आई फ्लू क्या है। Eye Flu in Hindi
अगस्त 29, 2019 Lifestyle Diseases 9909 ViewsEye Flu Meaning in Hindi.
आई फ्लू एक तरह का रोग होता है। जो इन्फेक्शन पैदा करने वाले वायरस के कारण होता है। यह वायरस बहुत तेजी से आंखो में फैलने लगता है। इस रोग में आंख की उस झिल्ली में सूजन व लालिमा आ जाती है। आई फ्लू को कंजंक्टिवाइटिस के नाम से भी जाना जाता है। आई फ्लू किसी को भी हो सकता है। लेकिन खास तौर पर यह बच्चों में देखने को मिलता है। आई फ्लू से बचने के लिए साफ सफाई रखने की बहुत आवश्यता होती है। चलिए विस्तार से Eye Flu के बारे जानकारी प्राप्त करते है।
- आई फ्लू क्या है ? (What is Eye Flu in Hindi)
- आई फ्लू के कारण क्या है ? (What are the Causes of Eye Flu in Hindi)
- आई फ्लू के लक्षण क्या है ? (What are the Symptoms of Eye Flu in Hindi)
- आई फ्लू का परिक्षण ? (Diagnoses of Eye Flu in Hindi)
- आई फ्लू का इलाज क्या है ? (What are the Treatments for Eye Flu in Hindi)
- आई फ्लू से बचाव कैसे करें ? (Prevention of Eye Flu in Hindi)
आई फ्लू क्या है ? (What is Eye Flu in Hindi)
आई फ्लू एक तरह का आंख का संक्रमण होता है। जो वायरस के कारण होता है। आई फ्लू के कारण आंखो में सूजन व लालिमा जैसे लक्षण नजर आने लगते है। यह संक्रमण बहुत दर्दनीय पीड़ा देता है। यह अत्यधिक तेजी से आंखो में बढ़ता है। जो संक्रमित व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्ति को आसानी से हो जाता है। आई फ्लू के कारण क्या है ? (What are the Causes of Eye Flu in Hindi) आई फ्लू अनेको कारण से हो सकता है।
- आंख में संक्रमण एक वायरस या बैक्टीरिया के कारण हो सकता है।
- यह वायरस सर्दी व जुखाम के कारण आंखो में फैल सकता है।
- कुछ रोग भी आई फ्लू का कारण बन सकते है। जैसे खसरा, सर्दी, फ्लू इत्यादि।
- आंखो में संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है। यह हवा के माध्यम नहीं फैलता बल्कि संक्रमित सतह को छु कर ही केवल फैलता है।
- संक्रमित व्यक्ति का तौलिया व अन्य निजी सामान इस्तेमाल करने के कारण दूसरे व्यक्ति को भी आंखो में संक्रमण होने लगता है।
- यदि आप किसी तरह का लेंस पहनते है। अगर संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते है तो अपने लेंस को स्पर्श करने से पहले अपने हाथो को अच्छे से धो ले।
आई फ्लू के लक्षण क्या है ? (What are the Symptoms of Eye Flu in Hindi)
आई फ्लू के निम्लिखित लक्षण है।
- आंखों का ये संक्रमण आंखों की सफेद सतह की ऊपरी परत में होता है।
- आंखें लाल हो जाना।
- रौशनी के प्रति सवेंदनशीलता। (और पढ़े – मोतियाबिंद क्या है)
- आंखों से पानी आने लगना
- आंखो तीव्र जलन होना।
- पलकों पर पीला और चिपचिपा तरल जमा होने लगना।
- आंखों में चुभन होना।
- सूजन व तेज दर्द होना। (और पढ़े – केला के फायदे आंखो के लिए)
- आंखों में खुजली होना।
- संक्रमण के कारण बुखार होना।
आई फ्लू का परिक्षण ? (Diagnoses of Eye Flu in Hindi)
- चिकित्सक संकेत और लक्षणों को देखकर और कुछ प्रश्न पूछकर आई फ्लू का परीक्षण कर सकते है। परीक्षण के दौरान चिकिस्तक मरीज के द्वारा प्राप्त किये गए लक्षणो के बारे में जानकारी लेते है। कब से हुआ है। निदान के लिए इतनी जानकारी बहुत होती है।
- कुछ गंभीर मामलो में चिकिस्तक आंखो के विशेषयज्ञ के पास भेज देते है। जिन्हे ओफ्थल्मोलॉजिस्ट कहा जाता है। यह चिकिस्तक आंखो की रौशनी जांचने के लिए उपकरण का प्रयोग करते है।
- आंखो में कीचड़ या किसी तरह का अन्य पदार्थ आ रहा है। तो इस स्तिथि में स्वेब टेस्ट किया जाता है। इस टेस्ट में इन्फेक्शन पैदा करने वाले शुष्म जीव की पहचान की जाती है।
आई फ्लू का इलाज क्या है ? (What are the Treatments for Eye Flu in Hindi)
- आई फ्लू आमतौर पर कुछ दिनों तक या कुछ समय तक रहता है। अपने आप ठीक भी हो जाता है। यदि किसी प्रकार के वायरस के कारण आई में फ्लू हुआहै। तो ऐसे मामले में एंटीबायोटिक दवाएं भी को सहायता नहीं कर पाती है।
- आई फ्लू का इलाज मरीज के कारण पर निर्भर करता है। दिन में 3 से 4 बार आंखो की ठंडी या गर्म सेकाई करनी पड़ती है। चिकिस्तक द्वारा बताई गयी आई ड्राप का भी उपयोग कर सकते है।
- चिकिस्तक के अनुसार कुछ घरेलु उपाय जैसे : बर्फ से सेकाई करना, पालक व गाजर का रस पीना, आंखो में एक या दो बूंद गुलाब जल डालकर साफ करना इत्यादि।
आई फ्लू से बचाव कैसे करें ? (Prevention of Eye Flu in Hindi)
आई फ्लू से बचाव करने के लिए निम्नलिखित उपाय है। जिससे आई फ्लू के जोखिम को कम किया जा सकता है।
- आँखों को छूना या रगड़ना नहीं है।
- हाथों को बार-बार साबुन और गर्म पानी से धोना या हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना।
- हमेशा रात में कॉन्टेक्ट लेंस हटाकर, और लेंस हाइजीन के बारे में निर्देशों का पालन करें।
- चश्मा साफ रखना।
- व्यक्तिगत वस्तुओं जैसे तौलिए और तकिए को साझा नहीं करना, अन्य लोगों के साथ लेंस बनाना और संपर्क करना।
- स्विमिंग पूल में काले चश्मे का उपयोग करना, और यदि आपको संक्रमण है तो तैराकी न करें।
- संक्रमण चले जाने के बाद, किसी भी संपर्क लेंस के घोल और आंख के मेकअप को फेंक देना एक अच्छा विचार है।
- संभावित या ज्ञात चिड़चिड़ापन और एलर्जी से बचने के द्वारा अड़चन और एलर्जी से आंखो के जोखिम को कम किया जा सकता है। (और पढ़े – कीवी खाने के फायदे आंखो के लिए)
अगर आई फ्लू के बारे में अधिक जानकारी एव इलाज करवाना हो, तो ओफ्थल्मोलॉजिस्ट चिकिस्तक (Ophthalmologist) से संपर्क करें।