नीलगिरी तेल के फायदे और नुकसान। Benefits and Side-Effects of Eucalyptus Oil in Hindi
दिसम्बर 13, 2019 Lifestyle Diseases 12361 ViewsEucalyptus Meaning in Hindi
नीलगिरी का तेल पुरे दुनिया में स्वास्थ्य के लाभ के लिए बहुत प्रसिद्ध है।नीलगिरी का तेल नीलगिरी के पत्तो से प्राप्त किया जाता है। नीलगिरी का पेड़ सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया में पाया गया था। लेकिन पिछले कुछ शताब्दी में भारत और यूरोप समित सभी देशो में नीलगिरी पाया जाने लगा है। लेकिन कुछ ऐसे देश भी है जहा पर छोटी मात्रा में नीलगिरी का उत्पादन किया जा रहा है। नीलगिरी तेल को बड़े पैमाने के तौर औषधीय के रूप उपयोग किया जाता है। चलिए नीलगिरी तेल के स्वास्थ्य लाभ के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करते है।
- नीलगिरी क्या है ? (What is Eucalyptus Oil in Hindi)
- नीलगिरी तेल के क्या फायदे है ? (What are the Benefits of Eucalyptus Oil in Hindi)
- नीलगिरी तेल के नुकसान क्या है ? (What are the Side-Effects of Eucalyptus Oil in Hindi)
नीलगिरी क्या है ? (What is Eucalyptus Oil in Hindi)
नीलगिरी एक पेड़ है। यह पेड़ बहु लंबा होता है। इसकी पत्तिया हरे रंग की होती है। इन पत्तियों से तेल निकाला जाता है। नीलगिरी तेल में एंटी-बैक्टीरियल, जीवाणु रोधक,गुण व एंटीसेप्टिक के रूप में कार्य करता है। त्वचा के संक्रमण को दूर करने के लिए नीलगिरी तेल का उपयोग करना चाहिए। यह त्वचा के संक्रमण को समाप्त करने में सहायता करती है।
नीलगिरी तेल के क्या फायदे है ? (What are the Benefits of Eucalyptus Oil in Hindi)
नीलगिरी तेल के अनेको स्वास्थ्य लाभ है।
- बालो के लिए :- नीलगिरी तेल का उपयोग बालो में करने बालो में चमक व बाल मोटे होते है। लेकिन नीलगिरी तेल का उपयोग अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए। इससे बालो की चमक कम हो जाती है। बालो में इसका तेल लगाने के एक घंटे बाद बालो को शैम्पू से अच्छी तरह धो लेना चाहिए। (और पढ़े – बालो के झड़ने का कारण क्या है)
- त्वचा के लिए :- यदि त्वचा संक्रमण से प्रभावित है तो उस जगह पर नीलगिरी तेल लगाया जाता है। त्वचा संक्रमण जैसे दाद, मुंहासे, चिकन पॉक्स के लिए भी किया जाता है।
- मधुमेह के लिए :- मधुमेह से ग्रस्त व्यक्तियों को नीलगिरी का सेवन करना बहुत फायदेमंद होता है। यह शरीर में रक्त शर्करा को नियंत्रित करता है। लेकिन इसका उपयोग पर्याप्त मात्रा में केवल करे।
- बुखार के लिए :- यदि व्यक्ति तेज बुखार से ग्रस्त है तो ऐसे में बुखार के तापमान को कम करने के लिए नीलगिरी तेल का उपयोग किया जाता है। नीलगिरी तेल को फीवर आयल के नाम से भी जाना जाता है।
- दांतो के लिए :- नीलगिरी तेल संक्रमण व जीवाणु के रोधक होते है। यदि दांतो में किसी प्रकार की समस्या हो जैसे: मसूड़ों में सूजन, कीड़े लगना, दांतो का दर्द इत्यादि जैसी समस्या को दूर करने में सहायता करता है।
- पेट के कीड़े दूर करने के लिए :- यदि बच्चो के पेट में कीड़े पड़ गये हो, तो ऐसे में नीलगिरी का तेल पेट के कीड़े दूर करने में सहायता करता है। नीलगिरी तेल में एंटी वायरल गुण होता है।
- जु मरने के लिए :- अगर बालो में अधिक जु पड़ गये हो तो नीलगिरी तेल का उपयोग बालो में करना चाहिए। नीलगिरी तेल एंटीवायरल के रूप में बालो के जु मरता है। बालो को जु से मुक्त करता है।
- मांसपेशियो के दर्द को दूर करने के लिए :- मांसपेशियो के दर्द को दूर करने के लिए नीलगिरी तेल संजीवनी बूटी की तरह काम करता है। दर्द के स्थान पर नीलगिरी तेल से अच्छी तरह मालिश करे। यह करने से मांसपेशियो का दर्द दूर होता है।
- निमोनिया में :- नीलगिरी के तेल में एंटीसेप्टिक व एंटीवायरल गुण होते है। इस तेल का उपयोग छाती मालिश करने से यह फेफड़ो को साफ व सूजन कम और क्षय रोग के लक्षणो को कम करने में मदद करती है।
- गुर्दे की पथरी :- गुर्दे की पथरी बहुत ही दर्दनाक होती है। इसके दर्द से व्यक्ति बहुत कमजोर हो जाता है। ऐसे में नीलगिरी तेल का उपयोग दर्द वाली जगह पर लगाने से दर्द से राहत मिलेगी। यदि मालिश करने पर दर्द नहीं जाता तो डॉक्टर से सलाह ले। (और पढ़े – किडनी स्टोन (गुर्दे की पथरी) क्या है)
नीलगिरी तेल के नुकसान क्या है ? (What are the Side-Effects of Eucalyptus Oil in Hindi)
- नीलगिरी तेल के बहुत से फायदे होते है। किंतु नीलगिरी के कुछ नुकसान भी होते है।
- जिन व्यक्तियों को नीलगिरी तेल से एलर्जी है। उन व्यक्तियों को नीलगिरी तेल का इस्तेमाल करने से परहेज करना चाहिए।
- नीलगिरी तेल का अधिक सेवन करना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। इसमें टॉक्सिक होता है
- अगर कोई व्यक्ति पहली बार नीलगिरी तेल का उपयोग करने वाले है। तो उनको उपयोग करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लेना चाहिए। अगर आपको नीलगिरी तेल का उपयोग करने से किसी प्रकार की स्वास्थ्य में समस्या उत्पन्न हो रही है। तो तुरंत इस तेल का उपयोग करना बंद कर दे
और अपने नजदीकी जनरल फिजिशियन डॉक्टर (General Physician) से संपर्क करे।