शोल्डर प्रेस व्यायाम क्या हैं । Shoulder Press in Hindi
मार्च 25, 2021 Lifestyle Diseases 993 Viewsशोल्डर प्रेस व्यायाम का मतलब हिंदी में, (Shoulder Press Meaning in Hindi)
शोल्डर प्रेस व्यायाम क्या हैं ?
शरीर के कंधो को मजबूत बनाने के लिए व्यायाम करना बहुत जरुरी होता है। कंधो को मजबूत करने के लिए कई तरह के व्यायाम है उनमे से एक प्रेस व्यायाम है। यह कंधो के साथ अन्य मांसपेशियो के लिए फायदेमंद होता है। शरीर को सूंदर व आकर्षक बनाने के लिए लोग शोल्डर प्रेस व्यायाम करते है। आजकल लोग शोल्डर प्रेस व्यायाम अत्यधिक करने लगे है जो जीमो में उपलब्ध रहता है। इस व्यायम को करने के लिए अन्य उपकरण की सहायता ले सकते है। लेकिन कोई व्यक्ति पहली बार व्यायाम कर रहा है तो एक्सपर्ट की निगरानी में करे और अपने वजन के अनुसार सेट करे। शोल्डर प्रेस व्यायाम आपके पेट की मांसपेशिया, पैरो व पीठ के निचले हिस्से में स्थिरता बनी रहती है। जो फायदेमंद होता है। हालांकि कंधो के लिए कई तरह के व्यायाम है जो शोल्डर को मजबूत करते है। चलिए आज के लेख में आपको शोल्डर प्रेस व्यायाम के बारे में विस्तार से बताते हैं।
- शोल्डर प्रेस व्यायाम के प्रकार ? (Types of Shoulder Press Exercise in Hindi)
- शोल्डर प्रेस व्यायाम करने का सही तरीका ? (How to do Shoulder Press Exercise in Hindi)
- शोल्डर प्रेस व्यायाम के फायदे ? (Benefits of Shoulder Press Exercise in Hindi)
- शोल्डर प्रेस व्यायाम से जुडी सावधानिया व बचाव ? (Precautions and prevention related to shoulder press exercise in Hindi)
शोल्डर प्रेस व्यायाम के प्रकार ? (Types of Shoulder Press Exercise in Hindi)
शोल्डर प्रेस व्यायाम करने के कई तरीके है जिनको अलग -अलग उपकरण के साथ कर सकते है। यह व्यायाम मांसपेशियो को मजबूत करने में मदद करता है। आप निम्न उपकरण की तकनीक से कर सकते है।
- जैसे – बारबेल शोल्डर प्रेस।
- डंबल शोल्डर प्रेस।
- सीडेड शोल्डर प्रेस।
- स्मिथ मशीन शोल्डर प्रेस। (और पढ़े – लेग प्रेस व्यायाम क्या हैं)
शोल्डर प्रेस व्यायाम करने का सही तरीका ? (How to do Shoulder Press Exercise in Hindi)
- किसी भी व्यायाम को करने के लिए एक व्यायाम एक्सपर्ट की जरूरत होती है। बिना किसी अभ्यास के व्यायाम करने से शरीर पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे ही शोल्डर प्रेस व्यायाम के लिए भी एक्सपर्ट की जरूरत होती है जो आपको व्यायाम करने पर गाइड करते रहे। यदि आप सिर के ऊपर भारी उठा रहे है तो व्यक्ति को सावधानी की जरूरत होती है। इसके अलावा चोट से बचने के लिए वार्मअप व्यायाम कर लेना चाहिए।
- यह व्यायम करने से आपकी ऊपरी छाती, ऊपरी पीठ, ट्राईसेप्स व बाइसेप्स, पीठ के निचले हिस्से के मांसपेशियो को मजबूत बनाता है। इस व्यायाम को वे लोग न करे जिन्होने अभ्यास नहीं किया है नहीं तो चोट लगने का जोखिम रहता है।
- व्यायाम को करने के लिए आप उपकरण की सहायता ले सकते है जैसे बारबेल, वजन वाले प्लेट्स आपके भार के अनुसार ले सकते है।
- व्यायाम करने के लिए आप खड़े हो जाये और बारबेल रोड को अपने कंधो पर ऊपर की ओर आराम ले जाएं।
- अब कंडे की चौड़ाई पर बारबेल को पकड़े और ऊपर की ओर ले जाएं।
- पैर और पीठ के निचले हिस्सों पर प्रभाव देते हुए रोड को अपने सिर की ऊपर की ओर उठाएं और कुछ सेकेंड के लिए रोके।
- बारबेल को कंधो तक दुबारा लाये यह एक रैप हुआ है। हालांकि एक सेट होने के बाद बारबेल को रख कर आराम करें। (और पढ़े – बोन मेरो ट्रांसप्लांट क्या हैं)
शोल्डर प्रेस व्यायाम के फायदे ? (Benefits of Shoulder Press Exercise in Hindi)
शोल्डर प्रेस व्यायाम के निम्नलिखित फायदे हैं। चलिए आगे बताते हैं।
- कंधो को आकर्षक बनाने में फायदेमंद – शरीर को सूंदर बनाने के लिए यह व्यायम लाभदायक होता है। यह कंधो को सूंदर बनाने के साथ मजबूती प्रदान करता है।
- कंधो को मजबूत करने में – शरीर के अन्य हिस्सों को मजबूत करने के साथ शरीर को शक्ति प्रदान करता है। यह व्यायम पीठ, छाती व हाथ की मांसपेशिया मजबूत करती हैं।
- मांसपेशियो को मजबूत करने में – यह व्यायम करने के लिए अपने वजन के अनुसार वजन सेट करे और सिर के ऊपर बनी अवस्था को कोर मांसपेशिया सक्रिय हो जाती है। इस व्यायम से पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियो को मजबूत करता है।
- शरीर की बनावट को अच्छा करें – शरीर की बनावट करने के लिए शोल्डर प्रेस व्यायाम फायदेमंद होता है। अगर कोई पूरा दिन अपने कामो में व्यस्त रहता है तो हड्डियों को मजबूत करने में फायदेमंद होता है। यह व्यायाम छाती, कुहे, हाथ व कंधे की हड्डियों को मजबूत करता है।
शोल्डर प्रेस व्यायाम से जुडी सावधानिया व बचाव ? (Precautions and prevention related to shoulder press exercise in Hindi)
- शोल्डर प्रेस व्यायाम के करने के समय बहुत सावधानिया बरतने की जरूरत होती है। यह व्यायाम करने पर शरीर पर दबाव पड़ता है जिसमे किसी तरह की लापरवाही होने पर शरीर पर हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है। खासतौर पर व्यायम करने पर पीठ, गर्दन, कंधा, कलाई, भुजा आदि पर दबाव पड़ता हैं।
- शोल्डर प्रेस व्यायाम करने के लिए हमेशा एक्सपर्ट की मदद ले और उनकी निगरानी में करें।
- व्यक्ति को अपने वजन के अनुसार वजन उठाना चाहिए। अपने वजन के अनुसार 10 से 15 रैप का सेट कर सकते है।
- कंधे व पीठ में दर्द महसूस होता है तो ट्रेनर व चिकिस्तक से बात करें।
- शुरुवात करने पर कम वजन वाले लंबे बारबेल का उपयोग करना चाहिए।
- अगर किसी को हाथ या पैर में चोट लगी है तो यह व्यायम न करने की सलाह दी जाती है।
- यदि किसी ने सर्जरी करवाया है तो चिकिस्तक यह व्यायम न करने की सलाह दी जाती हैं। (और पढ़े – गर्भावस्था में शीर्षासन करना सही हैं)
हमें आशा है की आपके प्रश्न शोल्डर प्रेस व्यायाम क्या हैं ? का उत्तर इस लेख के माध्यम से दे पाएं।
अगर आपको शोल्डर प्रेस व्यायाम करने से स्वास्थ्य में किसी तरह की अनियमियता होती है तो सामान्य चिकिस्तक (General Physician) से संपर्क कर सकते हैं।
हमारा उद्देश्य केवल आपको लेख के माध्यम से जानकारी देना है। हम आपको किसी तरह दवा, उपचार की सलाह नहीं देते है। आपको अच्छी सलाह केवल एक चिकिस्तक ही दे सकता है। क्योंकि उनसे अच्छा दूसरा कोई नहीं होता है।
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