स्पीच थेरेपी क्यों की जाती है। Speech Therapy in Hindi
BDS (Bachelor of Dental Surgery), 10 years of experience
Speech Therapy Meaning in Hindi
स्पीच थेरेपी को हिंदी में भाषण चिकित्सा कहा जाता है। भाषण चिकित्सा संचार समस्याओं और भाषण विकारों का आकलन और उपचार है। यह भाषण-भाषा रोगविदों (एसएलपी) द्वारा किया जाता है, जिन्हें अक्सर भाषण चिकित्सक के रूप में जाना जाता है। संचार को बेहतर बनाने के लिए स्पीच थेरेपी तकनीकों का उपयोग किया जाता है। इनमें भाषण या भाषा विकार के प्रकार के आधार पर आर्टिक्यूलेशन थेरेपी, भाषा हस्तक्षेप गतिविधियाँ और अन्य शामिल हैं। भाषण विकारों की आवश्यकता भाषण विकारों के लिए हो सकती है जो बचपन में विकसित होते हैं या वयस्कों में चोट या बीमारी, जैसे कि स्ट्रोक या मस्तिष्क की चोट के कारण होती है। चलिए आपको इस लेख में विस्तार से स्पीच थेरेपी के बारे जानकारी देने का प्रयास कर रहे है।
- स्पीच थेरेपी क्या है ? (What is Speech Therapy in Hindi)
- स्पीच थेरेपी कैसे होती है ? (Speech Therapy Kaise Hoti Hai in Hindi)
- स्पीच थेरेपी के फायदे क्या है ? (What are the Benefits of Speech Therapy in Hindi)
स्पीच थेरेपी क्या है ? (What is Speech Therapy in Hindi)
स्पीच थेरेपी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे बच्चे व वयस्क के बोलने में हो रही परेशानी को दूर करने के लिए किया जाता है। स्पीच थेरेपी में अनेको परेशानी को दूर करने के लिए जाता है। इससे बोलने में उपयोगी मांसपेशिया की एक तरह से व्यायाम होता है। बोलने पर मुंह से ध्वनि निकलती है इस तरह बोलने का प्रयास करवाया जाता है। खासतौर पर कुछ ऐसे बच्चे होते है जो बोलने में हिचकिचाते है और कुछ बोल नहीं पाते है, ऐसे बच्चे को बोलने के तरीके के बारे में सिखाया जाता है। इसके अलावा सदमे लगने से कुछ वयस्क भी बोलने में असमर्थ हो जाते है, इनको थेरेपी का उपयोग कर बोलने व बात चित करने में मदद करते है। इन थेरेपी में मानसिक व शारीरिक रूप से बच्चो की परेशानियों व तंत्रिका संबंधित समस्या से छुटकारा दिलाया जाता है। हालांकि बच्चो के लिए पीडियाट्रिक स्पीच थेरेपिस्ट होते है एव बच्चे लोगो के लिए विशेष चिकिस्तक व न्यूरोलिस्ट मिल कर काम कर सकते है। (और पढ़े – सेकेन बेबी सिंड्रोम)
स्पीच थेरेपी कैसे होती है ? (Speech Therapy Kaise Hoti Hai in Hindi)
- स्पीच थेरेपी दो तरह से की जाती है, जिसमे बच्चे और वयस्क दोनों शामिल है। जैसा की आपको पता है बच्चो के लिए पीडियाट्रिक विशेष चिकिस्तक व वयस्क के लिए स्पीच थेरेपिस्ट और साथ में विशेष चिकिस्तक होते है। बच्चो के लिए स्पीच थेरेपी करने के पहले उनकी भाषा पर जोर दिया जाता है की कौन सी भाषा है उसे बोलने व सीखने के लिए विभिन्न तरीके अपनाते है। स्पीच लैंग्वेज पैथोलॉजिस्ट बच्चे की कमजोरियों को दूर करने में मदद कर सहयोग देते है ताकि बच्चा अपनी परेशानी भूलकर बोल सके। इसके अलावा बच्चे को लुभाने के लिए मनोरंजन के तौर पर सिखाते है, इस तरह बच्चे मजे लेकर व खेल खेल में आसानी से बोलन सिख सके। (और पढ़े – बच्चो में पानी की कमी यानि डिहाइड्रेशन क्यों होता है)
- वयस्कों में स्पीच थेरेपी की बात करे तो यह बच्चो से थोड़ा अलग होता है। स्पीच थेरेपी में मनुष्य की परेशानियों के बारे में जानने का प्रयास करते है। इसके अलावा व्यक्ति बोलने में परेशान हो रहा है तो उसकी परेशानी के पूछते है की आखिर क्या बात है और क्या कोई हादसा है जो परेशानी का कारण बन रहा है। कुछ मामलो में चिकिस्तक व्यक्ति को फोटो दिखाकर परेशानी जानने की कोशिश करते है। आपकी भाषा से जुडी सवालो के बारे में पूछते है। यदि व्यक्ति ठीक से भोजन नहीं खा रहा है तो पुरानी बीमारी इतिहास के बारे में पूछते है। मुँह व गले की मांसपेसियों की जांच करते है ताकि यह पता कर सके इनमे कोई समस्या तो नहीं। इन समस्या को ठीक करने के लिए चिकिस्तक आपके जीवनशैली में बदलाव कर सकते है। जिसमे व्यायाम और पौष्टिक भोजन, उठने बैठने का तरीका, बात करने का तरीका आदि करने की सलाह दे सकते है। (और पढ़े – नींद में बोलने की समस्या का उपचार)
स्पीच थेरेपी के फायदे क्या है ? (What are the Benefits of Speech Therapy in Hindi)
- स्पीच थेरेपी बच्चो के लिए बहुत लाभदायक होता है। इस थेरेपी से बच्चे को ठीक से बोलने व सिखने में मदद मिलता है। इसके अलावा कमजोर बच्चो के अंदर एक तरह का भरोसा आता है की वह भी बाकि बच्चो की तरह बोल सकते है। कुछ ऐसे बच्चे भी होते है जो ठीक से पढ़ नहीं पाते है उनके लिए यह थरेपी बहुत उपयोगी होता है। इसमें बच्चो सामाजिक व शारीरिक तौर पर तैयार करते है की वो सबके साथ किस तरह रह सकते है। (और पढ़े – बच्चो में दांत निकलने की प्रक्रिया क्या है और क्या सावधानी बरतनी चाहिए)
- बहुत से बच्चे पढ़ने में अच्छे नहीं होते है लेकिन कला में बहुत ही अच्छे होते है ऐसे बच्चो को मनोरंजन की सहायता से पढ़ने में रूचि लगवाया जाता है। ताकि आगे चलकर पढ़ाई में सफल हो सके। (और पढ़े – आटिज्म क्या है और आटिज्म के कारण)
- स्पीच थेरेपी का सबसे अधिक फायदा छोटे बच्चो को होता है, जो बहुत जल्दी शिख जाते है बोलने व लिखने, पढ़ने की प्रकिया को आदि। कुछ शोध में बतलाया गया है बच्चो में 70 फीसदी की परेशानी को स्पीच थेरेपी की सहायता से ठीक करने में मदद करते है। इस थेरेपी के माध्यम से बहुत से बच्चो के बोलने व भाषा में सुधार हो जाता है। (और पढ़े – स्मरण शक्ति बढ़ाने के घरेलु उपचार)
बच्चे या वयस्कों के बोलने में कठिनाई को दूर करने के लिए स्पीच थेरेपिस्ट Speech therapists से संपर्क करना चाहिए।
हमारा उद्देश्य आपको रोगो के प्रति जानकारी देना है हम आपको किसी तरह के दवा, उपचार, सर्जरी की सलाह नहीं देते है। आपको अच्छी सलाह केवल एक चिकिस्तक दे सकता है क्योंकि उनसे अच्छा दूसरा नहीं होता है।