एंग्जायटी (चिंता) के आयुर्वेदिक उपचार। Ayurvedic Treatment for Anxiety in Hindi.
अक्टूबर 2, 2020 Lifestyle Diseases 6037 Viewsएंग्जायटी (चिंता) क्या हैं Anxiety Meaning in Hindi.
चिंता को अंग्रेजी में एंग्जायटी (Anxiety) कहा जाता है, यह एक तरह का मानसिक विकार होता है। रोजाना चिंता में रहने से दिमाग में असंतुलन पैदा होता है जो मानसिक दोष का कारण बनता है। अक्सर लोगो में घर, परिवार, आर्थित स्तिथि व व्यवसाय को लेकर चिंता लगी रहती है, सामान्य चिंता करना स्वभाविक होता है। लेकिन अत्यधिक चिंता करना मानसिक विकार का कारण बनने लगता है। बहुत से लोग चिंता करने की आदत को आम समझकर नजरअंदाज करते है जो आगे चल कर बड़ी बीमारी का जोखिम होता है, इसलिए दिमाग में अधिक एंग्जायटी होने पर चिकिस्तक से बात चित करनी चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार ठीक से भोजन न करने से शरीर को पोषक तत्व नहीं मील पाता है और मानसिक असंतोष का कारण बनता है।
इसके अलावा गरीबी होने से व्यक्ति के मन में अधिक प्राप्त करने की इच्छा चिंता बनकर दिमाग में बैठ जाती है और मानसिक पीड़ा देने लगती है। चिंता की समस्या अधिकतर वृद्ध लोगो में देखा जाता है, यदि चिंता जैसी समस्या का सही समय पर उपचार नहीं किया जाएं तो मानसिक रोग व अन्य स्वास्थ्य समस्या शुरू हो सकते है। चिंता में रहने से लोगो में अवसाद, थकान, कब्ज व हाइपरटेंशन होने लगता है। आयुर्वेद के अनुसार भागदौड़ से भरी जिंदगी में लोगो को अपने स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए कुछ वक्त जरूर निकालना चाहिए। चाहे वयस्क हो या युवक हो सभी को सुबह जल्दी उठकर योगा, व्यायाम करना चाहिए। इसके अलावा रात को जल्दी सोना, पौष्टिक आहार लेना व धूम्रपान व शराब का सेवन न करना आदि को अपने जीवनशैली में शामिल करना चाहिए, ताकि चिंता (एंग्जायटी) जैसी समस्या को कम कर सके। चलिए आज के लेख के माध्यम से आपको चिंता (एंग्जायटी) के आयुर्वेदिक उपचार (Ayurvedic Treatment for Anxiety in Hindi)) व क्या करना चाहिए और नहीं आदि के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं।
- एंग्जायटी (चिंता) के आयुर्वेदिक उपचार क्या हैं ? (What are the Ayurvedic Treatments for Anxiety in Hindi)
- आयुर्वेद के अनुसार एंग्जायटी (चिंता) होने पर क्या करना चाहिए और क्या नहीं ? (According to Ayurveda, what to do and what not to do when suffering from anxiety in Hindi)
एंग्जायटी (चिंता) के आयुर्वेदिक उपचार क्या हैं ? (What are the Ayurvedic Treatments for Anxiety in Hindi)
एंग्जायटी (चिंता) Anxiety Meaning in Hindiको दूर करने के लिए निम्न जड़ी बूटियों और आयुर्वेदिक Ayurveda उपचार का उपयोग किया जाता है। चलिए आगे बताते हैं।
जड़ीबूटी –
- अश्वगंधा – अश्वगंधा मस्तिष्क की समस्या को दूर करने में एक बेहतरीन जड़ीबूटी है। अश्वगंधा शरीर की इम्म्युंटी को बढ़ाने में मदद करता है और रोगो को शरीर से दूर रखता है। इस जड़ीबूटी को काढ़े या चूर्ण के रूप में उपयोग किया जाता है।
- मुलेठी – मस्तिष्क को शांत करने में मुलेठी उपयोगी जड़ीबूटी मानी जाती है। इसमें कुछ ऐसे गुण होते है जो चिंता को कम करने में फायदेमंद होता है। मुलेठी अन्य समस्या जैसे अल्सर, गले में खराश, मांसपेशियो में ऐंठन आदि को ठीक करने में मदद करता है।
- भृंगराज – भृंगराज एक आयुर्वेदिक जड़ीबूटी है जो एंग्जायटी दूर करने में फायदेमंद होती है। भृंगराज की चाय पीने से शरीर को ऊर्जा मिलती है। इसके अलावा रक्त प्रवाह में सुधार होता है और मस्तिष्क को शांति का अनुभव होता है। (और पढ़े – डिप्रेशन के आयुर्वेदिक उपचार)
आयुर्वेदिक उपचार –
- शमन चिकित्सा विधि – शमन चिकित्सा विधि का उपयोग चिंता को दूर करने के लिए किया जाता है। इस आयुर्वेदिक उपचार में औषधीय तेलों का उपयोग सिर की मालिश करने के लिए की जाती है। इसके अलावा सिर पर औषधीय तेल, दूध, पानी, छाछ को डाला जाता है इसे शिरोधरा कहा जाता है। मस्तिष्क से चिंता को दूर करने में यह चिकित्सा उपयोगी होता है।
- रसायन चिकित्सा – एंग्जायटी (चिंता) को दूर करने में रसायन बहुत उपयोगी माना जाता है। इसमें कई तरह की जड़ीबूटियां जैसे अश्वगंधा, ब्राही, मुलेठी आदि का उपयोग किया जाता है। मानसिक रोग को कम करने के लिए आयुर्वेद में रसायन चिकित्सा का उपयोग किया जाता है। इस विधि में व्यक्ति के चिंता को दूर करने का प्रयास करते है बल्कि कुछ जीवनशैली में परिवर्तन करवाते है। जैसे समय पर सोना, भोजन में पौष्टिक आहार लेना, योगा करना व ध्यान लगाना आदि कार्य करवाने की सलाह देते है। (और पढ़े – एंजायटी की समस्या क्यों होती है)
आयुर्वेद के अनुसार एंग्जायटी (चिंता) होने पर क्या करना चाहिए और क्या नहीं ? (According to Ayurveda, what to do and what not to do when suffering from anxiety in Hindi)
आयुर्वेद के अनुसार एंग्जायटी (चिंता) होने पर क्या करना चाहिए
आयुर्वेद के अनुसार एंग्जायटी होने पर निम्न कार्य कर सकते है।
- तनाव को दूर रखने के लिए व्यक्ति को अच्छी नींद लेनी चाहिए।
- दिमाग में परेशानी को दूर करने के लिए मनोरंजन युक्त किताबें और संगीत सुन सकते है।
- हमेशा अपने आस पास साफ सफाई बनाए रखना चाहिए।
- धार्मिक जगह पर जाकर पूजा व ध्यान लगाना चाहिए।
- अपने आहार में व्यक्ति को गेहूं, पुराने चावल, किसमिश, घी, नारियल व परवल आदि शामिल कर सकते है। (और पढ़े – नारियल के फायदे)
- चिंता से मुक्ति पाने के लिए कुछ शारीरिक गतिविधि जैसे योगा, व्यायाम व ध्यान लगा सकते है।
आयुर्वेद के अनुसार एंग्जायटी (चिंता) होने पर क्या नहीं करना चाहिए –
आयुर्वेद के अनुसार एंग्जायटी Anxiety Meaning in Hindi होने पर व्यक्ति को धूम्रपान व शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।
- बासी और खट्टे भोजन खाने से परहेज करें।
- अधिक मसाले वाले भोजन न करें।
- वाइन जैसे नशीले द्रव न ले।
- रात में अधिक समय तक जागना नहीं चाहिए।
- जितना हो सके चाय व कॉफी से बचें।
- दूध पीने के बाद मछली का सेवन नहीं करना चाहिए। (और पढ़े – मछली के फायदे और नुकसान)
हमारा उद्देश्य केवल आपको लेख के माध्यम से जानकारी देना है। हम आपको किसी तरह दवा, उपचार की सलाह नहीं देते है। आपको अच्छी सलाह केवल एक चिकिस्तक ही दे सकता है। क्योंकि उनसे अच्छा दूसरा कोई नहीं होता है।



