पेंटावेलेंट टीका क्या है । Pentavalent Vaccine in Hindi
जनवरी 7, 2021 Lifestyle Diseases 3263 ViewsEnglish हिन्दी Bengali العربية
पेंटावेलेंट टीका क्या है ? (Pentavalent Vaccine Meaning in Hindi)
पेंटावेलेंट टिकाकरण एक तरह का बच्चों का टिका है जो पांच तरह की बीमारियों से बचाव करता है। इन बीमारियों में शामिल है डिप्थेरिया (गलघोंटू), परटयूसिस (काली खांसी), हेपेटाइटिस बी, टिटनस, निमोनिया, मेनिनजाइटिस आदि। यह टिका सामान्य तौर पर डेढ़ महीने या साढ़े तीन महीने के शिशुओं को केवल दिया जाता है, क्योंकि एक साल के बच्चें को यह टिका नहीं लगाया जाता है। जैसा की आपको पता है बच्चों को कई तरह के टिका लगाए जाते है ताकि रोगो से बचाव हो सके, उसी तरह पेंटावेलेंट टीका को शामिल किया गया है। हालांकि पहले यह टिका अमीर घर के लोग अपने शिशु को लगवा देते है और गरीब नहीं लगवा पाते है, इसलिए भारत सरकार ने एक मुहीम चलाई जिसमे अब सभी सरकारी अस्पतालों में पेंटावेलेंट टीका निशुल्क दिया जाना चाहिए। पेंटावेलेंट टीका लगाए जाने से शिशु में डिप्थेरिया (गलघोंटू), परटयूसिस (काली खांसी), हेपेटाइटिस बी, टिटनस, निमोनिया, मेनिनजाइटिस जैसी बीमारिया का जोखिम कम हो गया है। चलिए आज के लेख में आपको पेंटावेलेंट टीका क्या है ? के बारे में विस्तार से बतायेंगे।
- पेंटावेलेंट टीका किन बीमारियों से बचाता है ? ( What disease does Pentavalent Vaccine prevent in Hindi)
- पेंटावेलेंट टीका कब लगाए जाते हैं ? ( When Pentavalent Vaccine should be given in Hindi)
- पेंटावेलेंट टीका के साइड इफ़ेक्ट क्या हैं ? ( Side effects of Pentavalent Vaccine in Hindi)
- पेंटावेलेंट टीका किन बच्चों को नहीं लगाया जा सकता हैं ? ( Which children cannot be given the Pentavalent vaccine in Hindi)
- भारत में पेंटावेलेंट टीका की कीमत क्या हैं ? (What is Cost of Pentavalent Vaccine in India in Hindi)
पेंटावेलेंट टीका किन बीमारियों से बचाता है ? ( What disease does Pentavalent Vaccine prevent in Hindi)
पेंटावेलेंट टीका को पांच रोगो से बचाने वाला टिका कहा जाता है। चिकिस्तको के द्वारा बच्चों को पांच रोगो से बचाने के लिए टिका बनाया गया है। चलिए आगे बताते हैं।
- डिप्थेरिया (गलघोंटू) – इस तरह के विकार में सांस लेने में कठिनाई, लकवा व हृदय की गति अनियंत्रित हो सकती है।
- परटयूसिस (काली खांसी) – परटयूसिस को काली खांसी कहा जाता है। इसमें शिशु को खांसी आने पर ठीक से कुछ खा पी नहीं पाता है और सांस लेने में कठिनाई भी आ सकती है। काली खांसी शिशु में मिर्गी या मस्तिष्क को प्रभावित करता है। कई मामलो के जोखिम के कारण शिशु की जान चली जाती है।
- हेपेटाइटिस बी – हेपेटाइटिस बी एक तरह का संक्रामक रोग है जो शिशु को किसी भी समय हो सकता है। जैसा की आपको पता है यह संक्रामक रोग सीधे तौर पर लिवर को क्षति पहुंचाता है। इस वजह से शिशु को बुखार, थकान व जोड़ो में दर्द रहता है।
- टिटनस – टिटनस एक गंभीर बैक्टीरियल संक्रमण है जो शरीर के तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है। इसमें मांसपेशियो सिकुड़ने लगती है और दर्द का सामना भी करना पड़ सकता है। शिशु में खासतौर पर जबड़ो पर अधिक प्रभाव पड़ता है इस वजह से शिशु कुछ भी अंदर निगल नहीं पाता है।
- निमोनिया – निमोनिया एक संक्रमण है जो सीधे तौर पर फेफड़ो को प्रभावित करता है। यह संक्रमण जीवाणु और विषाणु के कारण होता है। इसके अलावा वायरस व बैक्टीरिया के हमले के कारण निमोनिया शिशु को हो सकता है। (और पढ़े – निमोनिया क्या होता है)
पेंटावेलेंट टीका कब लगाए जाते हैं ? ( When Pentavalent Vaccine should be given in Hindi)
- बच्चों में डिप्थेरिया (गलघोंटू), परटयूसिस (काली खांसी), हेपेटाइटिस बी, टिटनस, निमोनिया, मेनिनजाइटिस जैसी समस्या से बचाने के लिए पेंटावेलेंट टीका बनाया गया है ताकि शिशु को टिका लगाया जा सके। इस टिके को छोटे शिशु को लगाया जाता है जो एक या डेढ़, साढ़े तीन महीने के होते है। टिके लगाने का सही समय बताते है।
- जैसे – शिशु के जन्म के छे सप्ताह में पहली खुराक लगाना, शिशु के दसवे सप्ताह में दूसरी खुराक देना, शिशु के जन्म के चौदवे सप्ताह में तीसरी खुराक देना उचित समय है।
- भारत में शिशु को छे महीने से साल भर के अंदर पेंटावेलेंट टीका लगाया जा सकता है।
पेंटावेलेंट टीका के साइड इफ़ेक्ट क्या हैं ? (Side -Effects of Pentavalent Vaccine in Hindi)
पेंटावेलेंट टीका के सामान्य तौर पर कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होते है, लेकिन कुछ मामलो में गंभीर प्रतिक्रिया हो सकती है। बहुत से मामलो में पेंटावेलेंट टीका के अत्यधिक साइड इफेक्ट्स नहीं देखे गए है।
पेंटावेलेंट टीका के सामान्य साइड इफेक्ट में शामिल है।
- स्वभाव में चिड़चिड़ापन आना।
- भूख में कमी होना।
- इंजेक्शन लगाने के स्थान पर खुजली होना।
- बेचैनी होने लगना।
- इंजेक्शन लगाने के जगह पर गांठ बनना।
- इंजेक्शन लगाने के जगह पर सूजन या लालिमा आना।
- इंजेक्शन लगाने के जगह पर दर्द होना। (और पढ़े – पोलियो टिका क्यों लगवाया जाता है)
पेंटावेलेंट टीका किन बच्चों को नहीं लगाया जा सकता हैं ? ( Side effects of Pentavalent Vaccine in Hindi)
पेंटावेलेंट टीका के आमतौर पर कोई विशेष दुष्परिणाम नहीं होता है, लेकिन जिन शिशु को पहली खुराक देने के बाद कोई गंभीर प्रतिक्रिया देखने को मिली है तो चिकिस्तक दूसरी खुराक नहीं लगाने की सलाह देते है। इसके अलावा जिन शिशु में टिका लगाने के बाद कोई समस्या नहीं है उनको अगली खुराक दी जाती है। हालांकि एक साल तक के बच्चों को नहीं लगाया जाता है केवल छोटे शिशु को लगाया जाता है जो ढाई या डेढ़ महीने के होते है। (और पढ़े – शिशु की देखभाल कैसे करें)
भारत में पेंटावेलेंट टीका की कीमत क्या हैं ? (What is Cost of Pentavalent Vaccine in India in Hindi)
भारत में पेंटावैलेंट वैक्सीन की कीमत लगभग INR 1000 से INR 1200 तक लग सकता है। हालांकि भारत में बहुत से बड़े अस्पताल है जहा पर पेंटावैलेंट वैक्सीन की कीमत थोड़ा कम या अधिक हो सकती है। ऐसा, इसलिए यह वैक्सीन बच्चों को पांच बीमारियों से बचाने में मदद करता है। हालांकि सरकारी अस्पतालों में पेंटावैलेंट वैक्सीन बच्चों को निशुल्क दिया जाता है। (और पढ़े – मीजल्स रूबेला टीकाकरण)
हमें आशा है की आपके प्रश्न पेंटावेलेंट टीका क्या है ? का उत्तर इस लेख के माध्यम से दे पाएं।
अगर आपको पेंटावेलेंट टीका के बारे में अधिक जानकारी चाहिए तो किसी अच्छे बाल चिकिस्तक (Child Specialist) से संपर्क कर सकते है।
हमारा उद्देश्य केवल आपको लेख के माध्यम से जानकारी देना है। हम आपको किसी तरह दवा, उपचार की सलाह नहीं देते है। आपको अच्छी सलाह केवल एक चिकिस्तक ही दे सकता है। क्योंकि उनसे अच्छा दूसरा कोई नहीं होता है।
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