बच्चों में मलेरिया की समस्या। Malaria in Babies in Hindi

नवम्बर 2, 2020 Lifestyle Diseases 1902 Views

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बच्चों में मलेरिया की समस्या ? (Malaria in Babies Meaning in Hindi)

मलेरिया एक तरह का वायरल संक्रमण है जो मच्छर के काटने से फैलता है। खासतौर पर बरसात के मौसम में मलेरिया जैसी बीमारी अधिक लोगो व बच्चों को अपने चपेट में ले लेती है। यदि बच्चें में मलेरिया होने पर उनमे कुछ लक्षण जैसे बिना गर्मी के पसीना आना, अधिक ठंडा लगना, बुखार होना आदि नजर आने लगे तो चिकिस्तक से तुरंत संपर्क करना चाहिए। भारत के कई राज्यों में बच्चें मलेरिया से पीड़ित होते रहते है, जिनका सही समय पर उपचार करवाने की जरूरत होती है। ऐसा इसलिए मलेरिया का उपचार उपलब्ध है। यदि सही समय पर बच्चें का उपचार न करवाया जाएं तो बच्चें के जान का जोखिम बना रहता है। बच्चों को मलेरिया से बचाने के लिए अपने घर के आसपास के परिसर को स्वच्छ रखें साथी खाली बर्तन में पानी का जमाव न होने दे। हालांकि बहुत से लोगो को बच्चें में मलेरिया की समस्या के बारे में अधिक जानकारी नहीं होती है। इसलिए आज के लेख के माध्यम से आपको बच्चों में मलेरिया होने के कारण, लक्षण, उपचार व बचाव के बारे में विस्तार से बतायेंगे। 

  • बच्चों में मलेरिया के लक्षण ? (Symptoms of Malaria in Babies in Hindi)
  • बच्चों में मलेरिया का इलाज ? (Treatments for Malaria in Babies in Hindi)
  • बच्चों में मलेरिया से बचाव ? (Prevention of Malaria in Babies in Hindi)

बच्चों में मलेरिया के कारण ? (Causes of Malaria in Babies in Hindi)

मलेरिया एनोफेलीज मच्छर के काटने के कारण होता है। इसके अलावा मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति को कोई मच्छर काटले इसके बाद स्वस्थ व्यक्ति को यह मच्छर काटता है तो उसे भी मलेरिया संक्रमण से प्रभावित कर देता है। ऐसा इसलिए मच्छर के काटने से रक्त में संक्रमण प्रवेश कर लेता है जिससे व्यक्ति बीमार पड़ने लगता है। इसलिए मलेरिया की समस्या से पीड़ित व्यक्ति से मच्छर के काटने से दूसरे व्यक्ति में फ़ैल सकता है। प्लाज्मोडियम के शरीर में जाने से लिवर पर भारी असर होता है। इस संक्रमण के परजीवी संख्या बनाने लगते है और ऑक्सीजन की कमी करने लगते है। इससे मनुष्य बीमार महसूस करने लगता है। हालांकि चार अलग-अलग प्रकार के प्लास्मोडियम परजीवी है जैसे प्लास्मोडियम विवैक्स, प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम, प्लास्मोडियम ओवले और प्लास्मोडियम मलेरिया हैं। लेकिन भारत में पी फाल्सीपेरम और विवाक्सआम हैं जो यह संक्रमित एनोफिलीज मच्छर के काटने से फैलता है। इसके अलावा वह मच्छर जो मलेरिया फैलाते हैं, वह आमतौर पर रात में काटते हैं। मच्छरों के विपरीत जो मच्छर डेंगू या चिकनगुनिया फैलाते है वो दिन के समय काटते हैं। इसलिए यदि एक संक्रमित रक्त आधान होने से मां के बच्चे को प्रसव से पहले (जन्मजात मलेरिया) की समस्या हो सकती है।  (और पढ़े – मलेरिया का उपचार)

बच्चों में मलेरिया के लक्षण ? (Symptoms of Malaria in Babies in Hindi)

बच्चों में मलेरिया होने पर निम्न लक्षण नजर आ सकते है, किंतु सभी में एक ही लक्षण नहीं होते है बल्कि भिन्न-भिन्न हो सकते है। 

  • ठंडी लगना। 
  • पेट में दर्द होना। (और पढ़े – बच्चों में बदहजमी की समस्या)
  • कमजोरी होना। 
  • तेज बुखार होना। 
  • भूख में कमी होना। 
  • सांस तेज चलना। 
  • नींद नहीं लगना। 
  • चिड़चिड़ापन आना। 
  • उल्टी होने लगना। 

बच्चों में मलेरिया का इलाज ? (Treatments for Malaria in Babies in Hindi)

  • बच्चों में मलेरिया का इलाज करने से पहले लक्षणो को जानने के लिए कुछ परीक्षण जैसे ब्लड टेस्ट कर सकते है। ताकि मलेरिया का सटीक उपचार किया जा सके। 
  • मलेरिया का उपचार करने के लिए चिकिस्तक कुछ दवाओं की खुराक देते है जिससे मलेरिया को कम किया जा सके। 
  • कुछ मामलो में चिकिस्तक बच्चों को दवाएं व इंजेक्शन नसों के माध्यम से दी जा सकती है। इसके अलावा मलेरिया के प्रकार के आधार अन्य दवा दी जा सकती है। जैसे प्राइमाक्वीन, क्लेरोक्विन आदि। 

चिकिस्तक बच्चों में मलेरिया की समस्या दूर करने के लिए कुछ अन्य सुझाव दे सकते है। 

  • मलेरिया के समय बच्चों को साफ व सुथरा रखना चाहिए। इसके अलावा पोषक तत्व से युक्त भोजन का सेवन करना चाहिए जिसमे मसाले व तेल न हो। 
  • मलेरिया से पीड़ित बच्चें को अधिक आराम करवाना चाहिए ताकि थकान व कमजोरी न महसूस कर सके। 
  • बच्चें को अत्यधिक बुखार है तो सूती कपडे को गीले पर बच्चों के सिर पर रख सकते है ताकि बुखार कम होने में मदद मील सके।  (और पढ़े – चमकी बुखार क्या है)

बच्चों में मलेरिया से बचाव ? (Prevention of Malaria in Babies in Hindi)

मलेरिया बीमारी का उपचार उपलब्ध है लेकिन सबसे पहले अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए बच्चों को मच्छर के काटने से बचाव करे। इसके अलावा मलेरिया की समस्या से बच्चों को बचाने के लिए कुछ निम्न उपाय का उपयोग कर सकते है। 

  • बच्चों को मच्छर से बचाने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए। खासतौर पर जब बच्चें सो जाएं तो पहले मच्छरदानी लगा दे। 
  • अपने बच्चों को मलेरिया से बचाने के लिए अपने घर के आस-पास किसी तरह की गंदगी न होने दे और पानी को जमा न होने दे ताकि मच्छर पनप ना पाएं। 
  • मच्छर के काटने से बचाने के लिए बच्चों को पूरी बाहों के कपडे पहनकर रखें। 
  • यदि बच्चा बहुत छोटा है तो मच्छर भगाने वाली दवा के बारे में पूछ सकते है की दवा का उपयोग करना है या नहीं। 
  • बच्चों को ऐसी जगह पर न रखें जहा मच्छर ज्यादा रहते हो, इसलिए ठंडे वातावरण में बच्चें को रखने से मच्छर पास नहीं आते है।  (और पढ़े – मच्छर से बचने के उपाय)

हमें आशा है की आपके प्रश्न बच्चों में मलेरिया की समस्या ? का उत्तर इस लेख के माध्यम से दे पाएं। 

अगर आपके बच्चों में मलेरिया के लक्षण नजर आ रहे है तो किसअच्छे(Pediatricians/Child Specialist) से संपर्क कर सकते है।


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