जानिए रसभरी के फायदे और नुकसान। Benefits and Side-Effects of Golden berries in Hindi

दिसम्बर 9, 2019 Lifestyle Diseases 9148 Views

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Golden berries Meaning in Hindi

रसभरी एक तरह का फल है इसका रंग सुनहरे जामुन उज्ज्वल, नारंगी रंग के फल की तरह हैं जो कि टोमैटिलो के साथ निकटता से संबंधित हैं। टोमैटिलोस की तरह, वे एक पपीते की भूसी में लिपटे होते हैं। जिसे कैलीक्स कहा जाता है जिसे खाने से पहले हटा दिया जाना चाहिए।चेरी टमाटर की तुलना में थोड़ा छोटा, इन फलों में एक मीठा, उष्णकटिबंधीय स्वाद होता है जो अनानास और आम की याद दिलाता है। बहुत से लोग नाश्ते के रूप में या सलाद, सॉस और जाम में अपने रसदार स्वाद का आनंद लेते हैं। रसभरी को इंका बेरी, पेरूवियन ग्रैचेरी, पोहा बेरी, गोल्डनबेरी, भूसी चेरी और केप गोसेबेरी के नाम से भी जाना जाता है। वे नाइटशेड परिवार से संबंधित हैं और दुनिया भर में गर्म स्थानों में बढ़ते हैं। इस लेख में आपको सुनहरी जामुन के पौष्टिक तत्व, फायदे और नुकसान के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है।

  • रसभरी के पौष्टिक तत्व और खनिज क्या है ? (What are the Nutrients and Minerals Found in Golden Berries in Hindi)
  • रसभरी के फायदे क्या है ? (What are the Benefits of Golden Berries in Hindi)
  • रसभरी के नुकसान क्या है ? (What are the Side-Effects of Golden berries in Hindi)

रसभरी के पौष्टिक तत्व और खनिज क्या है ? (What are the Nutrients and Minerals Found in Golden Berries in Hindi)

रसभरी में बहुत से पौष्टिक तत्व और खनिज होते है। कार्ब्स,फाइबर, प्रोटीन, वसा,विटामिन सी, थियामिन, राइबोफ्लेविन,नियासिन, विटामिन ए, लोहा, फास्फोरस इत्यादि विटमिन और खनिज है। जो सेहत के लिए लाभदायक होता है।

रसभरी के फायदे क्या है ? (What are the Benefits of Golden Berries in Hindi)

रसभरी के अनेको स्वास्थ्य लाभ होते है।

  • कैंसर से बचाव करने में – कैंसर एक खतरनाक बीमारी है। जो बढ़ने पर जानलेवा होती है। इसकी रोकथाम करने के लिए रसभरी का सेवन करना चाहिए। इसमें शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट कैंसर विरोधी गुण होते है। जो कैंसर के ट्यूमर को बनने से रोकते है। कैंसर का इलाज करता है। अपने फलो में रसभरी को जरूर सम्मिलित करें।
  • कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण करने में – हमारे शरीर में दो कोलेस्ट्रॉल होते है। जिसे अच्छा कोलेस्ट्रॉल और बुरा कोलेस्ट्रॉल कहते है। बुरा कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर हाई बीपी बढ़ता है और हृदय पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। अच्छा कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर हृदय स्वस्थ रहता है। और अपना कोलेस्ट्रॉल अच्छा करने के लिए रसभरी एक मात्र अच्छा बेरी है। जिसके पौष्टिक गुण हमारे शरीर के कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण करने में मदद करता है। (और पढ़े – किवी के फायदे कोलस्ट्रोल नियंत्रण करने में)
  • इम्युनिटी मजबूत रखने में – अगर व्यक्ति पौष्टिक तत्व युक्त फल नहीं लेता है तो उनके शरीर में कमजोरी आ जाती है। कमजोरी होने के कारण अनेको बीमारी होने का जोखिम बना रहता है। इन सब समस्याओं से बचने के लिए विटामिन सी युक्त फल खाये रसभरी में अच्छी मात्रा विटामिन सी होता है। जो शरीर की इम्युनिटी को मजबूत करता है। इम्युनिटी मजबूत होने से सर्दी -जुखाम जैसी बीमारी जल्दी नहीं होती है।
  • डायबिटीज के लिए – डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है। जो शरीर का साथ कभी नहीं छोड़ती है। यह शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाती है। रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के लिए रसभरी बेरी बहुत उपयोगी होती है। इसमें उपस्थित एंटीऑक्सीडेंट डायबिटीज टाइप 2 के लिए एक अच्छा घरेलुउपचार माना जाता है। (और पढ़े – डायबिटीज क्या है और डायबिटीज के प्रकार)
  • वजन को कम करने में – रसभरी में वसा की मात्रा होती है। यह शरीर में वसा की मात्रा को बढ़ने नहीं देता है। इससे शरीर का वजन कम हो जाता है। जो लोग अपना वजन कम करने के लिए सोच रहे है उनको रसभरी का सेवन करना चाहिए।
  • गठिया का उपचार करे – रसभरी में एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होता है। जो गठिया के सूजन और दर्द को कम करने में सहायता करता है। इसके अलावा मांसपेशियो का दर्द हो या बवासीर की समस्या रसभरी सभी के लिए घरेलु उपचार के रूप में कार्य करता है। अपनी हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए रसभरी का सेवन जरूर करें। (और पढ़े – गठिया के दर्द को दूर करने के लिए घरेलु उपचार)
  • हाई ब्लड प्रेशर कम करने के लिए – बीपी की समस्या बहुत ही गंभीर होती है अगर अधिक बढ़ जाये तो, रसभरी में कुछ ऐसे घुलनशील फाइबर होते है जो किसी भी तरह के ब्लड प्रेशर को कम करने में सहायता करता है। इसमें केरोटीकेमिकल्स व पॉलीफेनॉल उपस्थित होता है।

रसभरी के नुकसान क्या है ? (What are the Side-Effects of Golden berries in Hindi)

रसभरी के फायदे तो बहुत है, लेकिन इसके साथ-साथ कुछ नुकसान भी होते है।

  • ररसभरी का कच्चा सेवन ना करे क्योकि यह शरीर के लिए हानिकारक होता है। केवल पके हुए रसभरी का सेवन करें।
  • यदि गर्भवती महिला और स्तनपान करने वाली महिला रसभरी का सेवन करना चाहती है, तो पहले अपने चिकिस्तिक से परमर्श करें।
  • कोई भी जंगली बेरी नहीं खाना चाहिए। इससे जान का खतरा हो सकता है। क्योंकि जुगली बेरी में विषाक्त पदार्थ होता है।
  • अगर किसी व्यक्ति को बेरी से त्वचा में एर्लजी होती है तो उन्हें रसभरी का सेवन करने से परहेज करना चाहिए।

अगर आपको रसभरी का सेवन करने से स्वास्थ्य में किसी प्रकार की समस्या हो रही है, तो तुरंत जनरल फिजिशियन (General Physician) से संपर्क करें।


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