तीव्रग्राहीता (एलर्जिक शॉक) के कारण, लक्षण, उपचार व बचाव। Anaphylactic Shock Meaning in Hindi
अक्टूबर 7, 2020 Lifestyle Diseases 3050 ViewsAnaphylactic Shock Meaning in Hindi.
तीव्रग्राहीता (एलर्जिक शॉक) एक तरह का विकार है, जो शरीर पर गंभीर प्रभाव डालता हैं। इसके अधिक रिएक्शन होने से व्यक्ति की जान भी जा सकती हैं। अगर आप कोई भी ऐसा पदार्थ का सेवन कर लेते है, जिससे आपको एलर्जी हो या स्वास्थ्य खराब हो,तो ऐसे पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा कोई जानवर जिसके प्रहार से व्यक्ति का स्वास्थ्य तीव्रता से बिगड़ने लगता है जैसे बिच्छू का डंक मारना, सांप का काटना, मधुमक्खी का डंक आदि। इनका असर कुछ मिनटों में शुरू होकर शरीर के प्रतिरोधक शमता को कमजोर बनाने लगता हैं और परिणामस्वरूप व्यक्ति सदमा में जा सकता हैं। इसके अलावा व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई व बीपी कम होने लगता हैं। शरीर की बीपी अचानक से कम होने पर चक्कर, उल्टी, जैसे लक्षण हो सकते हैं। हालांकि एलर्जी रिएक्शन किसी दवाई, खाद्य पदार्थ या कीड़े के काटने से हो सकता हैं। ऐसे में व्यक्ति को तुरंत अस्पताल जाने की जरूरत होती हैं, ताकि उचित उपचार हो सके। चलिए आज के लेख में आपको तीव्रग्राहीता (Anaphylactic Shock Meaning in Hindi) के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।
- तीव्रग्राहीता (एलर्जिक शॉक) के कारण क्या हैं ? (Causes of Anaphylactic Shock in Hindi)
- तीव्रग्राहीता (एलर्जिक शॉक) के लक्षण क्या हैं ? (Symptoms of Anaphylactic Shock in Hindi)
- तीव्रग्राहीता (एलर्जिक शॉक) का इलाज क्या हैं ? (Treatments for Anaphylactic Shock in Hindi.
तीव्रग्राहीता (एलर्जिक शॉक) से बचाव कैसे करें ? (Prevention of Anaphylactic Shock in Hindi)
तीव्रग्राहीता (एलर्जिक शॉक) के कारण क्या हैं ? (Causes of Anaphylactic Shock in Hindi)
- तीव्रग्राहीता बहुत से तत्व के कारण हो सकता है। हालांकि व्यक्ति पर निर्भर होता है वो किस तत्व से एलर्जीक हुआ हैं। चलिए आगे बताते हैं। तीव्रग्राहीता से आरंभ होने वाले तत्व में दवाइयां, पेनिसिलीन, खाद्य पदार्थ मुंगफली, चींटी का काटना, मधुमक्खी का डंक मारना आदि शामिल हैं। इसके अलावा कम तीव्रग्राहीता से होने में कुछ दवाइयों से बेहोश होना, रबर से एलर्जी, व्यायम में अधिक गति लाने में चिकिस्तक से बात करनी चाहिए। यदि व्यक्ति को एलर्जी का कारण नहीं पता है, तो चिकिस्तक से इस बारे में बात करनी चाहिए।
- तीव्रग्राहीता के जोखिम कारक –
- यदि किसी भी व्यक्ति को पहले भी तीव्रग्राहीता हो चुकी हैं, तो आपको भविष्य में दुबारा गंभीर रूप से हो सकती हैं।
- अगर आपके परिवार में किसी को व्यायाम से होने वाली तीव्रग्राहीता रह चुकी है, तो दूसरे लोगो में तीव्रग्राहीता का जोखिम हो सकता हैं।
- एलर्जी या दमा की समस्या है, तो तीव्रग्राहीता का जोखिम और बढ़ने की आशंका हो सकती हैं। (और पढ़े – अस्थमा क्या हैं)
तीव्रग्राहीता (एलर्जिक शॉक) के लक्षण क्या हैं ? (Symptoms of Anaphylactic Shock in Hindi)
- तीव्रग्राहीता ( Anaphylactic Meaning in Hindi) के लक्षण एलर्जी के आधार पर नजर आते हैं जो कुछ देर या मिनटों में शुरू हो जाते हैं। तीव्रग्राहीता होने पर आधे घंटे या अधिक समय तक हो सकता हैं। चलिए आगे लक्षण बताते हैं।
- कमजोरी और बेहोश होना।
- चक्कर आना।
- उल्टी आना।
- दस्त होना।
- नव्ज गिरना।
- गले में दर्द होना।
- गले में गांठ का अनुभव होना।
- जीभ में सूजन।
- गले में सूजन।
- सांस लेने में कठिनाई।
- (और पढ़े – थायरॉइड के लक्षण क्या हैं)
- गर्माहट का एहसास होना।
- त्वचा पर एलर्जी होना।
- त्वचा में खुजली होना।
- त्वचा का रंग फीका पड़ना। (और पढ़े – त्वचा में खुजली की समस्या)
- आपके घर में बच्चे या बड़े में अत्यधिक गंभीर लक्षण नजर आये तो तुरंत चिकिस्तक से संपर्क करें।
तीव्रग्राहीता (एलर्जिक शॉक) का इलाज क्या हैं ? (Treatments for Anaphylactic Shock in Hindi)
- तीव्रग्राहीता (एलर्जिक शॉक) होने पर व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई हो या दिल की गति होना बंद हो, ऐसे स्तिथि में मरीज को आपातकालीन चिकिस्ता की जरूरत पड़ती हैं। यदि तीव्रग्राहीता (एलर्जिक शॉक) के लक्षण नजर आ रहे है, तो तुरंत एम्बूलेंस पर कॉल कर बुलाना चाहिए। व्यक्ति को आराम से एम्बूलेंस में लेता दे, प्रभावित व्यक्ति की सांस व दिल की गति की जांच कर ले, एलर्जिक उपचार के लिए प्रभावित व्यक्ति को एपीनेफ़्रिन या एंटीहिस्टामीन का सेवन करवाना चाहिए।
- अक्सर जो लोग तीव्रग्राहीता से प्रभावित हो चुके है वे अपने पास ऑटोईजेक्टर रखते है। इस यंत्र से जुडी सुई की सिरिंज होती है जो जांधो में लगाई जाती है।
- यदि कीड़े काटने से तीव्रग्राहीता की समस्या बढ़ जाती है, तो भविष्य में ऐसे जोखिम से बचने के लिए इम्म्यूनोथेरेपी का उपयोग करवा सकते हैं।
- कुछ व्यक्तियों में तीव्रग्राहीता का उपचार नहीं हो पाता है, उनके लिए कुछ नियम का पालन करना जरुरी होता है। जैसे एलर्जी को बढ़ावा देने वाले पदार्थ से दूर रहे। आप एपिनेफ़्रिन साथ में रख सकते हैं। इसके अलावा चिकिस्तक एंटीहिस्टामीन लेने की सलाह दे सकते हैं। (और पढ़े – कोरोना वायरस कैसे फैला है)
तीव्रग्राहीता (एलर्जिक शॉक) से बचाव कैसे करें ? (Prevention of Anaphylactic Shock in Hindi)
- तीव्रग्राहीता Anaphylactic Shock Meaning in Hindi) से बचाव करने के लिए कुछ निम्न बातो का ध्यान रखना चाहिए। चलिए विस्तार से बताते हैं।
- तीव्रग्राहीता (एलर्जिक शॉक) से बचाव करने के लिए कुछ निम्न बातो का ध्यान रखना चाहिए। चलिए विस्तार से बताते हैं।
- यदि आपको किसी दवाई से एलर्जी की समस्या होती है, तो इसके बारे में चिकिस्तक से बात करें। इम्म्यूनोथेरेपी के बाद चिकिस्तक के क्लिनिक में रहे ताकि एलर्जी होने पर चिकिस्तक से बता दे।
- एलर्जी के बारे में बताने वाले हार या ब्रेसलेट बाजार में उपलब्ध है। किसी प्रकार की एलर्जी हो तो इनका उपयोग करें।
- आप अपने साथ कुछ आपातकालीन दवाई रखना चाहिए। ताकि कोई आपात स्तिथि होने पर चिकिस्तक से दवा लगवा सके। लेकिन एपिनेफ़्रिन की तिथि समाप्त न हो इस बात का ध्यान रखे।
- आपको कीड़े काटने से जोखिम स्तिथि उत्पन्न होता है, तो जंगल में जाने पर पुरे बाह का कपडा व पेरो में जूते पहने। इत्र और सुगन्धित चीजों से दुरी बनाये रखे। कीड़े को मारने से बचें।
- यदि किसी खाद्य पदार्थ से आपको एलर्जी की समस्या उत्पन्न होती है, तो उन खाद्य पदार्थो से बचें। इसके अलावा बाहर का भोजन करने से पहले खाद्य पदार्थो के बारे में जानकारी रखें। (और पढ़े – भूख न लगने की समस्या)
अगर तीव्रग्राहीता (एलर्जिक शॉक) के बारे में अधिक जानकारी चाहिए तो (Internal Medicine /Physician) से संपर्क कर सकते हैं।
हमारा उद्देश्य है आपको जानकारी प्रदान करना है। ना की किसी तरह के दवा, इलाज, घरेलु उपचार की सलाह दी जाती है। आपको चिकिस्तक अच्छी सलाह दे सकते है क्योंकि उनसे अच्छी सलाह कोई नहीं देता है।

