इबोला वायरस के कारण, लक्षण, उपचार व बचाव। Ebola Virus Causes, Symptoms, Treatment and Prevention in Hindi

फ़रवरी 17, 2020 Lifestyle Diseases 8105 Views

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Ebola Virus Meaning in Hindi

इबोला वायरस एक तरह का घातक वायरस है। इस वायरस के संपर्क में आने पर लोगो की हालत बहुत खराब हो जाती है। इसमें व्यक्ति को रक्तश्राव वाला यानि हेमरेजिक बुखार हो जाता है। इसके अलावा शरीर का अंग काम करना बंद कर देता है और गंभीर अवस्था होने पर व्यक्ति की मौत हो जाती है। हालांकि इबोला वायरस का संक्रमण जानवरो से इंसानो में फैलता है। इस वायरस का अभी तक कोई उपचार अभी तक उपलब्ध नहीं हुआ है। लेकिन इसके दवा बनाने के लिए वैज्ञानिक शोध कर रहे है। चलिए आपको इस लेख में इबोला वायरस के कारण, लक्षण व बचाव के बारे में विस्तार से बताएंगे।

  • इबोला वायरस क्या है ? (What is Ebola Virus in Hindi)
  • इबोला वायरस के कारण क्या है ? (What are the Causes of Ebola Virus in Hindi)
  • इबोला वायरस के लक्षण क्या है ? (What are the Symptoms of Ebola Virus in Hindi)
  • इबोला वायरस का इलाज क्या है ? (What are the Treatments for Ebola Virus in Hindi)
  • इबोला वायरस से बचाव कैसे करें ? (Prevention of Ebola Virus in Hindi)

इबोला वायरस क्या है ? (What is Ebola Virus in Hindi)

इबोला वायरस एक तरह का संक्रमण है जो चमगादड़ के शरीर में रहता है। यह वायरस जानवरो के मल,खून, मृत जानवर, जानवर के रक्त स्राव आदि के संपर्क में आने से इंसानो में फैलता है। यह संक्रमण इंसानो के रक्त को दूषित करता है और संक्रमण व्यक्ति के शरीर के अंग को अधिक प्रभावित करता है। इसके अलावा संक्रमित इंसान के पसीने कपडे अगर दूसरा व्यक्ति पहन ले तो उसे भी संक्रमण हो जाता है।

इबोला वायरस के कारण क्या है ? (What are the Causes of Ebola Virus in Hindi)

  • इबोला वायरस फैलने का मुख्य कारण अफ़्रीकी बंदर, चिम्पाजी व सुअरो, फ्रूट बैट आदि होता है। कुछ जानकारों के अनुसार जानवरो के शरीर में होने रक्तश्राव के संपर्क में आने से से इंसानो में फैलता है। कुछ वैज्ञानिक के जानवर के चिर -फाड करने पर इबोला वायरस उनको हो गया था। इसके अलावा अफ्रीका के जंगल में पर्यटन लोग जानवर के संपर्क वायरस की चपेट गए थे।
  • संक्रमित व्यक्ति के लक्षण शुरू होने पर अगर कोई स्वस्थ व्यक्ति संपर्क में आ जाता है, तो उसको भी यह वायरस हो जाता है। इबोला वायरस व मारबर्ग कीड़े के काटने से फैलता है।
  • इबोला वायरस से संक्रमित शव को अंतिम संस्कार करने पर वायरस का जोखिम रहता है।
  • अफ्रीका में इबोला वायरस खतम नहीं हुआ है। अभी भी लोगो को होता रहता है।
  • अगर आपके घर में कोई व्यक्ति इबोला वायरस से संक्रमित हो गया है तो आपको मास्क लगाकर और बचाव करके व्यक्ति की देखभाल करनी चाहिए नहीं तो सुरक्षा नहीं रखने पर आपको भी हो जाता है। (और पढ़े – निपाह वायरस क्या है)

इबोला वायरस के लक्षण क्या है ? (What are the Symptoms of Ebola Virus in Hindi)

इबोला वायरस से संक्रमित होने पर पांच से सात दिन में शुरुवाती लक्षण नजर आने लगते है।

  • जैसे: बुखार होना।
  • कमजोरी महसूस करना।
  • मांसपेशियो में दर्द होना।
  • जोड़ो में दर्द होना। (और पढ़े – जोड़ो में दर्द के कारण)
  • ठंड लगना।
  • असहनीय पीड़ा होना।
  • गंभीर होने पर कुछ अन्य लक्षण नजर आ सकते है।
  • पेट में दर्द होना।
  • छाती में दर्द होना।
  • अंदरूनी रक्तस्राव होना।
  • वजन बहुत जल्दी कम होना। (और पढ़े – वजन बढ़ाने के घरेलु उपचार)
  • आंखो में नीलापन।
  • उल्टी व मलती।

इबोला वायरस का इलाज क्या है ? (What are the Treatments for Ebola Virus in Hindi)

इबोला वायरस के उपचार के लिए कोई विशेष दवा नहीं है। हालांकि वैज्ञानिक इसपर शोध कर रहे है।

  • एंटीवायरल दवा इस संक्रमण को रोकने में कुछ खास काम नहीं आती है। इस संक्रमण के लिए कोई एंटीबायोटिक नहीं है। हालांकि मरीज को चिकित्सीय देखभाल कुछ इस तरह की जाती है।
  • शरीर में खून की कमी नहीं होने देना।
  • तरल पदार्थ पिलाना।
  • बीमारी होने पर अन्य संक्रमण का इलाज करना ताकि संक्रमण बढ़ न सके।
  • ब्लड प्रेशर को सामान्य रखना।
  • जरूत होने पर ऑक्सीजन देना। (और पढ़े – सांस फूलना की समस्या)

इबोला वायरस से बचाव कैसे करें ? (Prevention of Ebola Virus in Hindi)

इबोला वायरस से बचाव सर्वप्रथम बीमारी के प्रति जागरूक होना बहुत जरुरी है। सावधानी बरतने पर इस संक्रमण को फैलने से रोक सकते है।

  • अगर आप अफ्रीका घूमना चाहते है, तो वहा के के बारे में अच्छे से जाने व महामारी की स्तिथि को जान ले।
  • किसी भी अन्य संक्रमण से खुद को बचाये ताकि इबोला संक्रमण से बच सके। कोई जगह पर हाथ लगाने से उस हाथ को अच्छी तरह धो ले। हाथ धोने के लिए किसी अच्छे सेनेटाइजर का उपयोग करे या अल्कोहल वाले सेनेटाइजर से धो ले।
  • अगर आप मरीज की देखभाल कर रहे है तो मरीज के पसीने, मल, रक्त स्राव, खून, लार, आदि के संपर्क में आने से खुद का बचाव करे। इबोला के अंतिम चरण में मरीज के लिए बहुत घातक साबित होता है।
  • अफ्रीका में यदि यात्रा करने जा रहे है, तो जानवरो के मांस को खाने से बचना चाहिए।
  • संक्रमण पर नियंत्रण पाने के लिए आप दस्ताने का उपयोग करे, पुरे शरीर को ढकने वाले कपडे पहने, मास्क लगाकर रखे। संक्रमित व्यक्ति से दूर रहे।
  • इबोला या मारबर्ग पीड़ितों के शव अधिक संक्रमित हो जाता है, इससे अधिक फैलने का खतरा रहता है। इन शव का अंतिमसंस्कार कुछ विशेष उपकरण द्वारा करवाना चाहिए ताकि शव के क्रिया करम करने वाले को न संक्रमण फैले। (और पढ़े – कोनोरा वायरस क्या है)

अगर आपको इबोला वायरस के बारे में अधिक जानकारी एव उपचार करवाना हो, तो हेमाटोलॉजिस्ट (Hematologists) से संपर्क कर सकते है।

हमारा उद्देश्य केवल आपको लेख के माध्यम से जानकारी देना है। हम आपको किसी तरह दवा, उपचार की सलाह नहीं देते है। आपको अच्छी सलाह केवल एक चिकिस्तक ही दे सकता है। क्योंकि उनसे अच्छा दूसरा कोई नहीं होता है। 


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