सिफलिस होने के कारण क्या है। Syphilis Meaning in Hindi.

अक्टूबर 18, 2020 Lifestyle Diseases 9911 Views

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Syphilis Meaning in Hindi. 

सिफलिस बैक्टीरिया एक तरह संक्रमण है जो ट्रेपेनेमा पैलिडम के कारण फैलता है। यह संक्रमण यौन संपर्क में आने से होता है और इसे छूत वाला इन्फेंशन भी कहा जाता हैं। आमतौर यह संक्रमण मुंह, जननांग, गुदाशय से या दर्द रहित दाद के रूप में शुरू हो सकता है। हालांकि यौन संपर्क बनाने के पहले यदि लेटेक्स कंडोम का उपयोग किया जाए, तो सिफलिस संक्रमण से बचा जा सकता हैं। सिफलिस अक्सर तब शुरू होता है जब बैक्टीरिया आपके शरीर में प्रवेश कर लेता है। इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाने से यौन के माध्यम से शरीर में फैल जाता है। संक्रमित व्यक्ति के दरवाजा और टेबल को छूने से शरीर में नहीं फैलता है। हालांकि इस संक्रमण के विभिन्न चरण होते है, जिसका सही समय पर उपचार करने से ठीक हो सकते हैं। बहुत से लोगो के शरीर पर दर्द रहित छाले अपने आप ठीक भी हो जाते है और उनको उपचार की जरूरत नहीं होती हैं। किंतु संक्रमण शरीर में रह जाते है इसलिए उपचार करवा लेना चाहिए। इस संक्रमण का उपचार करने से दोबारा यह संक्रमण नहीं होता है। लेकिन अत्यधिक बैक्टीरिया के संपर्क में आने से पुनः होने की संभावना बढ़ सकती हैं। यह संक्रमण गर्भावस्था महिला के अजन्मे बच्चे को प्रभावित कर सकता है इसलिए संक्रमित होने पर संभोग न करें बल्कि उचित उपचार करना आवश्यक होता हैं। आज के इस लेख में आपको सिफलिस होने के कारण के बारे में विस्तार से बताएंगे। 

  • उपदंश (सिफलिस) के चरण ? (Stages of Syphilis in Hindi)
  • उपदंश (सिफलिस) के कारण क्या हैं ? (What are the Causes of Syphilis in Hindi)
  • उपदंश (सिफलिस) के लक्षण क्या हैं ? (What are the Symptoms of Syphilis in Hindi)
  • उपदंश (सिफलिस) का उपचार क्या हैं ? (What are the Treatments for Syphilis in Hindi)

उपदंश (सिफलिस) के चरण ? (Stages of Syphilis in Hindi)

सिफलिस के चार चरण होते हैं। पहले और दूसरे चरण में सिफलिस अधिक संक्रामक रहता है। इसमें लक्षण नजर नहीं आते है और तीसरे चरण में अधिक घातक हो सकता है। चलिए विस्तार से बताते हैं। 

  • प्राथमिक उपदंश (सिफलिस) – यह सिफलिस का पहला चरण है जिसमे संक्रमण छोटे गोले के रूप में नजर आता है। यह छाले दर्द व पीड़ा देता है और बैक्टीरिया जिस भाग में जाते है वहां चकत्ते होने लगता है। इसके अलावा मुंह, जननांग, मलाशय के अंदर व बाहरी भाग को प्रभावित करता है। यह छाले दो से छह सप्ताह तक हो सकता है। सिफलिस के छाले सीधे यौन संपर्क में आने से फैलता हैं। 
  • माध्यमिक उपदंश (सिफलिस) यह सिफलिस का दस्ता चरण है। इस चरण में त्वचा पर चकत्ते व गले में खराश होता है। चकत्ते में खुजली नहीं होती है। चकत्ते हथेली व तलवो पर अधिक नजर आते है। हालांकि कुछ लोगो में चकत्ते अपने आप ठीक हो जाते हैं। 
  • छिपा हुआ उपदंश (सिफलिस) यह सिफलिस का छिपा हुआ चरण है। प्राथमिक और तृतीय लक्षण लक्षण लुप्त होने लगते है और आप संक्रमण से प्रभावित रहते है। संक्रमण कई साल तक बढ़ सकते हैं। 
  • तृतीय उपदंश (सिफलिस) यह संक्रमण का अंतिम चरण होता है जो 15 से 20 % लोगो में प्रवेश कर लेते है जो की अपना उपचार नहीं करवाते हैं। संक्रमक शुरू होने पर तीसरे चरण में जाने में एक से दस साल तक हो सकता हैं। 

उपदंश (सिफलिस) के कारण क्या हैं ? (What are the Causes of Syphilis in Hindi)

यौन संपर्क में आने पर पैलिडम बैक्टीरिया एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फ़ैल जाता है। इस वजह से संक्रमण उपदंश (सिफलिस) का कारण बनता है। बैक्टीरिया आपकी त्वचा में लगी आम चोट या खरोंच श्लेष्मा झिल्ली के माध्यम से प्रवेश कर लेते हैं। उपदंश प्राथमिक व माध्यमिक चरण के दौरान अधिक संक्रामक हो जाते है। यह संक्रमण गर्भावस्था महिला के अजन्मे बच्चे को प्रभावित कर सकता है। सिफरीस संक्रमण दरवाजे के हैंडल को छूने या टायलेट सीट साँझा करने से नहीं फैलता है। उपदंश ठीक होने पर दोबारा अपने आप नहीं होता है। लेकिन संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से व्यक्ति को दोबारा हो सकता हैं। (और पढ़े – यौन शक्ति बढ़ाने के घरेलु उपचार)

उपदंश (सिफलिस) के लक्षण क्या हैं ? (What are the Symptoms of Syphilis in Hindi)

उपदंश (सिफलिस) के लक्षण चरण के आधार पर नजर आते है। 

  • प्राथमिक उपदंश में छोटे छाले व पीड़ारहित आदि। 
  • माध्यमिक उपदंश में बुखार, गले में खराश, थकान, सिरदर्द, वजन घटाना, सूजी हुई लसिका ग्रंथिया, मुंह, गुदा, जननांग, मस्से जैसे छाले, मांसपेशियो में दर्द आदि। 
  • छिपा हुआ उपदंश में अवयस्त चरण कई वर्षो तक रह सकता है। शरीर बिना लक्षणो वाला रोग हो जाता है।
  • तृतीय उपदंश में बहरापन, अंधापन, मानसिक बीमारी, दिल की बीमारी, रीढ़ की हड्डी, तंत्रिका संबंधित विकार, नरम ऊतक आदि लक्षण नजर आते हैं। (और पढ़े – हड्डी में फ्रैक्चर की समस्या)

उपदंश (सिफलिस) का उपचार क्या हैं ? (What are the Treatments for Syphilis in Hindi)

उपदंश (सिफलिस) में प्रारंभिक और माध्यमिक में उपचार व निदान करना आवश्यक होता है। इस चरण में मुख्य उपचार पेनिसिलिन है जो एक एंटीबायोटिक दवा की तरह काम करता है। अगर व्यक्ति को पेनिसिलिन से एलर्जी की समस्या है, तो एंटीबायोटिक दे सकते है। 

  • अगर आपको इस संक्रमण एक वर्ष से अधिक समय नहीं हुआ है, तो पेनिसिलिन का इंजेक्शन देकर रोका जा सकता है। यदि सिफरीस से प्रभावित होकर एक वर्ष से अधिक हो गया हो तो अधिक मात्रा में पेनिसिलिन की जरूरत पड़ सकती है। 
  • उपदंश से प्रभावित गर्भवती महिला के लिए पेनिसिलिन उपचार बतलाया गया है। जिन महिला को पेनिसिलिन से एलर्जी है उनको विसुग्रहीकरण की प्रक्रिया कर सकते है। नवाजत शिशु को एंटीबायोटिक देकर बचाया जा सकता है। (और पढ़े – नवजात शिशु की देखभाल)

अगर आपको उपदंश (सिफलिस) के बारे में अधिक जानकारी व उपचार की आवश्यकता है, तो संक्रमण चिकिस्तक (Infection Disease) से संपर्क कर सकते हैं। 

हमारा उद्देश्य केवल आपको लेख के माध्यम से जानकारी देना है। हम आपको किसी तरह दवा, उपचार की सलाह नहीं देते है। आपको अच्छी सलाह केवल एक चिकिस्तक ही दे सकता है। क्योंकि उनसे अच्छा दूसरा कोई नहीं होता है।


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