बच्चो में दांत निकलने के लक्षण व उपचार क्या है। Teething in Babies in Hindi

जनवरी 23, 2020 Lifestyle Diseases 13532 Views

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Teething in Babies Meaning in Hindi

बच्चो के दांत निकालने पर माँ को बहुत खुशी होती है, लेकिन साथ में बच्चे की पीड़ा का भी एहसास रहता है। इसके अलावा बच्चो में दांत निकलने पर वह अलग तरह का व्यवहार करने लगते है जैसे: बहुत रोना, चिलाना, चिड़चिड़ापन आना व दूध ठीक से न पीना आदि शामिल है। जैसा की आपको पता है बच्चे के विकास के लिए माता-पिता विभिन्न तरह का पालन करते है। ऐसे समय में बच्चों का खास ध्यान देना चाहिए क्योंकि दांत निकलने पर बच्चे को अत्यधिक पीड़ा होती है। आप सोच रहे होंगे बच्चों की पीड़ा को कैसे कम करे तो आपको कुछ सावधनिया बरतनी की आवश्यकता है। चलिए आज इस लेख में छोटे बच्चों में दांत निकलने के लक्षण और उपचार के बारे में विस्तार से बताने वाले है।

  • बच्चों में दांत निकलने का उम्र और समय ? (Baccho me Daat Nikalne ka umar aur Samay in Hindi)
  • बच्चो में दांत निकलने के लक्षण क्या है ? (Baccho me Daat Nikalne ke Laksan in Hindi)
  • बच्चों के दांत निकलने का उपचार क्या है ? (Baccho me Daat Nikalne ka Upchar in Hindi)
  • बच्चों के दांत निकलने पर क्या नहीं करना चाहिए ? (Baccho Ke Daat Nikalne par Kya Nahi Karna Chahiye in Hindi)

बच्चों में दांत निकलने का उम्र और समय ? (Baccho me Daat Nikalne ka umar aur Samay in Hindi)

हर व्यक्ति का विकास अलग अलग तरह से होता है। उसी तरह छोटे बच्चे के उम्र और शरीर के विकास पर निर्भर होता है। बच्चों में दांत निकलने की कोई समय सीमित नहीं होती है, किंतु चिकिस्तक के अनुसार बच्चो में सामन्य तौर पर छे महीने होने पर दांत आने की प्रक्रिया शुरू होती है। यह दांत दिन से चार साल बाद टूटने लगते है जिसे दूध का दांत कहते है। दांत निकलने की प्रक्रिया अंदर और बाहर दोनों तरह से होता है।

बच्चो में दांत निकलने के लक्षण क्या है ? (Baccho me Daat Nikalne ke Laksan in Hindi)

बच्चो में दांत निकलने पर अनेको तरह के लक्षण नजर आ सकते है। सभी बच्चो में सारे लक्षण एक साथ नजर नहीं आते है बल्कि अलग-अलग नजर आते है।

  • बच्चो में दांत निकलने पर अधिक लार आना।
  • मसूड़ों पर दबाव पड़ना।
  • मुंह में रैशे होना।
  • दांत का दिखाई पड़ना।
  • मसूड़ों पर सूजन दिखाई देना।
  • दांत के निकलने पर मसूड़ों पर दबाव पड़ने से बच्चो में चिड़चिड़ापन नजर आना।
  • अधिक दर्द होने पर बच्चों के मसूड़े फूल जाना।
  • बच्चे का अधिक रोना।
  • शरीर के तापमान में वृद्धि होना यानि बदलाव होना।
  • दांत निकलने पर बच्चे के गाल व कानो को हल्के से हिलाए डुलाये ताकि दर्द न हो।
  • दांत निकलने पर बुखार की समस्या होती है।
  • नाक बहने लगा।
  • बच्चो को दांत निकलने पर उल्टी होना। (और पढ़े – दांत में कीड़े लगने से बचाव करने के घरेलु उपचार)

बच्चों के दांत निकलने का उपचार क्या है ? (Baccho me Daat Nikalne ka Upchar in Hindi)

  • बच्चो के दांत निकलने की प्रक्रिया प्राकृतिक होती है। सभी बच्चों में अलग अलग तरह की समस्या होती है। हालांकि कुछ बच्चो में दर्द अपने आप कम हो जाता है उनको किसी तरह के उपचार की जरूरत नहीं पड़ती है। इसके अलावा कुछ ऐसे भी बच्चे होते है जिनमे दांत निकलने पर कुछ लक्षण नजर आने लगते है। जैसे: दस्त होना, उल्टिया करना, बच्चे के वजन में बदलाव आना, अचानक सर्दीजुखाम होना आदि होने पर तुरंत चिकिस्तक के पास जाना चाहिए। बच्चो के दांत निकलने के दर्द को कम करने के लिए कुछ निम्न तरह से उपचार कर सकते है।
  • बच्चो के दांत निकलने वाले दर्द को कम करने के लिए कुछ दर्द निवारक दवाई लेने की सलाह देते है। यह दवा बच्चे के वजन और उम्र के आधार पर देते है। अगर आपके बच्चे के दांत निकलने पर किसी तरह का होता है तो बिना चिकिस्तक के सलाह पर कोई दवा बच्चे को न दे।
  • कुछ मामलो में बच्चो के मसूड़ों पर दवा व क्रीम लगाया जाता है क्योंकि यह दवा मसूड़ों को सुन्न कर देता है। लेकिन इसे बच्चो के खाने पिने से पहले लगाते है क्योंकि यह गले में जाकर गले को भी सुन्न कर सकता है। बच्चो के लार के साथ बाहर आ जाता है यह अधिक फायदेमंद नहीं होता है।
  • बच्चो के दस्त और बुखार को ठीक करने के लिए चिकिस्तक उपचार करते है ताकि लक्षणो को ठीक किया जा सके।

बच्चों के दांत निकलने पर क्या नहीं करना चाहिए ? (Baccho Ke Daat Nikalne par Kya Nahi Karna Chahiye in Hindi)

बच्चों की समस्या को दूर करना हर माँ बाप की जिम्मेदारी होती है। इसके अलावा बच्चे की पीड़ा को देखना बहुत अविभावको के लिए अत्यंत कठिन होता है। बहुत बार कुछ तरह के प्रयासों से बच्चे को जोखिम हो सकता है। बच्चो के दांत निकलने पर क्या नहीं करना चाहिए आपको निचे विस्तार से बताने का प्रयास किया गया है।

  • बच्चों की साफ-सफाई पर अधिक ध्यान देने की जरूरत होती है क्योंकि गंदे खिलौने संक्रमण बढ़ाते है। इसलिए अपने बच्चे को साफ़ कपडे दे ताकि वह चबाने की कोशिश करे तो संक्रमण से बचे रहे।
  • शिशु के मुंह में लौंग का तेल लगाने से जलन व दर्द की समस्या को और बढ़ा देता है। इसलिए बिना चिकिस्तक की सलाह के कुछ भी शिशु के मुंह में न लगाए।
  • टीथर्स से बनी माला को अक्सर बच्चो को गले में पिनाया जाता है, लेकिन बच्चो को इससे उलझन की समस्या हो सकती है। बच्चो को नहीं पिनाने की सलाह चिकिस्तक द्वारा दी जाती है।
  • शिशु के मसूड़ों पर अल्कोहल नहीं रगड़ना चाहिए। क्योंकि सभी अल्कोहल एक जैसे नहीं होते है जो बच्चो के मसूड़े पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
  • ठंड के मौसम में शिशु के मसूड़ों के दर्द और बढ़ जाते है। इसलिए ठंड से जमे टीथर्स को नहीं पहनना चाहिए। यह इतने कड़क होते है जो मसूड़ों के दर्द को बढ़ाते है।
  • शिशु का दांत निकलना आगे के जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। ऐसे समय में बच्चो का धैर्य बनाये रखे और मजबूत बनाये और उनके आगे के कार्यो को सफल बनाने के लिए यानि शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत होने के लिए रोने से बचाये। (और पढ़े – दांतो में सड़न क्यों होती है)

अगर आपके शिशु को दांत निकलने से अधिक पीड़ा हो रही है तो किसी अच्छे पीडियाट्रिक (Pediatric) से संपर्क करें।

हमारा उद्देश्य आपको रोगो के प्रति जानकारी देना है हम आपको किसी तरह के दवा, उपचार, सर्जरी की सलाह नहीं देते है। आपको अच्छी सलाह केवल एक चिकिस्तक दे सकता है क्योंकि उनसे अच्छा दूसरा नहीं होता है। 


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