मिर्गी के लिए योगासन । Yoga for Epilepsy in Hindi
मार्च 27, 2021 Lifestyle Diseases 1773 Viewsमिर्गी के लिए योगासन का मतलब हिंदी में, (Yoga for Epilepsy Meaning in Hindi)
मिर्गी के लिए योगासन
मिर्गी एक तरह का न्यूरोलॉजिकल विकार है, इसे मस्तिष्क की गंभीर बीमारियों में गिना जाता है। मिर्गी के दौरे कही भी और कभी भी आ सकता है जिसके बारे में आप जानते ही होंगे। मिर्गी का उपचार उपलब्ध है फिर भी लोगो में समस्या गंभीर बन जाती है। मिर्गी की दवाओं के अलावा योगासन करना भी आवश्यक होता है। कुछ अध्ययन के मुताबिक मिर्गी रोग में सुधार व बचाव करने के लिए योगा फायदेमंद हो सकता हैं। चलिए आज के लेख में आपको मिर्गी के लिए योगासन के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं।
- मिर्गी क्या हैं ? (What is Epilepsy in Hindi)
- मिर्गी के लिए योगा कैसे फायदेमंद हो सकता हैं ? (How Does Yoga Help with Epilepsy in Hindi)
- मिर्गी के लिए योगासन ? (Yoga for Epilepsy in Hindi)
मिर्गी क्या हैं ? (What is Epilepsy in Hindi)
मिर्गी एक तरह का विकार है, जिसे न्यूरोजिकल डिसऑर्डर के रूप में जाना जाता है। इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति को कभी भी दौरे आते है। यह दौरे मिर्गी से पीड़ित लोगो को बार बार आते है, क्योंकि उनके मस्तिष्क में अचानक विद्युत गतिविधि बढ़ने से मस्तिष्क कोशिकाओं के बीच मैसेजिंग सिस्टम में अस्थायी रूप से गड़बड़ी होती है। एक व्यक्ति का दिमाग जब्त के दौरान मिश्रित या रुक गया बन सकता है। विभिन्न प्रकार के दौरे होते हैं और प्रत्येक जब्त रोगी के मस्तिष्क के कामकाज पर निर्भर करता है। (और पढ़े – बच्चो में मिर्गी की समस्या)
मिर्गी के लिए योगा कैसे फायदेमंद हो सकता हैं ? (How Does Yoga Help with Epilepsy in Hindi)
मिर्गी एक तरह की दुर्लभ बीमारी है जिसमे व्यक्ति को दौरे पड़ते है। मिर्गी रोग व्यक्ति को मानसिक रूप से कमजोर बना देते है। इसके अलावा कोई भी कार्य करने में कठिनाई उत्पन्न होने लगती है। हालांकि मिर्गी का उपचार उपलब्ध है लेकिन अन्य गतिविधि के जरिये मिर्गी से बचाव कर सकते है। कुछ अध्ययन के अनुसार योगा में कुछ आसन है जिन्हे करने से मस्तिष्क की कार्य प्रणाली में सुधार किया जा सकता है। ऐसे में मिर्गी रोग से प्रभावित लोगो को योगा करना चाहिए। योगा करने से व्यक्ति की मानसिक व शारीरिक समस्या कम होने लगती है। (और पढ़े – सुबह व्यायाम करने के फायदे)
मिर्गी के लिए योगासन ? (Yoga for Epilepsy in Hindi)
मिर्गी के लिए निम्न योगासन किये जा सकते है। चलिए आगे बताते हैं।
- मत्स्यासन – इस आसन को करने के लिए शरीर की मुद्रा मछली की तरह नजर आती है। ये आसन मस्तिष्क के तंत्रिका कार्य को सूधारने में मदद करती है। इसके अलावा मिर्गी रोग के जोखिम को कम करती है। मत्स्यासन को करने के लिए योगा मैट बिछा ले और पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं, अब धीमी गति से पीछे की ओर झुक कर पीठ के बल ले जाएं, दाएं हाथ से बाएं पैर को पकड़ ले व बाएं हाथ से दाएं पैर को पकडे। गहरी सांस लेते हुए सीने को ऊपर की ओंर ले जाएं। हालांकि सिर जमींन पर रहना चाहिए। इस मुद्रा में कुछ सेकेंड रहने के बाद वापस पहले की स्तिथि में आ जाएं। (और पढ़े – पेट कम करने के लिए योगा)
- कपोतासन – कपोतासन की मुद्रा कबूतर की तरह नजर आती है। यह आसन करने से मिर्गी में फायदेमंद होता है। पाचन क्रिया को ठीक करने में उपयोगी होता है। इस आसन को करने के लिए योगा मैट बिछा ले और वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं, इसके बाद घुटनो के बल खड़े हो जाएं, हाथो को सामने की ओर ऊपर उठाकर शरीर को वक्र का आकर दे, हाथो को पीछे की ओर ले जाकर हथेलियों को जमींन पर लगा दे। इस मुद्रा में रहने पर सिर को एड़ियों के मध्य रखने का प्रयास करे, कुछ देर इस मुद्रा में बने रहे और धीमी गति से पुराने स्तिथि में आ जाएं। (और पढ़े – ब्रस्ट साइज़ कम करने के योग)
- उत्तन्नासन – यह आसन करने से मिर्गी से बचाव किया जा सकता है। कुछ अध्ययन के अनुसार यह आसन तनाव को दूर करने में फायदेमंद होता है। उत्तन्नासन करने के लिए योगा मैट बिछा ले और सीधे खड़े हो जाएं, अब हाथो को ऊपर की ओर ले जाएं, हाथो को मोडे बिना सामने की ओर झुके। अब दोनों हाथो से पैरो के अंगूठे को छूने का प्रयास करे। घुटना थोड़ा भी मुड़ना नहीं चाहिए। जितना हो सके सिर को घुटनो के पास ले जाएं। यदि यह प्रक्रिया कर लिया तो हाथो को पेरो के पीछे ले जाएं व एड़ी के हिस्सों को छूने का प्रयास करें। अब धीमी गति से पुरानी स्तिथि में आ जाएं। (और पढ़े – लेग प्रेस व्यायम)
- बालासन – यह आसन की मुद्रा चाइल्ड पोज की तरह नजर आती है। इस आसन को करने से मिर्गी रोग में फायदा मिलता है। यह व्यक्ति के नर्व सिस्टम व मस्तिष्क तंत्रिका के कार्य में सुधार करता है। यह आसन करने के लिए योगा मैट बिछा ले और अपने घुटनो को मोड़ते हुए अपनी एड़ियों पर बैठ जाएं। कूल्हों को एड़ियों पर रखना है। अब आगे की ओर झुक कर माथे को जमींन पर लगाएं। अपने हाथो को शरीर के दोनों ओर से आगे की तरफ उठाते हुए जमींन पर रखे। ऐसे में आपके हथेली जमीन से लगी हुई हो। अब सीने के माध्यम से जांधो पर दबाव बनाये। अपनी क्षमता के मुताबिक इस पोजीशन में रहे, अब धीमी गति से अपनी पुरानी स्तिथि में आ जाएं। इस योग को 3 से 4 बार कर सकते हैं। (और पढ़े – सुबह दौड़ने के फायदे)
हमें आशा है की आपके प्रश्न मिर्गी के लिए योगासन ? का उत्तर इस लेख के माध्यम से दे पाएं।
अगर आपको मिर्गी से जुडी समस्या के बारे में अधिक जानकारी व उपचार करवाना है तो Neurologist से संपर्क कर सकते है।
हमारा उद्देश्य केवल आपको लेख के माध्यम से जानकारी देना है। हम आपको किसी तरह दवा, उपचार की सलाह नहीं देते है। आपको अच्छी सलाह केवल एक चिकिस्तक ही दे सकता है। क्योंकि उनसे अच्छा दूसरा कोई नहीं होता है।