नींद में बोलना की समस्या क्या है। Sleep Talking in Hindi

दिसम्बर 9, 2019 Lifestyle Diseases 9521 Views

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Sleep Talking Meaning in Hindi

नींद न आने की समस्या के बारे में आप जानते ही होंगे लेकिन क्या आप जानते है बहुत से ऐसे लोग होते है जिनको नींद में बोलने की आदत होती है। इस स्थिति को चिकिस्तक भाषा में निद्रालाप कहते है। यह नींद संबंधित एक विकार की तरह होता है। हालांकि चिकिस्तक इसपर कोई सटीक कारण नहीं बता पाए है, किंतु यह मस्तिष्क से जुडी कोई समस्या के कारण हो सकता है। जिस व्यक्ति को नींद में बोलने की आदत होती है उनको जागने के बाद कुछ पता नहीं होता है की उसने नींद में क्या बोला है। इसके अलावा नींद में बोलने वाले व्यक्ति की आवाज में बदलाव रहता है और किसी घटना को नींद में दोहराते रहता है। कई लोगो का मानना है दिन में व्यक्ति के साथ जो बात चित होता है उसका ध्यान व्यक्ति के दिमाग में होता है और वही नींद बड़बड़ाने का कारण बन सकता है। अधिकतर मामलो में व्यक्ति को किसी तरह की उपचार की जरुरत नहीं होती है। अगर आपको लगता है की आपकी बोलने की बीमारी आपके नियंत्रण में नहीं है तो चिकिस्तक से संपर्क करना चाहिए। कुछ लोगो नींद की बीमारी इस तरह बढ़ जाती है की व्यक्ति नींद में चीखने, डरने व चिल्लाने लगता है। कुछ ऐसे भी लोग होते है जिनको नींद में बिस्तर गिला करने की आदत होती है लेकिन उम्र बढ़ने पर यह आदत समाप्त हो जाती है। अधिक समय से नींद की बीमारी होने से व्यक्ति के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। नींद में बोलने की आदत होने से आपके बाजु वाले व्यक्ति को नींद में बाधा हो सकती है। चलिए इस लेख में हम आपको नींद में बोलने (Sleep Talking Meaning in Hindi) की समस्या को विस्तार से बतायेंगे।

  • नींद में बोलना क्या है ? (What is Sleep Talking in Hindi)
  • नींद में बोलने के कारण क्या है ? (Causes of Sleep Talking in Hindi)
  • नींद में बोलने के लक्षण क्या है ? (Symptoms of Sleep Talking in Hindi)
  • नींद में बोलने का उपचार क्या है ? (Treatments for Sleep Talking in Hindi)
  • नींद में बोलने से बचाव कैसे करें ? (Prevention of Sleep Talking in Hindi)

नींद में बोलना क्या है ? (What is Sleep Talking in Hindi)

नींद में बोलना या बड़बड़ाना एक नींद संबंधित बीमारी है, जिसमे व्यक्ति रात को सोने के बाद कुछ भो बोलने लगता है और उस व्यक्ति को उठने के बाद कुछ याद नहीं रहता है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति क्या बड़बड़ाते है की बाजु वाले व्यक्ति को नजर नहीं आते है क्योंकि इतने जटिल शब्द होते है की सामने वाले व्यक्ति को कुछ समझ में नहीं आता है। हालांकि ऐसे मामले लोगो बहुत कम होती है और कुछ लोगो में थोड़े दिन के लिए हो सकती है।

नींद में बोलने के कारण क्या है ? (Causes of Sleep Talking in Hindi)

नींद में बोलने के सटीक कारण अभी तक वैज्ञानिको द्वारा पता नहीं हो पाया है। लेकिन इसपर शोध जारी है व्यक्ति नींद में बोलने क्यों लगता है। कुछ चिकिस्तक का मानना है की मस्तिष्क में किसी तरह की परेशानी होने पर नींद में बोलने की समस्या हो सकती है। हालांकि नींद में बोलने की समस्या अन्य कारण से बढ़ सकती है।

  • जैसे अनुवांशिक कारण।
  • व्यक्ति की बीमार अवस्था।
  • तनाव में होना।
  • बुखार होना। (और पढ़े – चमकी बुखार क्या है)
  • शराब की आदत होना।
  • कुछ दवा लेने के कारण नींद बोलने की समस्या हो सकता है।
  • अवसाद होना।
  • नींद संबंधित समस्या।
  • नींद की कमी होना।

नींद में बोलने के लक्षण क्या है ? (Symptoms of Sleep Talking in Hindi)

नींद में बोलने के अनेको लक्षण नजर आ सकते है।

  • नींद में बोलने का सबसे आम लक्षण बड़बड़ाना होता है।
  • ऐसे में मरीज बिना किसी कारण के बड़बड़ाते है।
  • नींद बोलने की समस्या रोजाना या कभी कभी नजर आ सकती है।
  • नींद में चिल्लाने की आदत भी दिखाई देती है।
  • रात में गहरे नींद में व्यक्ति को डर के साथ चिल्लाने व बड़बड़ाना लगता है। (और पढ़े – अनिद्रा के लक्षण)
  • नींद में बोलने के कुछ अन्य लक्षण भी हो सकते है।
  • नींद में चलना। सपने आना।
  • मानसिक रोग होना।
  • रात होते ही डर लगना।
  • रात में दौरे पड़ना।
  • उलझन होना।
  • व्यवहार में बदलाव।

नींद में बोलने का उपचार क्या है ? (Treatments for Sleep Talking in Hindi)

नींद में बोलने की बीमारी का कोई सटीक उपचार उपलब्ध नहीं है लेकिन मरीज के आदतों को सुधार करने के लिए कुछ सुझाव दे सकते है। ताकि आपको नींद से आराम मील सके।

  • अगर आपके साथ सोने वाले लोग को परेशानी होती है तो आपको दूसरे कमरे में सोना चाहिए।
  • रात को कम भोजन करना चाहिए न की अधिक भोजन कर सोना चाहिए।
  • अपने कमरे में नाईट नोशन मशीन लगाना चाहिए ताकि पास में सोने वाले व्यक्ति को आवाज नहीं सुनाई देती है।
  • जीवनशैली में कुछ बदलाव करना चाहिए। जैसे शराब न पीना, रोजना सोने के समय एक जैसा तय करना जिससे मस्तिष्क को आराम मिलेगा।
  • अगर देखा जाये तो नींद में बोलने का कोई खास उपचार की जरुरत नहीं होती है। यह अपने आप ठीक हो जाता है। कुछ लोगो में नींद न आने व तनाव, चिंता से परेशान है तो नींद विशेषज्ञ से उपचार करवाना चाहिए। नींद में बोलने वाले व्यक्ति के पास एअर प्लग लगाकर सोये।

नींद में बोलने से बचाव कैसे करें ? (Prevention of Sleep Talking in Hindi)

नींद में बोलने की समस्या को दूर करने के कुछ निम्न तरीको को अपना सकते है।

  • सोने का सही समय बनाये।
  • पूरी नींद लेने का प्रयास करे।
  • शराब का सेवन न करें।
  • शारीरिक और मानसिक तनाव से बचे।
  • सोने से पहले भारी भोजन न करें।
  • नींद के दौरान आने वाली समस्या का सामना करें।

अगर आपको नींद में बोलने की समस्या कई से दिनों से हो रही है तो आपको किसी अच्छे somnologist से संपर्क करें।

हमारा उद्देश्य केवल आपको लेख के माध्यम से जानकारी देना है। हम आपको किसी तरह दवा, उपचार की सलाह नहीं देते है। आपको अच्छी सलाह केवल एक चिकिस्तक ही दे सकता है। क्योंकि उनसे अच्छा दूसरा कोई नहीं होता है।


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