रूबेला (जर्मन मिजिल्स) एंटीबॉडी टेस्ट क्या हैं । Rubella (German measles) in Hindi
अप्रैल 20, 2021 Lifestyle Diseases 1849 Viewsरूबेला (जर्मन मिजिल्स) एंटीबॉडी टेस्ट का मतलब हिंदी में, (Rubella (German measles) AntiBody Test Meaning in Hindi)
रूबेला (जर्मन मिजिल्स) एंटीबॉडी टेस्ट क्या हैं?
रूबेला (जर्मन मिजिल्स) एंटीबॉडी टेस्ट के माध्यम से एंटीबॉडी का पता लगाया जाता है जो कि रूबेला वायरस को मारने में मदद करने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा किया जाता है। सामान्यतौर पर जाच से पता लगाते है की व्यक्ति का शरीर संक्रमण से लड़ सकता है या नहीं। रूबेला एंटीबॉडी दो तरह के हो सकते है जिनमे आईजीएम और आईजीजी शामिल है। रूबेला जिसे जर्मन खसरा या 3-दिन का खसरा भी कहा जाता है, यह आमतौर पर दीर्घकालिक समस्याओं का कारण नहीं होता है। लेकिन गर्भावस्था के दौरान रूबेला वायरस से संक्रमित महिला से बच्चे (भ्रूण) को रोग का खतरा हो सकता है। इसके अलावा रूबेला सिंड्रोम (सीआरएस) नामक गंभीर जन्म दोष विकसित हो सकता है, खासकर पहली तिमाही के दौरान। सीआरएस के जन्म दोषों में मोतियाबिंद और आंखों की अन्य समस्याएं, श्रवण दोष और हृदय रोग शामिल हैं। गर्भवती महिलाओं के लिए गर्भपात और स्टिलबर्थ भी संभावित परिणाम हैं। रूबेला को रोकने के लिए टीकाकरण इन जटिलताओं से बचाता है। रूबेला परीक्षण आमतौर पर एक महिला के लिए किया जाता है, जो यह निर्धारित करने के लिए गर्भवती हो जाना चाहती है कि उसे रूबेला का खतरा है या नहीं। रक्त में रूबेला एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए कई प्रयोगशाला विधियों का उपयोग किया जा सकता है। सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला तरीका एंजाइम से जुड़ा इम्युनोसॉरबेंट परख (एलिसा, ईआईए) है। चलिए आज के लेख में आपको रूबेला (जर्मन मिजिल्स) एंटीबॉडी टेस्ट के बारे में बताने वाले हैं।
- रूबेला (जर्मन मिजिल्स) एंटीबॉडी टेस्ट क्यों किया जाता हैं ? (What are the Purpose of Rubella (German measles) AntiBody Test in Hindi)
- रूबेला (जर्मन मिजिल्स) एंटीबॉडी टेस्ट से पहले की तैयारी ? (Prepare Before Rubella (German measles) AntiBody Test in Hindi)
- रूबेला (जर्मन मिजिल्स) एंटीबॉडी टेस्ट कैसे किया जाता हैं ? (What are the Procedure of Rubella (German measles) AntiBody Test in Hindi)
- रूबेला (जर्मन मिजिल्स) एंटीबॉडी टेस्ट के बाद क्या जोखिम आ सकते हैं ? (What are the Risks of Rubella (German measles) AntiBody Test in Hindi)
- रूबेला (जर्मन मिजिल्स) एंटीबॉडी टेस्ट के परिणाम क्या आ सकते हैं ? (What do Results of Rubella (German measles) AntiBodyTest mean in Hindi)
रूबेला (जर्मन मिजिल्स) एंटीबॉडी टेस्ट क्यों किया जाता हैं ? (What are the Purpose of Rubella (German measles) AntiBody Test in Hindi)
रूबेला (जर्मन मिजिल्स) एंटीबॉडी टेस्ट निम्न स्तिथियो में करवाने की सलाह दी जा सकती है।
- गर्भावस्था के शुरुवाती महीनो में या प्रसव के पहले जांच किया जा सकता है।
- गर्भवती महिला में कुछ लक्षण नजर आने पर जांच की सलाह दी जा सकती हैं।
- जैसे नाक बहना।
- जोड़ो में दर्द रहना।
- सामान्य बुखार।
- आंख में जलन होना।
- लिम्फ नॉड्स में सूजन आना।
कुछ महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है इस वजह से शिशु भी रूबेला वायरस से संक्रमित होने का जोखिम हो सकता है। इस वजह से गर्भपात व शिशु को जन्म से रोग हो सकता है। हालांकि जन्म से रोग के जोखिम में शामिल है।
- मोतियाबिंद।
- सुनने की क्रिया में परेशानी।
- हृदय से जुडी समस्या।
- जन्म के समय से रैशेज होना।
- मानसिक समस्या।
कुछ ऐसे बच्चे होते है जिनमे फेफड़ो की सूजन व ग्लूकोमा की समस्या हो सकती है। बच्चों को भी रूबेला टेस्ट करवाना चाहिए जिनके माता -पिता को पहले रूबेला संक्रमण हो चूका हो।
नवजात शिशु जन्म से विकार से बचे रहे इसलिए गर्भवती महिला को रूबेला (जर्मन मिजिल्स) एंटीबॉडी टेस्ट जरूर करवाना चाहिए। (और पढ़े – पेंटावैलेंट वैक्सीन क्या हैं)
रूबेला (जर्मन मिजिल्स) एंटीबॉडी टेस्ट से पहले की तैयारी ? (Prepare Before Rubella (German measles) AntiBody Test in Hindi)
अन्य टेस्ट की तरह रूबेला (जर्मन मिजिल्स) एंटीबॉडी टेस्ट में किसी तरह की विशेष तैयारी की जरूरत नहीं होती है। लेकिन चिकिस्तक द्वारा दिए गए किसी तरह दवा ले रहे है तो चिकिस्तक को बता दे। इसके अलावा पहले से डायबिटीज व बीपी से ग्रस्त है तो पूरी जानकारी दे। (और पढ़े – मिजिल्स रूबेला क्या हैं)
रूबेला (जर्मन मिजिल्स) एंटीबॉडी टेस्ट कैसे किया जाता हैं ? (What are the Procedure of Rubella (German measles) AntiBody Test in Hindi)
रूबेला (जर्मन मिजिल्स) एंटीबॉडी टेस्ट करने के लिए आपके बांह की नस में सुई लगाकर ब्लड का सैंपल लिया जाता है। छोटे शिशु में जांच के लिए एडीओ से ब्लड सैंपल लिया जाता है। इसके अलावा नवजात शिशु में गर्भनाल से सैंपल लिया जाता है। हालांकि सुई लगाने के बाद हल्का दर्द का अनुभव हो सकता है लेकिन दर्द व चुभन कुछ समय के लिए रहता है फिर अपने आप ठीक हो जाता है। (और पढ़े – फुल बॉडी चेकअप क्या हैं)
रूबेला (जर्मन मिजिल्स) एंटीबॉडी टेस्ट के बाद क्या जोखिम आ सकते हैं ? (What are the Risks of Rubella (German measles) AntiBody Test in Hindi)
रूबेला टेस्ट में कोई बड़ा जोखिम नहीं रहता है हालांकि जांच के दौरान नस से रक्त का नमूना लेने से समस्या होने की बहुत कम संभावना है। इसके अलावा साइट पर एक छोटी चोट लग सकती है। आप साइट पर कई मिनटों तक दबाव बनाकर चोट के निशान को कम कर सकते हैं। कुछ दुर्लभ मामलों में, रक्त का नमूना लेने के बाद नस सूजन आ सकती है। जांच के बाद कुछ दिन गर्म सेकाई का उपयोग किया जा सकता है। (और पढ़े – कोलेस्ट्रॉल टेस्ट क्या हैं)
रूबेला (जर्मन मिजिल्स) एंटीबॉडी टेस्ट के परिणाम क्या आ सकते हैं ? (What do Results of Rubella (German measles) AntiBodyTest mean in Hindi)
रूबेला (जर्मन मिजिल्स) एंटीबॉडी टेस्ट के परिणाम व्यक्ति के उम्र व स्वास्थ्य स्तिथियो पर निर्भर करता है परिणाम सामान्य या असामान्य आ सकता है।
- सामान्य परिणाम – एक सकारात्मक परीक्षण 1.0 या उच्चतर है, इसका मतलब है कि आप रूबेला के लिए प्रतिरक्षा हैं और संक्रमण प्राप्त नहीं कर सकते। यह सबसे आम रूबेला टेस्ट है।
- असामान्य परिणाम – 7 आईयू / एमएल आईजीजी एंटीबॉडी से कम और 0.9 आईजीएम एंटीबॉडी से कम है। इसका मतलब है कि आप रूबेला के लिए प्रतिरक्षा नहीं हैं। यदि आप गर्भवती होने के बारे में सोच रही हैं, तो गर्भावस्था से पहले रूबेला का टीका लगवाने के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।
हमें आशा है की आपके प्रश्न रूबेला (जर्मन मिजिल्स) एंटीबॉडी टेस्ट ? का उत्तर इस लेख के माध्यम से दे पाएं।
अगर आपको रूबेला (जर्मन मिजिल्स) एंटीबॉडी टेस्ट के बारे में अधिक जानकारी अपने सामान्य चिकिस्तक (General Physician) से संपर्क कर सकते है।
हमारा उद्देश्य केवल आपको लेख के माध्यम से जानकारी देना है। हम आपको किसी तरह दवा, उपचार की सलाह नहीं देते है। आपको अच्छी सलाह केवल एक चिकिस्तक ही दे सकता है। क्योंकि उनसे अच्छा दूसरा कोई नहीं होता है।
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