प्रीडायबिटीज (बॉर्डरलाइन डायबिटीज)? Prediabetes In Hindi
मार्च 23, 2021 Lifestyle Diseases 1578 Viewsप्रीडायबिटीज का मतलब हिंदी में, (Prediabetes Meaning In Hindi)
प्रीडायबिटीज क्या हैं ?
प्रीडायबिटीज एक दुर्लभ स्तिथि है जिसमे रक्त शर्करा का स्तर सामान्य से अधिक होता है। रक्त शर्करा के स्तर इतना भी अधिक नहीं रहता है जिसे डायबिटीज 2 कहा जा सके। डायबिटीज 2 की तुलना में प्रीडायबिटीज का निदान करना मुश्किल होता है। प्रीडायबिटीज की समस्या में व्यक्ति लक्षण का अनुभव नहीं करता है लेकिन जोखिम का सामना करना पड़ता है। जैसे लिवर में खराबी होना, दिल में समस्या व आंखो पर दुष्प्रभाव होता है। हालांकि प्रीडायबिटीज डायबिटीज टाइप 2 का कारण बनता हैं। चलिए आज के लेख में आपको प्रीडायबिटीज के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं।
- प्रीडायबिटीज क्या हैं ? प्रीडायबिटीज के कारण व जोखिम कारक ? (What are the Causes and Risk Factor of Prediabetes in Hindi)
- प्रीडायबिटीज के लक्षण ? (What are the Symptoms of Prediabetes in Hindi)
- प्रीडायबिटीज के निदान ? (Diagnoses of Prediabetes in Hindi)
- प्रीडायबिटीज का उपचार ? (What are the Treatments for Prediabetes in Hindi)
- प्रीडायबिटीज की जटिलताएं ? (Prediabetes Complications in Hindi)
प्रीडायबिटीज क्या हैं ? प्रीडायबिटीज के कारण व जोखिम कारक ? (What are the Causes and Risk Factor of Prediabetes in Hindi)
प्रीडायबिटीज का सटीक कारण ज्ञात नहीं है, लेकिन पारिवारिक इतिहास होने से अनुवांशिक कारण बन सकता हैं। रोजाना शारीरिक गतिविधि न करने से पेट के आसपास वसा का जमाव होने लगता है जो वजन बढ़ने का कारण होता है। प्रीडायबिटीज वाले लोग ग्लूकोज को संसोधित नहीं करते है मनुष्य के शरीर में अधिकतर ग्लूकोज भोजन के द्वारा प्राप्त कर लिया जाता है। भोजन का पाचन होता है तो चीनी रक्तप्रवाह में प्रवेश करती है और रक्त प्रवाह में चीनी ले जाने के लिए इंसुलिन हार्मोन की जरूरत पड़ती है। इंसुलिन पेट के पीछे स्तिथ ग्रंथि से आता है जिसे अग्न्याशय कहा जाता है। भोजन खाने के बाद अग्न्याशय रक्त में इंसुलिन भेजता हैं। यदि रक्त शर्करा का गिरने लगता है तो अग्न्याशय रक्त में इंसुलिन के स्राव को धीमा कर देता है। किसी व्यक्ति को प्रीडायबिटीज होता है तो कार्य प्रक्रिया धीमा हो जाता है और अग्न्याशय इंसुलिन का निर्माण नहीं कर पाता है। ऐसे में कोशिकाओं के जगह चीनी व्यक्ति के रक्त प्रवाह में निर्माण करने लगती हैं।
प्रीडायबिटीज के जोखिम बढ़ाने में डायबिटिज प्रकर 2 होता है। इन जोखिम कारक में शामिल हैं।
- उम्र अधिक होने पर डायबिटीज का जोखिम बना रहना।
- गर्भवती महिला को शुरुवात में डायबिटीज होने का खतरा बना रहता हैं।
- पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम की स्तिथि डायबिटीज का जोखिम को बढ़ाती है।
- जो लोग अनिद्रा से परेशान है या ठीक से नींद पूरी नहीं होते है तो प्रीडायबिटीज व डायबिटीज का जोखिम बना रहता हैं।
- अनुवांशिक कारण होने से डायबिटीज का जोखिम लगा रहता हैं।
- जो लोग अपना वजन नियंत्रित करते है यानि शारीरिक गतिविधि नहीं करते है तो शरीर में अतिरिक्त वसा का जमाव होता है। इस वजह से इंसुलिन कोशिकाओं के प्रति संवेदनशील हो जाती है। (और पढ़े – सुबह व्यायाम करने के फायदे)
प्रीडायबिटीज के लक्षण ? (What are the Symptoms of Prediabetes in Hindi)
प्रीडायबिटीज के कोई विशेष लक्षण नजर नहीं आते है। चिकिस्तक के मुताबिक प्रीडायबिटीज की स्तिथि का अनुभव नहीं हो पाता है, किंतु इंसुलिन से जुडी समस्या के लक्षण का अनुभव किया जा सकता है। जैसे कोहनी, गर्दन, काख व पोर व मखमली पैच विकसित हो सकते है।
शुरुवाती लक्षणो में शामिल है।
- ठीक से कुछ दिखाई न देना।
- अधिक प्यास लगना।
- चोट लगने पर जल्दी ठीक न होना।
- थकान महसूस करना।
- रात में पेशाब अधिक लगना। (और पढ़े – पेशाब में जलन होना)
प्रीडायबिटीज के निदान ? (Diagnoses of Prediabetes in Hindi)
प्रीडायबिटीज का निदान करने के लिए चिकिस्तक ब्लड टेस्ट करते है। ब्लड टेस्ट के परिणाम के अनुसार प्रीडायबिटीज के अन्य टेस्ट की सिफारिश कर सकते हैं।
जैसे – फास्टिंग प्लाज्मा टेस्ट – इस टेस्ट के लिए व्यक्ति को 8 घंटे तक कुछ न खाने की सलाह दी जाती है। फास्टिंग प्लाज्मा टेस्ट से प्राप्त रक्त शर्करा के परिणाम इस तरह हो सकते है।
- सामान्य स्तर – 100 mg/dl से कम रक्त शर्करा।
- प्रीडायबिटीज की श्रेणी – 100 से 125 mg/dl के मध्य।
- डायबिटीज – 126 mg/d से अधिक रक्त शर्करा का स्तर हो सकता हैं।
ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट – इस टेस्ट में मरीज का दो बार टेस्ट किया जाता है पहले खाली पेट और दूसरा कुछ घोल पिलाकर टेस्ट लिया जाता हैं। इसके परिणाम इस तरह हो सकते हैं।
- सामान्य स्तर – दूसरे जांच में रक्त शर्करा के स्तर 140 mg/dl से कम आया हो।
- प्री डायबिटीज का स्तर – दूसरे जांच में रक्त शर्करा का स्तर 140 से 199 mg/dl हो।
- डायबिटीज – दूसरे रक्त शर्करा के परीक्षण के बाद 200 मिलीग्राम/डिएल से अधिक आया हो।
हीमोग्लोबिन A 1c टेस्ट – हीमोग्लोबिन की जांच में रक्त परीक्षण किया जाता है। यह रक्त परीक्षण दो से तीन महीनो के रक्त शर्करा को मापा जाता है। रक्त शर्करा के आधार पर यह परिणाम हो सकता हैं।
- सामान्य स्तर – 5.6 से कम रक्त शर्करा हो।
- प्री डायबिटीज – 5.7 से 6 .4 रक्त शर्करा हो।
- डायबिटीज – 6.5 से अधिक हो। (और पढ़े – डायबिटीज के घरेलू उपचार)
प्रीडायबिटीज का उपचार ? (What are the Treatments for Prediabetes in Hindi)
प्रीडायबिटीज का उपचार करने से डायबिटीज टाइप 2 के जोखिम को कम किया जा सकता हैं। यदि किसी व्यक्ति में प्रीडायबिटीज का परीक्षण किया जाता है तो चिकिस्तक जीवनशैली में कुछ बदलाव करने की सलाह देते हैं। डायबिटीज का स्तर अधिक होने पर ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए मेटफॉर्मिन जैसी दवाओं की सलाह देते हैं।
कुछ अन्य सुझाव में शामिल है।
- रोजाना व्यायाम करना।
- आहार में हरी सब्जी व ताजे फलों का सेवन करना।
- धूम्रपान न करना।
- यदि डायबिटीज का स्तर अधिक है तो चिकिस्तक द्वारा दी गयी दवा का सेवन करना चाहिए। (और पढ़े – डायबिटीज का उपचार क्या हैं)
प्रीडायबिटीज की जटिलताएं ? (Prediabetes Complications in Hindi)
प्रीडायबिटीज की बीमारी अधिक बढ़ने पर डायबिटीज टाइप 2 का जोखिम पैदा करती है। डायबिटीज होने पर निम्न जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं। चलिए आगे बताते हैं।
- उच्च रक्तचाप।
- किडनी रोग की समस्या।
- अंधापन छाना।
- त्वचा में संक्रमण होना।
- स्ट्रोक होना।
- दिल की बीमारी होना।
- उच्च कोलेस्ट्रॉल होना।
- किडनी खराब होना। (और पढ़े – किडनी स्टोन क्या हैं)
हमें आशा है की आपके प्रश्न प्रीडायबिटीज क्या हैं ? का उत्तर इस लेख के माध्यम से दे पाएं।
अगर आपको प्रीडायबिटीज के बारे में अधिक जानकारी चाहिए तो किसी अच्छे (Diabetologist) से संपर्क कर सकते हैं।
हमारा उद्देश्य केवल आपको लेख के माध्यम से जानकारी देना है। हम आपको किसी तरह दवा, उपचार की सलाह नहीं देते है। आपको अच्छी सलाह केवल एक चिकिस्तक ही दे सकता है। क्योंकि उनसे अच्छा दूसरा कोई नहीं होता है।



