एनोरेक्सिया क्या है। Anorexia Nervosa in Hindi
मई 23, 2019 Mens Health 14494 ViewsAnorexia Nervosa in Hindi
एनोरेक्सिया एक तरह की खाने की बीमारी है। इसे एनोरेक्सिया नर्वोसा भी कहा जाता है। इस बीमारी में शरीर का वजन बढ़ने का अधिक खतरा बना रहता है। व्यक्ति को वजन के प्रति गलत अवधारणाएं होती है। एनोरेक्सिया से पीड़ित लोग अपने वजन और आकर को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न प्रयास करते है। जो उनके जीवन की गतिविधिया के साथ शामिल करते है। शरीर का वजन को कम करने या शरीर के वजन एक ही आकर में रखने के लिए एनोरेक्सिया से पीड़ित लोग अपने भोजन को लेकर बहुत सक्रीय रहते है। गंभीर रूप से ध्यान रखते है। चलिए एनोरेक्सिया के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करते है।
- एनोरेक्सिया क्या है ? (What is Anorexia Nervosa in Hindi)
- एनोरेक्सिया के प्रकार ? (Types of Anorexia Nervosa in Hindi)
- एनोरेक्सिया के कारण क्या है ? (What are the Causes of Anorexia Nervosa in Hindi)
- एनोरेक्सिया के लक्षण क्या है ? (What are the Symptoms of Anorexia Nervosa in Hindi)
- एनोरेक्सिया का परिक्षण ? (Diagnosis Anorexia Nervosa in Hindi)
- एनोरेक्सिया का इलाज क्या है ? (What are the Treatments for Anorexia Nervosa in Hindi)
एनोरेक्सिया क्या है ? (What is Anorexia Nervosa in Hindi)
एनोरेक्सिया एक मानसिक अवस्था है। जिसमे व्यक्ति अपने वजन को लेकर बहुत अधिक संजीदा हो जाते है। ऐसे में लोग अत्यधिक डाइटिंग व व्यायाम का सहारा लेते है। ऐसे में व्यक्तियों को लगता है की अगर वो भोजन का सेवन करेंगे तो मोटे हो जाएंगे। जिसके कारण उनका खान-पान का समय गलत हो जाता है। खानपान में अनियमित एव कम खुराक लेने से उनके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
एनोरेक्सिया के प्रकार ? (Types of Anorexia Nervosa in Hindi)
एनोरेक्सिया के दो प्रकार होते है।
- प्रतिबंधित एनोरेक्सिया :– इस प्रकार में लोग अपने भोजन के प्रतिबंध बहुत लगाते है। ऐसे लोग हमेशा अपनी कैलोरी को गिनते है। भोजन नहीं करना, कार्बोहैा ड्रेड पदार्थ सीमित रखना, केवल रंगो वाले भोजन करना व अत्यधिक व्यायाम करना इत्यादि करने लगते है।
- अत्यधिक खाने वाले एनोरेक्सिया :- इस प्रकार में लोग भी भोजन पर प्रतिबंध लगाते है। किंतु इसमें भोजन में नियंत्रण कर अधिक मात्रा में भोजन शामिल करते है। भोजन की क्षतिपूर्ति करने के लिए व्यक्ति उल्टी करता है व एनीमिया का दुरुपयोग करता है। यह व्यवहार व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक रूप से अस्वस्थ कर देता है। यह जानलेवा भी हो सकता है।
एनोरेक्सिया के कारण क्या है ? (What are the Causes of Anorexia Nervosa in Hindi)
एनोरेक्सिया सटीक कारण शोधकर्ताओं को अभी तक ज्ञात नहीं हो पाया है। किंतु ऐसा माना जाता है। यह अन्य रोगो की तरह से व्यक्ति को नुकसान पहुँचाता है।
- जैविक :- किसी व्यक्ति के शरीर में अनुवांशिक परिवर्तन हो सकते है। जो उन्हें एनोरेक्सिया विकसित करने के लिए अधिक ग्रस्त कर सकता है। कुछ लोगो में यह रोग संवेदनशील होते है। यह अनुवांशिक प्रवृत्ति भी हो सकते हैं।
- पर्यावरण :- आजकल बाहरी संस्कृति लोगो पर बहुत तेजी से हावी होती जा रही है। लोग अधिक पतला बराबर होने की कोशिश में एनोरेक्सिया की चपेट में आ जाते है।
- मनोवैज्ञानिक :- कई तरह की भावनात्मक कारक एनोरेक्सिया का कारण बन सकता है। महिलाओं में भूख लगने पर भी भोजन नहीं करना व भोजन बहुत कम करना मनोवैज्ञानिक लक्षण हो सकते है। शरीर का वजन कम करने के लिए अपने भोजन पर प्रतिबंध लगा देते है।
- कुछ अन्य कारक :- लड़कियों और महिलाओं में एनोरेक्सिया बहुत आम बात होती है।
- जीन में परिवर्तन होने के कारण एनोरेक्सिया के जोखिम डाल सकते है।
- परिवारिक इतिहास यानि माता-पिता के ग्रस्त होने से उच्च मात्रा एनोरेक्सिया का जोखिम हो सकता है।
एनोरेक्सिया के लक्षण क्या है ? (What are the Symptoms of Anorexia Nervosa in Hindi)
एनोरेक्सिया के निम्लिखित लक्षण है।
- मासिक धर्म की अक्षमता होना।
- चरम वजन घटना।
- बेहोशी आना।
- चक्कर आना।
(और पढ़े – चक्कर क्यों आते है और चक्कर आने के कारण क्या है)
- कब्ज की समस्या होना।
- थकान महसूस होना।
- अनिद्रा होना।
(और पढ़े – अनिद्रा के कारण क्या है और अनिद्रा का इलाज क्या है)
एनोरेक्सिया का परिक्षण ? (Diagnosis Anorexia Nervosa in Hindi)
एनोरेक्सिया का परिक्षण डॉक्टर निम्लिखित तरीको से करते है। जिसमे प्रयोगशाला परीक्षण, शारीरिक परीक्षण, मनोवज्ञानिक परिक्षण, अन्य परीक्षण इत्यादि शामिल होते है। यह सब परीक्षण एनोरेक्सिया से निदान दिलाने के लिए किया जाता है।
एनोरेक्सिया का इलाज क्या है ? (What are the Treatments for Anorexia Nervosa in Hindi)
एनोरेक्सिया का इलाज चिकिस्तक विभिन्न तरीको से करते है।
- मनोचिकिस्तक एनोरेक्सिया से पीड़ित लोगो का ध्यान केंद्रित करते है। उनके व्यवहार में थेरेपी के द्वारा बदलाव करने की कोशिश करते है। जिससे मरीजों को भोजन खाने की ललक लगे और वह पौष्टिक आहार का सेवन करे।
- इसके उपचार में चिकिस्तक कुछ दवाओं की खुराक भी देते है। जिससे मरीज की चिंता व तनाव दूर हो सके।
- अगर वजन में अधिक गिरावट दिखाई देती है तो चिकिस्तक तुरंत स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती होने की सलाह देते है। जिससे कुपोषण का सही तरीके से इलाज हो सके।
अगर आपको एनोरेक्सिया के बारे में अधिक जानकारी एव इलाज करवाना हो तो तुरंत चिकिस्तक (General Physician) से संपर्क करे।