शालपर्णी के फायदे । Shalparni (Desmodium gangeticum) in Hindi

अप्रैल 8, 2021 Lifestyle Diseases 1508 Views

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शालपर्णी का मतलब हिंदी में,  (Shalparni Meaning in Hindi)

शालपर्णी के फायदे

आयुर्वेद में बहुत सी औषधिया है उनमे से एक शालपर्णी है जो स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयोगी होता है। शालपर्णी के जड़, पत्तिया, तना आदि औषधीय बनाने के लिए किया जाता है। शालपर्णी को डेस्मोडियम गंगटीकम के नाम से जाना जाता है। इसके पौधे कम से कम दो से चार फिट लंबे होते है। भारत में यह औषधीय पौधा हिमालय और आसाम की घाटियों व सिक्कम के कुछ हिस्सों में पाया जाता है। इसके अलावा अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया देशो में पाया जाता है। शालपर्णी के फायदे की बता करे तो पाचन स्वास्थ्य मजबूत करने में, बवासीर में, हृदय को स्वस्थ रखने में, इम्युनिटी मजबूत करने में, हृदय के लिए फायदेमंद व डायबिटीज को नियंत्रण को नियंत्रण करने में मदद करता है। चलिए आज के लेख में आपको शालपर्णी के फायदे, उपयोग, नुकसान, खुराक के बारे में बताने वाले हैं। 

  • शालपर्णी के फायदे ? (Benefits of Shalparni in Hindi)
  • शालपर्णी के उपयोग ? (Uses of Shalparni in Hindi)
  • शालपर्णी के नुकसान ? (Side-Effects of Shalparni in Hindi)
  • शालपर्णी कितनी मात्रा में लेना चाहिए ? (Dosage of Shalparni in Hindi)

शालपर्णी के फायदे ? (Benefits of Shalparni in Hindi)

शालपर्णी के निम्नलिखित स्वास्थ्य लाभ है। चलिए आगे विस्तार से बताते हैं। 

  • बवासीर के लिए फायदेमंद बवासीर की समस्या किसी भी व्यक्ति को हो सकती है। बवासीर के कारण लोगो को जीवन में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। यह शरीर को प्रभावित कर कमजोर करती है लेकिन शालपर्णी में कुक ऐसे गुण होते है जो कब्ज को बनने नहीं देते है और मल त्यागने में आसानी होती है। यह गुदा के आसपास खुजली व सूजन को कम करता है। जिन लोगो को बवासीर की समस्या होती है उनको शालपर्णी का उपयोग फायदेमंद होता है। (और पढ़े – बवासीर का कारण क्या हैं)
  • डिमेंशिया के लिए फायदेमंद डिमेंशिया एक तरह की भूलने की बीमारी है जो मस्तिष्क को प्रभावित करता है। कुछ शोध के अनुसार शालपर्णी में एंटीऑक्सीडेंट व फ्लेवोन के गुण उपस्तिथ है जो मस्तिष्क के कार्य में सुधार करता है। यह औषधीय पौधा डिमेंशिया को ठीक करने में प्रभावी होता है। (और पढ़े – डिमेंशिया रोग का इलाज)
  • इम्युनिटी मजबूत करने में शरीर को बीमारियों से बचाने के लिए इम्युनिटी का मजबूत होना बहुत जरुरी होता है। जैसा की आपको पता है कोरोना महामारी के दौरान अपने इम्युनिटी मजबूत होना यानि बीमारी से बचाव करना है। शालपर्णी में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण के साथ अन्य गुण है जो सक्रमण से लड़ने में मदद करते है और इम्म्युंटी को मजबूत बनाते है। यदि आपकी इम्म्युंटी कमजोर है तो शालपर्णी का उपयोग करना चाहिए। (और पढ़े – इम्म्युंटी बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए)
  • डायबिटीज के लिए फायदेमंद जीवनशैली खराब होने से व्यक्ति को डायबिटीज की समस्या हो जाती है। डायबिटीज की बीमारी ऐसी है जो शरीर का साथ कभी नहीं छोड़ती है। शरीर में रक्त शर्करा कम या अधिक होता रहता है। कुछ अध्ययन के अनुसार शालपर्णी का उपयोग डायबिटीज नियंत्रण करने में मदद करता है। यह रक्त शर्करा को सामान्य करने के साथ इंसुलिन को आसान बनाता है। डायबिटीज से पीड़ित लोगो के लिए शालपर्णी प्रभावित आयुर्वेदिक औषधि माना जाता है। (और पढ़े – डायबिटीज के घरेलु उपचार)

शालपर्णी के उपयोग ? (Uses of Shalparni in Hindi)

शालपर्णी एक औषधीय पौधा है जिसका उपयोग निम्न तरीको से किया जाता है। 

  • शालपर्णी के पत्तों के काढ़े का उपयोग पित्ताशय की पथरी, गुर्दे की पथरी या मूत्राशय की पथरी के लिए किया जाता है।
  • सिर दर्द का उपचार करने के लिए शालपर्णी के पत्तियों का उपयोग किया जाता है।  
  • शालपर्णी के रूट काढ़े का उपयोग एडिमा, गुर्दे की समस्याओं, पुराने बुखार, सूजन, पित्त, खांसी, पेचिश और दस्त के उपचार के लिए किया जाता है।
  • दांत दर्द के उपचार करने के लिए शालपर्णी की जड़ का उपयोग मसूड़ों पर किया जाता है।
  • शालपर्णी के काढ़े का उपयोग बाहरी रूप से घावों और छालों की सफाई के लिए किया जाता है।
  • शालपर्णी का उपयोग बवासीर, टाइफाइड, ब्रोंकाइटिस और अस्थमा के उपचार के लिए किया जाता है।
  • शालपर्णी के पूरे पौधे के काढ़े का उपयोग एडिमा, पाचन समस्याओं, आंतरायिक बुखार, दस्त, मूत्र पथ के संक्रमण और मलेरिया के उपचार के लिए किया जाता है।
  • शालपर्णी के जड़ का उपयोग टाइफाइड और निमोनिया को ठीक करने के लिए रोजाना किया जा सकता है। 
  • शालपर्णी का उपयोग काढ़े के रूप में बुखार के उपचार के लिए किया जाता है। 
  • शालपर्णी का उपयोग टाइफाइड, पाइल्स, ब्रोंकाइटिस, अस्थमा, पेचिश को ठीक करने के लिए किया जाता है। (और पढ़े – बवासीर का घरेलु उपचार)

शालपर्णी के नुकसान ? (Side-Effects of Shalparni in Hindi)

शालपर्णी के फायदे तो कई है लेकिन कोई विशेष नुकसान नहीं होता है। हालांकि इसकी खुराक अत्यधिक मात्रा में लेने से समस्या उत्पन्न हो सकती है। यदि महिला गर्भवती है तो इसका उपयोग से पहले चिकिस्तक की सलाह ले। किसी तरह की विशेष दवाओं का सेवन करते है तो शालपर्णी का उपयोग करने से पहले चिकिस्तक से सलाह ले। (और पढ़े – गुड़हल के फायदे और नुकसान)

शालपर्णी कितनी मात्रा में लेना चाहिए ? (Dosage of Shalparni in Hindi)

शालपर्णी का उपयोग कई तरह की स्वास्थ्य समस्या के लिए किया जाता है। यह कई लोगो के लिए पूरी तरह सुरक्षित होता है। शालपर्णी की मात्रा 50 से 100 ml करना उचित होता है।  इससे अधिक मात्रा में लेना शरीर के लिए हानिकारक होता है। जैसा की आपको पता हर व्यक्ति की खुराक उम्र व स्वास्थ्य स्तिथि के आधार पर अलग -अलग रहती है। सभी जड़ीबूटी का उपयोग सुरक्षित नहीं होता है इसलिए किसी भी जड़ीबूटी का उपयोग करने से पहले चिकिस्तक से सलाह लेना चाहिए। (और पढ़े – मंजिष्ठा के फायदे और नुकसान)

हमें आशा है की आपके प्रश्न शालपर्णी के फायदे ? का उत्तर इस लेख के माध्यम से दे पाएं। 

अगर आपको शालपर्णी के उपयोग से स्वास्थ्य में किसी तरह की अनियमियता हो रही है तो सामान्य चिकिस्तक (General Physician) से संपर्क कर सकते है। 

हमारा उद्देश्य केवल आपको लेख के माध्यम से जानकारी देना है। हम आपको किसी तरह दवा,उपचार की सलाह नहीं देते है। आपको अच्छी सलाह केवल एक चिकिस्तक ही दे सकता है। क्योंकि उनसे अच्छा दूसरा कोई नहीं होता है।


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