए। सही समय पर पहचान कर उपचार करवाने से बच्चों को डिप्रेशन से बाहर लाया जा सकता है। चलिए आज के लेख में बच्चों में डिप्रेशन क्यों होता है? की समस्या के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं।
- बच्चों में डिप्रेशन के प्रकार ? (Types of Depression in Babies in Hindi)
- बच्चों में डिप्रेशन के कारण ? (Causes of Depression in Babies in Hindi)
- बच्चों में डिप्रेशन के लक्षण ? (Symptoms of Depression in Babies in Hindi)
- बच्चों में डिप्रेशन का इलाज ? (Treatments for Depression in Babies in Hindi)
बच्चों में डिप्रेशन के प्रकार ? (Types of Depression in Babies in Hindi)
बच्चों को डिप्रेशन कम या अधिक हो सकता है। इसके अलावा कुछ निम्न लक्षण भी नजर आ सकते है और बच्चों में डिप्रेशन को निम्न तरह से वर्गीकृत किया गया है।
- प्रमुख अवसादग्रस्तता विकार (MDD) – इस प्रकार को प्रमुख अवसाद भी कहा जाता है, प्रमुख अवसादग्रस्तता विकार का निदान तब किया जाता है जब कोई बच्चा गंभीर या तीव्र अवसाद का अनुभव करता है जो दो सप्ताह से अधिक समय तक रहता है।
- लगातार अवसादग्रस्तता विकार (पीडीडी) – इस प्रकार को डिस्टीमिया भी कहा जाता है, पीडीडी के साथ बच्चा अवसाद के लक्षण का अनुभव करता है, लेकिन लक्षण लंबे समय तक रहता है (बच्चों में एक वर्ष से अधिक, वयस्कों में दो साल)।
- मौसमी भावात्मक विकार (SAD) – मौसमी भावात्मक विकार एक मौसमी पैटर्न के साथ एमडीडी का एक रूप है। अवसाद के इस रूप वाले बच्चे मुख्य रूप से लक्षणों का अनुभव करते हैं जब दिन के उजाले कम होते हैं, जैसा कि उत्तरी गोलार्ध में सर्दियों के महीनों के दौरान होता है।
- बाइपोलर डिसऑर्डर – बाइपोलर डिसऑर्डर में बच्चें का मानसिक व उतार चढ़ाव होता रहता है। इसके अलावा बच्चों में सर्दी-जुखाम व हाइपोथायरिडजम की दवाओं से बच्चों में डिप्रेशन की संभावना हो सकती है। (और पढ़े – बाइपोलर डिसऑर्डर क्या है)
बच्चों में डिप्रेशन के कारण ? (Causes of Depression in Babies in Hindi)
- बच्चों में डिप्रेशन होने का कोई सटीक कारण नहीं होता है। बच्चो में किसी तरह की स्वास्थ्य समस्या व कार्य को लेकर अवसाद की समस्या उत्पन्न हो सकती है। कई बच्चों में अनुवांशिक व शारीरिक समस्या जिम्मेदार हो सकती है। घरेलू समस्या भी एक तरह से डिप्रेशन का कारण बन सकते है। जैविक काऱण होने से न्यूरोट्रांसमीटर सेरोटिन के स्तर से कम ही होते है। लड़को की तुलना में लड़किया डिप्रेशन से अधिक प्रभावित होती है।
- बच्चों में डिप्रेशन होने से लोगो में रहना मिलना जुलना कम हो जाता है साथ ही आत्मविश्वाश की कमी आ जाती है। यदि किसी तरह का सदमा या हादसा हुआ हो तो उससे बाहर निकलने का जल्दी रास्ता नजर नहीं आता है। इसके अलावा लोगो में कैसे रहना है यह डिप्रेशन पर निर्भर करता है।
- कुछ बच्चों में मानसिक उत्पीड़न व शोषण होने के कारण डिप्रेशन में जाने लगते है। इसके अलावा किसी करीब की मर्त्यु होने से बच्चॉ में निराशा होने से अवसाद होने लगता है। रोजाना शारीरिक गतिविधि व व्यायाम न करने से अवसाद की समस्या हो सकती है। स्कूल के काम व अन्य कार्य को न कर पाने से बच्चों में अवसाद होने लग जाता है। (और पढ़े – सुबह दौड़ने के स्वाथ्य लाभ)
बच्चों में डिप्रेशन के लक्षण ? (Symptoms of Depression in Babies in Hindi)
बच्चों में डिप्रेशन होने के लक्षण अलग -अलग हो सकते है क्योंकि जरुरी नहीं है सभी में एक ही लक्षण नजर आये। यदि बच्चों में डिप्रेशन की सही पहचान न हो पाए तो उपचार करवाना कठिन हो जाता है। कई बच्चों में डिप्रेशन होने से शरीर मानसिक व शारीरिक विकास नहीं हो पाता है।
बच्चों में डिप्रेशन के निम्नलिखित लक्षण नजर आ सकते है।
- अत्यधिक रोना।
- चिड़चिड़ापन आना।
- थकान महसूस होना।
- खाने की आदत में परिवर्तन आना।
- पेट दर्द होना।
- सिरदर्द होना।
- नींद में समस्या कभी अधिक सोना या कम सोना।
- हमेशा निराश या उदास रहना।
- दिमाग में कुछ न कुछ सोचते रहना।
- मूड एक जैसा न रहना।
- अपने दैनिक कामो को न कर पाना।
- समस्या होने पर खुद को दोषी मानना।
- दूसरे लोगो के साथ मिलना जुलना पसंद न करना।
- दिमाग को केंद्रित न कर पाना।
- अपना आत्मविश्वास खो देना।
- बिना कोई कारण बच्चे को गुस्सा आना। (और पढ़े – आटिज्म क्या है और क्यों होता है)
बच्चों में डिप्रेशन का इलाज ? (Treatments for Depression in Babies in Hindi)
- डिप्रेशन का उपचार जिस तरह बड़ो का किया जा सकता है उसी तरह बच्चों का किया जाता है। डिप्रेशन का उपचार में मनोचिकिस्तक व कुछ दवाओं के सेवन की सलाह दी जाती है। इलाज करने के पहले बच्चे के डिप्रेशन की गंभीरता को समझा जाता है और उचित उपचार किया जाता है। यदि किसी बच्चों में डिप्रेशन कम है तो थेरेपी का प्रयोग कर ठीक किया जा सकता है। डिप्रेशन कम नहीं होता है तो दवा दिया जा सकता है।
- विशेषज्ञों के अनुसार मनोचिकित्सा द्वारा डिप्रेशन के प्रभाव को कम किया जाता है। इसके अलावा डिप्रेशन कम करने वाली दवाओं का उपयोग कर सकते है। कुछ मामलो में विटामिन की खुराक शामिल कर सकते है जैसे विटामिन सी व विटामिन बी काम्प्लेक्स आदि। (और पढ़े – डिप्रेशन के आयुर्वेदिक उपचार)
हमें आशा है की आपके प्रश्न बच्चों में डिप्रेशन क्यों होता है ? का उत्तर इस लेख के माध्यम से दे पाएं।
बच्चों के स्वास्थ्य में किसी तरह की अनियमियता होने पर किसी अच्छे बाल चिकिस्तक (Child Specialists) से संपर्क कर सकते है।
हमारा उद्देश्य केवल आपको लेख के माध्यम से जानकारी देना है। हम आपको किसी तरह दवा, उपचार की सलाह नहीं देते है। आपको अच्छी सलाह केवल एक चिकिस्तक ही दे सकता है। क्योंकि उनसे अच्छा दूसरा कोई नहीं होता है।
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