गर्भावस्था के दौरान शीर्षासन करना। Shirshasan during pregnancy in Hindi
दिसम्बर 3, 2020 Womens Health 1067 Viewsशीर्षासन का मतलब हिंदी में
शीर्षासन योग का एक आसान है जो आजकल महिलाएं अपने गर्भावस्था के दौरान कर रही है। इस आसान में पुरे शरीर के वजन को सिर संतुलित करना होता है, इसलिए इसे शीर्षासन के नाम से जाना जाता है।आपको कोई भी आसान बिना किसी योग एक्सपर्ट के नहीं करना चाहिए और यही भी ध्यान देना आवश्यक है गर्भावस्था का कौनसा महीना चल रहा है। हालांकि योगा हमारे शरीर की शारीरिक और मानसिक तनाव को कम करने में मदद करता है। शीर्षासन करने बहुत से फायदे होते है, जैसे पाचन तंत्र में सुधार करे, बालों का झड़ना रोके, कमर दर्द को कम करे व ध्यान केंद्रित में सुधार करने में मदद करता है। शायद बहुत सी महिलाएं के मन में सवाल आ रहा होगा, शीर्षासन गर्भावस्था में करना उचित होगा या नहीं ? चलिए आज के लेख में आपको गर्भावस्था के दौरान शीर्षासन करने के बारे में विस्तार से बताते हैं।
- शीर्षासन क्या है ? (What is Shirshasan in Hindi)
- गर्भावस्था के दौरान शीर्षासन करना सही होता है ? (Is it healthy to do Shirshasan during Pregnancy in Hindi)
- गर्भावस्था के दौरान कौन से योगासन कर सकते हैं ? (Pregnancy ke Dauran Kaun se Yogasan kar sakte hai in Hindi)
- गर्भावस्था में योगा करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ? (Pregnancy me Yoga karte samay kin Bato ka Dhyaan Rakhna Chahiye in Hindi)
शीर्षासन क्या है ? (What is Shirshasan in Hindi)
शीर्षासन संस्कृत के दो शब्दो को मिलाकर बनाया है, शीर्ष का अर्थ है सिर और आसान का अर्थ योग मुद्रा करना। शीर्षासन को अंग्रेजी में हैंडस्टैंड पोज के नाम से जाना जाता है। इस आसान को करने के लिए रोजाना अभ्यास की जरूर होती है और शुरुवात में एक मिनट से पांच तक करे। शीर्षासन में पुरे शरीर का बल सिर पर दिया जाता है। गर्दन की मांसपेशियो को मजबूत करने में फायदेमंद होता है और सिर के रक्त परिसंचरण में सुधार करता है। लेकिन किसी व्यक्ति को सिर चोट है तो यह आसान करने से बचें। इसके अलावा महिलाओं को महामारी के दौरान यह आसान नहीं करना चाहिए। (और पढ़े – महामारी के दौरान आहार में क्या ले)
गर्भावस्था के दौरान शीर्षासन करना सही होता है ? (Pregnancy ke Dauran Shirshasan karna Sahi Hota hai in Hindi)
गर्भावस्था के दौरान महिला को अपना खास ध्यान रखना होता है ताकि आने वाले शिशु को कोई समस्या न हो। गर्भावस्था के दौरान महिलाएं हल्के व्यायाम और योगासन करती है। सामान्य आसान करने से शारीरिक और मानसिक तनाव को कम करने में सहायता मिलती है। लेकिन आजकल शीर्षासन काफी प्रचलित हो रहा है जो गर्भावस्था के दौरान महिला कर रही है। लेकिन यह आसान बिना किसी के सहारे करना हानिकारक हो सकता है। हालही में अनुष्का शर्मा ने शीर्षासन की कुछ तस्वीरें सोशल मिडिया पर डाली है और लोगो को बताया है, उनके चिकिस्तक शीर्षासन करने की सलाह दी है जो की उनके और बच्चें के लिए फायदेमंद रहा है। लेकिन इस आसान के दौरान दिवार का सपोर्ट लेना चाहिए और अत्यधिक झुकना या मुड़ना नहीं है। यदि गर्भावस्था में किसी तरह की जटिलता है तो यह बिलकुल भी नहीं करना चाहिए, इससे बच्चे के शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
यदि महिलाएं गर्भावस्था में शीर्षासन करने के बारे में सोच रही है तो चिकिस्तक की सलाह ले और यदि आपका चिकिस्तक अनुमति देता है किसी योगा एक्सपर्ट की देख रेख में आसान करे। यह पूरी तरह से नहीं कहा जा सकता है की गर्भावस्था के दौरान शीर्षासन करना सही होगा। (और पढ़े – गर्भावस्था के दौरान क्या खाना चाहिए)
गर्भावस्था के दौरान कौन से योगासन कर सकते हैं ? (Pregnancy ke Dauran Kaun se Yogasan kar sakte hai in Hindi)
गर्भावस्था के दौरान कोई भी योगासन करने से पहले सलाह जरूर ले, जैसा की शीर्षासन के बारे में बताया की इसमें पुरे शरीर का वजन सिर पर दिया जाता है ताकि मस्तिष्क में रक्त परिसंचरण में सुधार किया जा सके। ऐसे ही कुछ अन्य योगासन है जो गर्भावस्था के दौरान कर सकते है। चलिए आगे बताते हैं।
- त्रिकोणासन – गर्भावस्था के पहले महीने में त्रिकोणासन करने से पाचन शक्ति में सुधार होता है। इसके अलावा शरीर में लचीलापन आता है। इस आसान को करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं और पैरो को जोड़ ले। हाथ शरीर से सटा होना चाहिए , अब दोनों पेरो को समान रूप से फैला ले। हाथो को कंधे के समीप ले जाकर पैर को बाहर की ओर मोडे। अब गहरी सांस लेते हुए एक हाथ फर्श को छुए। इस समय दाहिने हाथ को ऊपर उठाये। सिर को बाई ओर झुकाकर दही हाथ की उंगलियों को देखने का प्रयास करे। अब लंबी सांस लेकर सामान्य स्तिथि में आ जाये। अब दूसरी ओर इसी प्रक्रिया का उपयोग करें।
- मार्जरी आसान – इस आसान को करने से कमर में मजबूती आती है और पीठ दर्द और तनाव को कम करता है। इस आसान को करने के लिए टेबल की पोज में आ जाये। पैर के कंधो के बिच थोड़ी दूरी रखे और कोहनियो को सीधे रखे। अब सांस लेते हुए सिर को थोड़ा उठाये, फिर सांस को छोड़ते हुए नाभि को देखने का प्रयास करें।
- ताड़ासन – गर्भावस्था में शरीर को संतुलित करने के लिए और भूख बढ़ाने के लिए फायदेमंद होता है। लेकिन आसान करते समय पेट में दर्द होता है तो यह आसान न करे। इस आसान को करने के लिए पहले सीधें खड़े हों जाएं, अब दोनों हाथों को कान के पास से ऊपर ले जाते हुएं धीरे-धीरे एड़ियों को उठाएं. अब खुद को ऊपर उठाने का प्रयास करे। इस प्रक्रिया को करने में 3 से 4 मिनट तक का समय लगता है। अब सांसों को बाहर की ओर छोड़ें और धीरे-धीरे हाथों को नीचे लाते हुए एड़ियों को ज़मीन पर रख दे।
गर्भावस्था में योगा करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ? (Pregnancy me Yoga karte samay kin Bato ka Dhyaan Rakhna Chahiye in Hindi)
- यदि आप गर्भावस्था में योगा करने के बारे में सोच रही है तो सबसे पहले अपने चिकिस्तक और योगा ट्रेनर से सलाह ले। ऐसा इसलिए चिकिस्तक महिला के शरीर व गर्भावस्था के महीने के आधार पर सुझाव देते है।
- अगर आप को सामान्य आसान कर रही है और आपको सिरदर्द, छाती में दर्द या चक्कर जैसा महसूस होने लगे तो तुरंत आसान करना रोक दे।
- गर्भावस्था अधिक मुड़ने या झुकने वाले आसान को नहीं करना चाहिए।
- यदि कोई मुद्रा करने पर शरीर में दर्द का अनुभव कर रहे है, तो तुरंत करना बंद कर दे। (और पढ़े – डिलीवरी के बाद पेट कम कैसे करे)
हमें आशा है की आपके प्रश्न गर्भावस्था के दौरान शीर्षासन करना ? का उत्तर इस लेख के माध्यम से दे पाएं।
गर्भावस्था के दौरान योगासन करने से पहले स्त्री विशेषज्ञ (Gynecologist) से परामर्श लेनी चाहिए। इसके अलावा कोई भी ऐसे आसान न करे जिससे आपको और बच्चे को नुकसान हो।
हमारा उद्देश्य केवल आपको लेख के माध्यम से जानकारी देना है। हम आपको किसी तरह दवा, उपचार की सलाह नहीं देते है। आपको अच्छी सलाह केवल एक चिकिस्तक ही दे सकता है। क्योंकि उनसे अच्छा दूसरा कोई नहीं होता है।