छींक आने के कारण और उपचार क्या है। Sneezing in Hindi
फ़रवरी 15, 2020 Lifestyle Diseases 15986 ViewsSneezing Meaning in Hindi
सर्दी होने पर आमतौर पर लोगो को छींक आने की समस्या होने लगती है। छींक आने पर गले, नाक व शरीर के भीतर के उत्तेजक पदार्थ को बाहर निकाल देता है। छींक आने पर मुंह से तेज हवा निकलती है जो पूरी तरह से अच्छी नहीं रहती है। छींक कभी भी कही भी आ सकती है। हालांकि सर्दी-जुखाम या नाक में किसी तरह की एलर्जी होने से भी छींक आ सकती है। इसके अलावा कुछ लक्षण भी नजर आ सकते है जैसे: नाक में सूजन आना, खांसी आना, गले में दर्द होना, नाक बहना, थकान महसूस करना आदि है। छींक आने की समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए बल्कि उचित उपाय कर रोकथाम करना चाहिए। कुछ उपाय जैसे: अधिक साफ-सफाई रखे, एलर्जी वाले उत्पादक से दूर रहे, बीमार व्यक्ति के संपर्क में आने से बचे। छींक की समस्या का सामान्य उपचार करने के लिए एलर्जी से बचाव करने वाली दवाएं, भाप लेना व नाक में स्प्रे का उपयोग कर सकते है। अगर किसी व्यक्ति को अधिक छींक आ रही है तो उनको ऐसे में अधिक आराम करना चाहिए। इसके अलावा अधिक तरल पदार्थ का सेवन करे। बहुत से लोगो को छींक आने की समस्या होने से कुछ अन्य समस्या का जोखिम यानि ऊपरी श्वसन तंत्र में संक्रमण, नाक में सूजन व नाक के वायुमार्ग में परेशानी हो सकता है। चलिए आपको इस लेख में छींक आने की समस्या के बारे में विस्तार से बताएंगे।
- छींक आने के कारण क्या है ? (What are the Causes of Sneezing in Hindi)
- छींक आने के लक्षण क्या है ? (What are the Symptoms of Sneezing in Hindi)
- छींक आने का उपचार क्या है ? (What are the Treatments for Sneezing in Hindi)
- छींक आने से बचाव कैसे करें ? (Prevention of Sneezing in Hindi)
छींक आने के कारण क्या है ? (What are the Causes of Sneezing in Hindi)
सर्दी-जुखाम व नाक संबंधित एलर्जी होने के कारण छींक आने लगती है। कई मामलो में बार-बार छींक आने से व्यक्ति परेशान हो जाता है। इसके अलावा बहुत गंभीर मामले भी हो सकता है।
- छींक आने के कुछ सामान्य कारण कुछ इस प्रकार है।
- जैसे: साइनाइटिस।
- सर्दी-जुखाम का वायरस। (और पढ़े – अदरक के फायदे सर्दी-जुखाम दूर करने में)
- किसी दवा से एलर्जी होना।
- ठंडी हवा में श्वास लेने पर छींक आ जाना।
- नाक का मांस बढ़ने लगना।
- नाक में चोट लग जाना।
- नाक में कुछ चले जाना।
- छींक आने के कुछ जोखिम कारक
- मसालेदार भोजन का सेवन करना।
- वायुप्रदूषण। (और पढ़े – वायु प्रदूषण का प्रभाव स्वास्थ्य पर)
- सुखी हवा चलना।
- अंदर हवा का बहाव न हो पाना।
- सिगरेट का धुआ।
- कुछ स्प्रे।
- सर्दी के मौसम में अधिक छींक या जुखाम होता है।
छींक आने के लक्षण क्या है ? (What are the Symptoms of Sneezing in Hindi)
छींक आने पर व्यक्ति सांस बड़ी बड़ी लेने लगते है। इसके अलावा मांसपेशियो में खिचाव का अनुभव होने लगता है। जब श्वास ले नहीं पाते तो फेफड़ो में हवा भर जाती है और दबाव बढ़ने लगता है। जीभ मुंह से चिपक जाती है। कई बार श्वास लेने के दौरान घरघराहट की आवाज आने लगती है। छींक आने के साथ कुछ अन्य लक्षण नजर आते है।
- खांसी आना।
- गले में दर्द होना। (और पढ़े – गले में दर्द होना)
- थकान महसुस करना।
- नाक में खुजली।
- बुखार होना।
- आंखो से पानी आने लगना।
- आंख लाल होना।
- बदन में थोड़ा दर्द होना।
- आंख में सूजन होना। (और पढ़े – आंखो में एलर्जी)
- मलती व उल्टी होना।
- सिर में थोड़ा दर्द होना।
छींक आने का उपचार क्या है ? (What are the Treatments for Sneezing in Hindi)
छींक आने की समस्या अगर एलर्जी या संक्रमण के कारण हो रहे है, तो चिकिस्तक कुछ निम्न सुझाव दे सकते है।
- शरीर को अधिक आराम देना चाहिए और तरल पदार्थ को अधिक मात्रा में पीना चाहिए।
- अगर आपको अपने एलर्जी की पहचान नहीं हो पा रही है तो चिकिस्तक से बात करे।
- जुखाम होने पर सिरदर्द या बदन दर्द की समस्या होने पर एंटीबायोटिक की खुराक ले सकते है।
- नाक के अंदर के सूजन को कम करने के लिए नाक का स्प्रे का उपयोग कर सकते है। नाक के अंदर की सूजन को कम करने की छींक को कम करता है।
- बहती नाक को रोकने के लिए एंटीहिस्टामिन दवाएं लेने से छींक में सुधार कर सकते है।
- अगर आपको सर्दी-जुखाम व फ्लू आदि संक्रमण हो गया है, या इसके बाद आपकी नाक बंद होजाये या बहने लगे जैसे लक्षण को कम करने के लिए कुछ स्प्रे का उपयोग कर सकते है।
छींक आने से बचाव कैसे करें ? (Prevention of Sneezing in Hindi)
- छींक से बचने का एक सबसे अच्छा तरीका है कि आप उन चीजों से बचें जो आपको छींकने के लिए प्रेरित करती हैं। आप जलन को कम करने के लिए अपने घर में कुछ सरल बदलाव भी कर सकते हैं।
- अपने घर के निस्पंदन सिस्टम को ठीक से काम करने के लिए अपनी भट्टी पर फ़िल्टर बदलें। यदि आपके पास पालतू जानवर हैं, तो आप उनके बाल काटने या घर से निकालने पर विचार कर सकते हैं यदि उनके फर आपको बहुत परेशान करते हैं।
- आप गर्म पानी, या 130 ° F (54.4 ° C) से अधिक पानी में धोने से चादरों और अन्य लिनन पर धूल के कण को मार सकते हैं। आप अपने घर में हवा को साफ करने के लिए एयर निस्पंदन मशीन खरीदने का भी फैसला कर सकते हैं।
- चरम मामलों में, आपको अपने घर को मोल्ड बीजाणुओं के लिए जांचने की आवश्यकता हो सकती है, जो आपके छींकने का कारण हो सकता है। यदि मोल्ड आपके घर को संक्रमित करता है, तो आपको स्थानांतरित करने की आवश्यकता हो सकती है।
अगर किसी व्यक्ति को कुछ दिनों से छींक आने की समस्या हो रही है, तो सामन्य चिकिस्तक (General Physician) से संपर्क कर सकते है।
हमारा उद्देश्य केवल आपको लेख के माध्यम से जानकारी देना है। हम आपको किसी तरह दवा, उपचार की सलाह नहीं देते है। आपको अच्छी सलाह केवल एक चिकिस्तक ही दे सकता है। क्योंकि उनसे अच्छा दूसरा कोई नहीं होता है।