जानिए पीएमएस (PMS) क्या होता है। Pre Menstrual Syndrome (PMS) in Hindi
दिसम्बर 17, 2019 Womens Health 12565 ViewsPre Menstrual Syndrome (PMS) Meaning in Hindi
मासिकधर्म के दौरान महिलाओं को अनेको तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। किंतु PMS से ग्रस्त महिलाओं को अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जैसे मासिकधर्म आने के पहले पेट में दर्द, पेट में ऐंठन, कमर दर्द, स्तनों में दर्द, स्तनों में सूजन आदि लक्षण आपको प्रभावित करते है। इन लक्षणो को प्री मेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) कहते है। यह लक्षण महिलाओं की दिनचर्या को पूरी से प्रभावित करता है जिस वजह से वह अपना कार्य करने में असमर्थ हो जाती है। हालांकि महिलाओं में पीएमएस का स्तर उम्र के आधार पर भिन्न-भिन्न होता है। कुछ महिलाओं में 20 से 25 की उम्र में महसूस कर सकती है। इसके अलावा जिन महिलाओं की उम्र 30 से अधिक है उन्हें पीएमएस के लक्षण कम हो सकते है क्योंकि मेनोपॉज़ की स्थिति में जाने से पहले समस्या बढ़ सकती है। महिलाओं को इन समस्याओं के बारे में ठीक से जानकारी न होने कारण वह उपचार कर नहीं पाती है। इस लेख में हम महिलाओं को PMS के बारे में बतायेंगे की पीएमएस क्या है और इसके लक्षण, कारण, उपचार, बचाव आदि के बारे में निचे जानकारी देंगे।
- PMS क्या है ? (What is Pre Menstrual Syndrome (PMS) in Hindi)
- पीएमएस क्यों होता है ? (What are the Causes of PMS in Hindi)
- PMS के लक्षण क्या है ? (What are the Symptoms of Pre Menstrual Syndrome (PMS) in Hindi)
- पीएमएस के लिए चिकिस्तक के पास जाए ? (When to See Doctor About PMS in Hindi)
- PMS का उपचार क्या है ? (What are the Treatments for Pre Menstrual Syndrome (PMS) in Hindi)
- PMS से बचाव कैसे करें ? (Prevention of Pre Menstrual Syndrome (PMS) in Hindi)
PMS क्या है ? (What is Pre Menstrual Syndrome (PMS) in Hindi)
प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) शारीरिक और भावनात्मक लक्षणों को दर्शाता है। यह महिला की अवधि से एक से दो सप्ताह पहले होता है। सभी लक्षण अक्सर महिलाओं के बीच भिन्न ही होते हैं और रक्तस्राव की शुरुआत के आसपास हल होते हैं। लेकिन सामान्य लक्षणों में मुँहासे, निविदा स्तन, सूजन, थकान महसूस करना, चिड़चिड़ापन और मनोदशा में बदलाव आदि शामिल हैं।
पीएमएस क्यों होता है ? (What are the Causes of PMS in Hindi)
पीएमएस मासिकचक्र के दौरान होने वाले हार्मोन्स बदलाव का कारण होता है। पीएमएस के लक्षण कुछ महिलाओं में अधिक और कुछ महिलाओं में कम देखे जाते है। शायद इसलिए आजतक इसका कोई सटीक कारण का पता नहीं चल पाया है। चिकिस्तक का मानना है की आहार में पोषक तत्वों की कमी होने से पीएमएस बढ़ने की संभावना होती है। इसलिए महिलाओं को आहार में कैल्शियम, मैग्नीशियम, विटामिन बी 6 को शामिल करना चाहिए। कैफीन का उपयोग करने से लक्षण बढ़ने लगते है इसलिए इसे कम करे। महिलाओं के मासिकचक्र सामान्य 28 दिन के होते है जिसमे मासिक धर्म होने के पहले ओवुलेशन 14 दिन में होता है इसमें अंडाशय से अंडे बाहर आते है और जब मासिकधर्म शुरू होने वाले रहेंगे उसके 14 दिन के भीतर पीएमएस के लक्षण महसूस होने लगते है।
PMS के लक्षण क्या है ? (What are the Symptoms of Pre Menstrual Syndrome (PMS) in Hindi)
PMS के लक्षण बहुत सी महिलाओं में आम होते है जिसका उनको पता भी नहीं चलता है। कुछ ऐसी भी महिलाएं है जिनमे मासिकधर्म के दो सप्ताह पैहले से लक्षण महसूस करने लगती है। यह समस्या एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन की वजह से भी हो सकता है। सेरोटोनिन हार्मोन्स के स्तर कम होने से भूख की कमी, नींद न लगना, याद रखने की क्षमता कम हो जाती है। पीएमएस के निम्नलिखित लक्षण होते है।
- मुंहासे आना।
- पेट में दर्द होना।
- कब्ज होना।
- थकावट महसूस करना। (और पढ़े – थकावट क्यों होती है)
- चिड़चिड़ापन आना।
- तनाव में रहना।
- उदासी छाना।
- दस्त शुरू होना।
- डिप्रेशन में होना।
- स्तनों में दर्द होना। (और पढ़े – ब्रैस्ट दर्द के लक्षण)
- जी मिचलाना।
- सिरदर्द होना।
- मीठे की ओर आकर्षित होना।
- बिना कारण स्तनों में परेशानी होना।
- तेज आवाज से घबरा जाना।
- रौशनी के प्रति संवेदनशील होना।
- पेट में सूजन प्रतीत होना।
- दया की भावना होना।
पीएमएस के लिए चिकिस्तक के पास जाए ? (When to See Doctor About PMS in Hindi)
अगर आपको पीएमएस के दौरान होने वाली परेशानी जैसे शारीरिक दर्द, पीड़ा या मूड में बदलाव ठीक नहीं हो पा रहे है। तो आपको चिकिस्तक से बात करनी चाहिए। क्योंकि कुछ महिलाएं इन समस्या को नजरअंदाज करके और परेशानियों में पड़ जाती है। महिलाओं को पीएमएस का कारण जानना चाहिए की क्यों ठीक नहीं हो रहा है। कभी-कभी कुछ विकार भी कारण होते है। जिसके बारे में निचे बताया गया है। आपको एनीमिया की समस्या यानि खून की कमी हो सकती है।
- थायरॉइड महिला के गले में छोटे आकर का होता है लेकिन थाइरोइड में घेंघा और कैंसर जैसे जटिल समस्याएं उत्पन्न कर सकते है।
- संयोजी ऊतकों की समस्या होना। इसमें जोड़ो और मांसपेशियो का दर्द होना। क्रोनिक रोग के कारण हमेशा थकान का अनुभव होता रहता है।
- एन्ड्रोमिटिस से प्रभावित महिला गर्भवती होने में असफल रहती है।
- पीएमएस के कारण के बारे में जानने के लिए महिला के चिकिस्तक इतिहास के बारे में जानकारी लेते है ताकि कोई पहले बीमारी न हुई हो। क्योंकि महिलाओं की छोटी सी समस्या आगे चल कर बड़ी हो जाती है। इसलिए महिला को साल में एक बार थाइरोइड की जांच जरूर करवाए।
PMS का उपचार क्या है ? (What are the Treatments for Pre Menstrual Syndrome (PMS) in Hindi)
बहुत सी महिलाओं पीएमएस की समस्या अपने आप ठीक हो जाती है। कुछ महिलाओं में समस्या बनी रहती है। ऐसी महिलाओं को चिकिस्तक कुछ निम्न सुझाव दे सकते है।
- आपको रोजाना व्यायाम या योगा करना चाहिए।
- कैफीन पेय पदार्थ, शराब और चॉकलेट वाली चीज़ो का सेवन कम करें।
- अपने आहार में संतुलित आहार को शामिल करे। जिसमे कैल्शियम, प्रोटीन, हरी सब्जिया, कम चर्बी वाले डेयरी उत्पादक, विटामिन युक्त फल आदि का सेवन कर सकते है।
- दर्द दूर करने के लिए एस्पिरिन दवाएं का सेवन कर सकती है। इसके अलावा दर्द निवारक कुछ और दवाइया है जिसे चिकिस्तक के सलाह पर खाएं।
अगर आपको पीएमएस के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो आपको किसी अच्छे Gynecologist से संपर्क करें।
हमारा उद्देश्य केवल जानकारी देना है न की हम किसी दवा, उपचार, घरेलु उपचार की सलाह देते है। आपको एक चिकिस्तक ही केवल अच्छा चिकिस्तक सुझाव दे सकता है क्योंकि उनसे अच्छा कोई दूसरा नहीं होता है।